स्वामित्व योजना से लेकर समाधान शिविर तक – पंचकूला में बर्फ़ की तरह घुल रही समस्याएं!

Svamitva Yojana : स्वामित्व योजना से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए पंचकूला जिले में समाधान शिविर का आयोजन किया जा रहा है।

जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजन सिंगला ने बताया कि ये शिविर अब हर कार्यदिवस को जिले के चारों ब्लॉकों के बीडीपीओ कार्यालयों में सुबह 9 बजे से 11 बजे तक आयोजित किए जा रहे हैं।

मुख्य रूप से, ये शिविर स्वामित्व योजना से जुड़े मुद्दों का निवारण करने के लिए शुरू किए गए हैं,

ताकि ग्रामीणों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके।

Svamitva Yojana : हर समस्या का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाए

उन्होने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि शिविरों में आने वाली हर समस्या का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाए।

राजन सिंगला ने यह भी बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा 22 अक्टूबर से इस अभियान की शुरुआत की गई थी,

और अब यह निरंतर जारी रहेगा। उनका कहना है कि यह शिविर ग्रामीणों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं,

क्योंकि यहां वे सीधे अपनी समस्याएं उठा सकते हैं और उन्हें त्वरित समाधान मिल सकता है।

समाधान शिविर में विशेष ध्यान स्वामित्व योजना पर दिया जा रहा है, जिसका उद्देश्य भूमि के मालिकाना हक से संबंधित समस्याओं को सुलझाना है।

अधिकारियों ने बताया कि हर दिन शिविर में एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जो मुख्यालय पर भेजी जाएगी,

ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही या कोताही से बचा जा सके।

इस प्रक्रिया में बीडीपीओ, एसईपीओ, ग्राम सचिव, पटवारी और अन्य संबंधित अधिकारी शिविरों में मौजूद रहते हैं,

ताकि समस्याओं का समाधान किया जा सके।

डीडीपीओ राजन सिंगला : समाधान शिविरों के बारे में ग्रामीणों को जागरूक करें

डीडीपीओ राजन सिंगला ने यह भी अपील की कि ब्लॉक स्तर पर अधिकारी

और कर्मचारी समाधान शिविरों के बारे में ग्रामीणों को जागरूक करें।

ताकि अधिक से अधिक लोग इन शिविरों का लाभ उठा सकें और अपनी समस्याओं का हल मौके पर ही पा सकें।

उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य सिर्फ यह है कि कोई भी ग्रामीण अपने अधिकारों से वंचित न रहे

और उसके पास अपना घर और भूमि का अधिकार सुनिश्चित हो।”

समाधान शिविर में समस्या समाधान की प्रक्रिया को तेज़ और पारदर्शी बनाने की दिशा में भी कई कदम उठाए गए हैं।

एक तरफ जहां अधिकारियों को समस्याओं के समाधान के लिए निर्देश दिए गए हैं,

वहीं दूसरी तरफ पंचायत विभाग और स्वामित्व योजना से संबंधित विभागों को पूरी प्रक्रिया को व्यवस्थित

और शीघ्रता से पूरा करने के लिए प्रेरित किया गया है।

शिविरों के आयोजन के बाद, अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि ग्रामीणों को न केवल स्वामित्व योजना से जुड़ी समस्याओं का समाधान मिले,

बल्कि उनका जीवन स्तर भी सुधरे और वे सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।

राजन सिंगला ने अंत में यह कहा, “समाधान शिविर न केवल एक प्रशासनिक कार्य है,

बल्कि यह हर नागरिक की जरूरत को प्राथमिकता देने का हमारा तरीका है।”

Sakshi Dutt:

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