Pune GBS Guillain-Barre Syndrome – पुणे, जो महाराष्ट्र का एक प्रमुख शहर है, वहां इन दिनों एक अनोखी बीमारी चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बीमारी का नाम है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS)।
यह एक दुर्लभ बीमारी है, लेकिन हाल ही में इसके 26 नए मामले सामने आए हैं। इस खबर ने स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह सतर्क कर दिया है।
Pune GBS Guillain-Barre Syndrome – क्या है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम?
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक गंभीर लेकिन दुर्लभ स्थिति है, जिसमें शरीर की इम्यून प्रणाली गलती से नसों पर हमला कर देती है।
इसका असर शरीर की मांसपेशियों पर पड़ता है। शुरुआत में मरीज को हल्की कमजोरी महसूस होती है,
लेकिन अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह समस्या बढ़ सकती है। गंभीर मामलों में मरीज को लकवा तक हो सकता है।
कैसे फैल रही है यह बीमारी?
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह बीमारी आमतौर पर किसी वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद पाई जाती है।
हालांकि, पुणे में सामने आए इन मामलों की वजह का अभी पता लगाया जा रहा है।
पुणे में क्या है स्थिति?
शहर के तीन प्रमुख अस्पतालों में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के कुल 26 मामले दर्ज किए गए हैं।
अचानक इतने ज्यादा मामलों ने प्रशासन को चिंतित कर दिया है।
डॉक्टर लगातार इन मरीजों पर नजर बनाए हुए हैं और हरसंभव इलाज उपलब्ध करवा रहे हैं।
लक्षण क्या हैं?
अगर आप या आपके आसपास किसी को ये लक्षण दिखाई दें तो सतर्क हो जाएं:
•मांसपेशियों में कमजोरी
•हाथ-पैर सुन्न होना
•झुनझुनी महसूस होना
•चलने-फिरने में परेशानी
इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर इलाज होने पर इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।
Pune GBS Guillain-Barre Syndrome – स्वास्थ्य विभाग की तैयारी
पुणे नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क हो गए हैं। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।
विभाग का कहना है कि इस बीमारी की मृत्यु दर बहुत कम है, और सही इलाज मिलने से मरीज पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।
बचाव के उपाय
•हाथों की सफाई का ध्यान रखें।
•संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनें।
•हल्के लक्षणों को भी नजरअंदाज न करें।
•डॉक्टर से नियमित सलाह लेते रहें।
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक गंभीर बीमारी जरूर है, लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है। जागरूकता और सतर्कता से इसे हराया जा सकता है। पुणे का स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए है। डॉक्टरों का कहना है कि समय पर इलाज करवाने से मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं।