हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री Om Prakash Chautala का शुक्रवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया।
वह 89 वर्ष के थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और पिछले कुछ वर्षों से उनका इलाज मेदांता अस्पताल में चल रहा था।
शुक्रवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई,
जिसके बाद उन्हें सुबह 11:35 बजे इमरजेंसी में भर्ती कराया गया।
अस्पताल प्रशासन ने दोपहर 12 बजे उनके निधन की पुष्टि की।
Om Prakash Chautala का जीवन परिचय
ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी 1935 को हरियाणा के सिरसा जिले के चौटाला गांव में हुआ था।
वह हरियाणा की राजनीति के प्रमुख चेहरों में से एक थे और पांच बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर चुके थे।
उनकी गिनती एक सशक्त और प्रभावशाली राजनेता के रूप में होती थी, जो ग्रामीण और किसान वर्ग में विशेष लोकप्रिय थे।
ओम प्रकाश चौटाला ने पहली बार 2 दिसंबर 1989 को हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और 22 मई 1990 तक इस पद पर रहे।
उनका दूसरा कार्यकाल 12 जुलाई 1990 को शुरू हुआ,
जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता को पद से हटा दिया गया।
हालांकि, यह कार्यकाल केवल पांच दिनों का था।
22 अप्रैल 1991 को चौटाला ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद संभाला,
लेकिन इस बार भी उनका कार्यकाल केवल दो सप्ताह तक चला, जब केंद्र सरकार ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया।
इसके बाद, चौटाला ने 1999 और 2000 में भी मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
राजनीतिक योगदान और संघर्ष
ओम प्रकाश चौटाला, चौधरी देवीलाल के पुत्र थे, जो हरियाणा और देश के एक प्रमुख किसान नेता थे।
अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए, चौटाला ने हरियाणा में किसान और ग्रामीण मुद्दों को उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वे इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के प्रमुख नेता थे और पार्टी को एक मजबूत राजनीतिक शक्ति के रूप में स्थापित किया।
हालांकि उनके राजनीतिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए।
उन पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप भी लगे।
साल 2013 में जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें सजा सुनाई गई,
जिसके चलते उनका राजनीतिक करियर प्रभावित हुआ।
निधन पर शोक की लहर
ओम प्रकाश चौटाला के निधन से हरियाणा में शोक की लहर है।
समर्थक और राजनीतिक सहयोगी उनकी राजनीतिक सूझबूझ और नेतृत्व क्षमता की सराहना कर रहे हैं।
उनके निधन को हरियाणा और देश की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति के रूप में देखा जा रहा है।
उनके अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव चौटाला में तैयारियां की जा रही हैं,
जहां बड़ी संख्या में समर्थकों और राजनीतिक हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है।
ओम प्रकाश चौटाला की विरासत हरियाणा की राजनीति में लंबे समय तक याद की जाएगी।