Fake RTI के खेल पर सख्ती – पंजाब आयोग का बड़ा फैसला!

Fake RTI

Fake RTI – पंजाब राज्य सूचना आयोग ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए खरड़ निवासी Manjinder Singh पर अगले एक साल तक आयोग में आरटीआई (सूचना का अधिकार) आवेदन दाखिल करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

यह आदेश राज्य सूचना आयुक्त संदीप सिंह धालीवाल ने जारी किया।

Fake RTI – क्या है मामला?

मनजिंदर सिंह ने पंजाब राज्य सूचना आयोग में सेकंड अपील के तहत करीब 200 आरटीआई मामले दर्ज कराए थे।

इनमें से 70 मामलों की सुनवाई 8 जनवरी 2025 को हुई।

सुनवाई के दौरान सामने आया कि मनजिंदर सिंह कथित रूप से फर्जी आरटीआई दाखिल कर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को ब्लैकमेल कर रहे थे।

इसके जरिए सरकारी कामकाज को बाधित करने और भ्रष्ट गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप लगे।

जब आयोग ने मनजिंदर सिंह से इन मामलों की जनहित उपयोगिता पर सवाल किया, तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

Manjinder Singh – आयोग का कड़ा रुख

राज्य सूचना आयुक्त ने स्पष्ट किया कि उच्च न्यायालयों के पूर्व निर्णयों के आधार पर यह कदम उठाया गया है।

आयोग ने न केवल मनजिंदर सिंह पर प्रतिबंध लगाया,

बल्कि उनकी ओर से अधिकारियों पर लगाए गए जुर्माने और मुआवजे के आदेशों को भी रद्द कर दिया।

आयोग की सलाह

आयोग ने पब्लिक अथॉरिटीज को यह सलाह दी है

कि अगर कोई आरटीआई आवेदन एक जैसा या केवल कार्यालय पर अनावश्यक बोझ डालने वाला हो,

तो उसे नजरअंदाज किया जाए।

Fake RTI – क्या है मामला?

मनजिंदर सिंह ने पंजाब राज्य सूचना आयोग में सेकंड अपील के तहत करीब 200 आरटीआई मामले दर्ज कराए थे।

इनमें से 70 मामलों की सुनवाई 8 जनवरी 2025 को हुई।

सुनवाई के दौरान सामने आया कि मनजिंदर सिंह कथित रूप से फर्जी आरटीआई दाखिल कर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को ब्लैकमेल कर रहे थे।

इसके जरिए सरकारी कामकाज को बाधित करने और भ्रष्ट गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप लगे।

जब आयोग ने मनजिंदर सिंह से इन मामलों की जनहित उपयोगिता पर सवाल किया, तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।