पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री Gurmeet Singh Khudian ने बताया
कि इस बार धान की कटाई के सीजन की शुरुआत से पहले कृषि विभाग ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं।
अब तक राज्य में 11,052 कृषि अवशेष प्रबंधन (सी.आर.एम.) मशीनों के लिए 6,377 मंजूरी पत्र जारी किए गए हैं,
ताकि किसानों को पराली के सही प्रबंधन में मदद मिल सके।
मंत्री ने कहा कि किसानों द्वारा पराली के प्रभावी
मंत्री ने कहा कि किसानों द्वारा पराली के प्रभावी प्रबंधन के लिए अब तक 5,534 सी.आर.एम. मशीनें खरीदी जा चुकी हैं।
इनमें से 4,640 मशीनें व्यक्तिगत किसानों द्वारा, 745 पंजीकृत किसान समूहों द्वारा, 119 सहकारी सभाओं द्वारा,
और 30 किसान उत्पादक संगठनों द्वारा खरीदी गई हैं।
Gurmeet Singh Khudian ने बताया कि सी.आर.एम. मशीनों में
गुरमीत सिंह खुड़ियां ने बताया कि सी.आर.एम. मशीनों में सबसे अधिक मांग सुपर सीडर मशीनों की है,
जिसके लिए 4,945 मंजूरी पत्र जारी किए गए हैं। इसके अलावा, ज़ीरो टिल ड्रिल के लिए 1,164 मंजूरी पत्र,
हाइड्रोलिक रिवर्सिबल एम.बी. प्लाऊ के लिए 637, स्ट्रॉ रेक के लिए 630, बेलिंग मशीन के लिए 607
और पैडी स्ट्रॉ चॉपर के लिए 591 मंजूरी पत्र जारी किए गए हैं।
पंजाब सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए किसानों को मशीनों से लैस करने और अन्य रणनीतियों को लागू करने के लिए 500 करोड़ रुपये की कार्य योजना तैयार की है।
खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान सब्सिडी पर विभिन्न सी.आर.एम. मशीनों के लिए कृषि विभाग को 21,830 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि धान की कटाई के बाद फसल अवशेषों के प्रभावी प्रबंधन के लिए छोटे और
सीमांत किसानों की सी.आर.एम. मशीनरी तक पहुंच आसान बनाने के लिए राज्य भर में 163 कस्टमर हायरिंग सेंटर (सी.एच.सी.) स्थापित किए गए हैं।
इन मशीनों से खेतों को साफ रखने के साथ-साथ मिट्टी की गुणवत्ता और उर्वरक क्षमता बनाए रखने में मदद मिलती है,
जिससे टिकाऊ खेती को प्रोत्साहन मिलता है।
उन्होंने राज्य के किसानों से अपील की कि वे सी.आर.एम. मशीनों पर उपलब्ध सब्सिडी का अधिकतम लाभ उठाएं और
पराली जलाने की समस्या को रोकने के लिए इन मशीनों का भरपूर उपयोग करें।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा सी.आर.एम. मशीनों की खरीद पर व्यक्तिगत किसानों को 50% सब्सिडी
और किसान समूहों व सहकारी सभाओं को 80% सब्सिडी प्रदान की जा रही है।