चंडीगढ़, 25 मार्च – हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री पंकज अग्रवाल ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निस्पक्ष तरीके से संपन्न कराने में ईआरओ, डीईओ, सीईओ और राजनीतिक दलों की अहम भूमिका है। इस कड़ी में सभी स्टेक होल्डरों के साथ बैठकों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि चुनावी प्रक्रिया को सटीक और प्रभावी बनाया जा सके।
राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी
श्री अग्रवाल ने बताया कि देशभर में 4,123 ईआरओ (निर्वाचन रजिस्ट्रार अधिकारी) अपने-अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों (एसी) में मतदान केंद्र स्तर पर लंबित किसी भी मुद्दे का समाधान करने के लिए सर्वदलीय बैठकों का आयोजन कर रहे हैं। इसके अलावा, 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के सभी 788 जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) और 36 मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) को भी जिला और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र स्तर पर इसी प्रकार की बैठकें आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। इन बैठकों में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960, और निर्वाचन संचालन नियम 1961 के तहत कानूनी ढांचे के भीतर चुनावी प्रक्रिया पर चर्चा की जाती है।
आयोग के निर्देश और भविष्य की कार्यवाही
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में 4 मार्च 2025 को आईआईआईडीईएम, नई दिल्ली में आयोजित सम्मेलन के दौरान इन बैठकों के आयोजन के लिए दिशा-निर्देश दिए गए थे। इन बैठकों में राष्ट्रीय और राज्यीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी पहले ही शुरू हो चुकी है, और आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे अपनी सक्रिय भागीदारी का लाभ उठाएं और किसी भी लंबित मुद्दे का समाधान समयबद्ध तरीके से करें।
जमीनी स्तर पर सक्रिय भागीदारी की सराहना
श्री पंकज अग्रवाल ने बताया कि चुनावी प्रक्रिया में राजनीतिक दलों के विभिन्न प्रतिनिधि जैसे बूथ लेवल एजेंट (बीएलए), पोलिंग एजेंट, काउंटिंग एजेंट और चुनाव एजेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन जमीनी स्तर की बैठकों में राजनीतिक दलों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया है, और आयोग इस प्रकार की भागीदारी का स्वागत करता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो, आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे इस अवसर का पूरी तरह से लाभ उठाएं।