George Jacob Koovakad : भारतीय पादरी जॉर्ज जैकब कूवाकड को पवित्र रोमन कैथोलिक चर्च के कार्डिनल के रूप में पदोन्नत किए जाने पर आयोजित भव्य समारोह में भारत से एक बहु-धार्मिक प्रतिनिधिमंडल ने शिरकत की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस विशेष अवसर पर भारत से भेजे गए प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न धर्मों के प्रमुख सदस्य शामिल थे।
इस समारोह में राज्यसभा सांसद और भारतीय अल्पसंख्यक फेडरेशन के संयोजक सतनाम सिंह संधू ने हिस्सा लिया,
जो इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले पहले सिख सांसद बने।
प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन, पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर, सांसद कोडिक्कुन्निल सुरेश, अनिल एंटनी, और टॉम वडक्कन जैसे गणमान्य शामिल थे।
George Jacob Koovakad : पोप फ्रांसिस का अभिनंदन
पोप फ्रांसिस ने सेंट पीटर बेसिलिका में आयोजित इस समारोह में 16 देशों से 21 नए कार्डिनलों को पदोन्नत किया।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की और भारत के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को दर्शाया।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की पहल
प्रतिनिधिमंडल ने पोप फ्रांसिस को भारत आने का निमंत्रण देते हुए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शांति और सद्भावना को बढ़ावा देने का संदेश दिया।
साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति ईसाई समुदाय के समर्थन और उनकी एकता और भाईचारे की भावना को भी प्रकट किया।
George Jacob Koovakad : कार्डिनल कूवाकड का गौरवशाली चयन
केरल के चंगनास्सेरी के आर्चडायोसिस से जुड़े जॉर्ज जैकब कूवाकड को कार्डिनल के रूप में पदोन्नत किया गया।
वे बिना बिशप बने सीधे इस प्रतिष्ठित पद पर पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं।
इस उपलब्धि के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें बधाई दी
और इसे कैथोलिक चर्च के वैश्विक पदानुक्रम में भारतीय प्रतिनिधित्व के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया।
प्रधानमंत्री मोदी की धर्मनिरपेक्षता पर जोर
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि इस बहु-धार्मिक पहल से भारत की विविधता में एकता और सामुदायिक सद्भाव का अद्वितीय संदेश गया है।
यह पहली बार है जब केंद्र सरकार ने वेटिकन सिटी में इस प्रकार का प्रतिनिधिमंडल भेजा।
राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने अपने नेतृत्व में भारत में सभी समुदायों के बीच भाईचारा
और सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत किया है।
यह ऐतिहासिक कदम भारत के अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं
जिन्होंने पोप फ्रांसिस से दो बार मुलाकात की है
और इस दौरान बहु-धार्मिक सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को प्रकट किया है।