Farmers Protest – पंजाब में किसानों के आंदोलन ने एक नया मोड़ ले लिया है।
खनौरी बॉर्डर पर पिछले 30 दिनों से मरणव्रत पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अपनी स्थिति गंभीर होने के बावजूद मैडीकल ट्रीटमेंट लेने से इनकार कर दिया है।
उन्होंने साफ कहा है कि जब तक उनकी मांगें मानी नहीं जातीं, वे अपना मरणव्रत जारी रखेंगे।
Farmers Protest – डल्लेवाल की हालत बेहद गंभीर
डॉक्टरों के मुताबिक, जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत अब चिंताजनक हो चुकी है।
लगातार कमजोर हो रहे शरीर के बावजूद उन्होंने अपनी मांगों पर अडिग रहते हुए पंजाब सरकार से केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की अपील की है।
पंजाब बंद की तैयारियां शुरू
किसान नेताओं ने ऐलान किया है कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद का आह्वान किया गया है।
इसके लिए तैयारियां आज, 26 दिसंबर से शुरू हो रही हैं।
शंभू और खनौरी मोर्चे के कन्वीनर सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि आज इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी।
27 दिसंबर को किसान पूरे पंजाब में जागरूकता अभियान चलाएंगे।
गांवों, कस्बों और शहरों में पैदल यात्राएं कर दुकानदारों, रेहड़ी-फड़ी वालों और शैक्षणिक संस्थानों से समर्थन की अपील की जाएगी।
किसान नेता इस बंद के माध्यम से केंद्र सरकार तक अपना रोष पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
देशभर में आंदोलन को समर्थन
किसान आंदोलन अब राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच चुका है।
देशभर में किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल के मरणव्रत के समर्थन में कैंडल मार्च निकाल रहे हैं।
इसके अलावा, अन्य राज्यों में भी किसान नेता सांकेतिक भूख हड़ताल करके अपना समर्थन व्यक्त कर रहे हैं।
Farmers Protest – मांगें पूरी न होने तक संघर्ष जारी
किसान नेताओं ने स्पष्ट किया है कि उनकी मांगें पूरी होने तक यह आंदोलन खत्म नहीं होगा।
पंजाब बंद के माध्यम से वे केंद्र सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं कि किसान अब किसी भी हाल में झुकने को तैयार नहीं हैं।
क्यों हो रहा है आंदोलन?
किसानों की मुख्य मांगें फसलों के उचित मूल्य, कृषि सुधार और कर्ज माफी से संबंधित हैं।
आंदोलनकारी चाहते हैं कि पंजाब सरकार, केंद्र सरकार पर दबाव बनाए और किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान हो।
अगले कदम की तैयारी
किसान नेताओं ने संकेत दिया है कि 30 दिसंबर के पंजाब बंद के बाद आंदोलन और तेज किया जाएगा।
यदि केंद्र सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया जा सकता है।
इस बीच, आंदोलन के चलते राज्य में तनाव बढ़ रहा है।
अब यह देखना होगा कि सरकार इस संकट को कैसे संभालती है।