रेबीज (Rabies) का खौफ- एक मामूली काट, लेकिन मौत के दरवाज़े तक!

सिविल सर्जन लुधियाना, डॉ. प्रदीप कुमार ने लोगों को आगाह करते हुए कहा है कि Rabies एक घातक बीमारी है,

जो किसी भी जानवर के काटने से हो सकती है।

कुत्ता, बिल्ली, चूहा, बंदर, लंगूर, चमगादड़, खरगोश या नियोला जैसे जानवरों के काटने पर तुरंत कार्रवाई करना बेहद जरूरी है।

सबसे पहले घाव को 15 मिनट तक साबुन और बहते हुए साफ पानी से अच्छी तरह धोएं।

फिर घाव को अल्कोहल या आयोडीन के घोल से कीटाणु रहित करें, लेकिन ध्यान रखें कि घाव को नंगे हाथों से छूने से बचें।

इसके अलावा, घाव पर तेल, काली मिर्च, नींबू, पत्तियां या कोई और घरेलू उपाय न करें और न ही पट्टी बांधें।

डॉक्टर की सलाह के अनुसार टीकाकरण

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मरीज को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर डॉक्टर की सलाह के अनुसार संपूर्ण टीकाकरण कराना चाहिए।

डॉ. कुमार ने यह भी बताया कि जिन लोगों के घर में पालतू जानवर हैं,

जैसे गाय, भैंस, बकरी, घोड़ा या गधा, उन्हें और उनके जानवरों को भी रेबीज से बचाव के लिए टीका लगवाना जरूरी है।

यदि आप हल्काई भैंस या गाय का दूध पीना चाहते हैं, तो उनका भी टीकाकरण सुनिश्चित करें।

Rabies का टीका हेल्थ सेंटरों पर प्रतिदिन मुफ्त में उपलब्ध

रेबीज का टीका जिला अस्पतालों, उप-विभागीय अस्पतालों और कम्यूनिटी हेल्थ सेंटरों पर प्रतिदिन मुफ्त में उपलब्ध है।

इसलिए किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचें।

डॉक्टर ने कहा कि लोग अपने आपको और अपने परिवार को जानवरों के काटने से बचाने के लिए सतर्क रहें।

विशेषकर बच्चों को आवारा जानवरों से दूर रखें और उनके साथ खेलने से रोकें।

स्वास्थ्य विभाग रेबीज की रोकथाम के लिए लगातार जागरूकता गतिविधियां चला रहा है।

इस जानलेवा बीमारी से बचने का एकमात्र उपाय है, तुरंत और संपूर्ण टीकाकरण।

अगर आपने अपने घर में कोई पालतू जानवर रखा हुआ है, तो उसका और आपका समय पर टीकाकरण कराना न भूलें।

जानवरों के काटने पर हरगिज़ लापरवाही न बरतें, क्योंकि यह जानलेवा साबित हो सकता है।

Isha Chauhan:

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