अगले साल फिर मिलने के वादे के साथ संपन्न हुआ 38वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला!

चंडीगढ़, 24 फरवरी: सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला केवल एक व्यापारिक मंच नहीं, बल्कि भारत की कला, संस्कृति और विरासत का भव्य संगम है। केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि लाखों लोगों की भीड़ और दुनियाभर के कलाकारों के समागम को देखते हुए इसे “शिल्प और कला का महाकुंभ” कहना गलत नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि यह मेला हरियाणा को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित कर रहा है और भारत की विविध सांस्कृतिक धरोहर को एक ही स्थान पर देखने का अवसर देता है। सूरजकुंड शिल्प मेला और कुरुक्षेत्र अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती समारोह मिलकर हरियाणा को वैश्विक पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
मेला बना ‘मिनी भारत’, बढ़ रही है अंतरराष्ट्रीय भागीदारी
38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2015 में जब इस मेले को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया गया था, तब इसमें 20 देशों ने भाग लिया था, लेकिन अब 44 देश इससे जुड़ चुके हैं। यह मेले की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि सूरजकुंड मेले में दक्षिण भारत के इडली-डोसा से लेकर हरियाणा के बाजरे की खिचड़ी तक, देश-विदेश की कला, व्यंजन और परिधानों की अनूठी झलक देखने को मिलती है। यह मेला देश की एकता और सांस्कृतिक विविधता को मजबूती प्रदान करता है।
“विकसित भारत” की ओर मजबूत कदम – पर्यटन मंत्री
हरियाणा के पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जो संकल्प लिया है, उसमें सूरजकुंड शिल्प मेला मील का पत्थर साबित हो रहा है।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 13 लाख पर्यटकों ने इस मेले में हिस्सा लिया था, जबकि इस बार यह संख्या 18 लाख तक पहुंच गई है। यह दर्शाता है कि यह मेला हर साल और भव्य एवं आकर्षक होता जा रहा है।
1200 स्टॉल्स का पारदर्शी आवंटन: इस वर्ष मेले में 1200 से अधिक स्टॉल्स लगाए गए थे, जिनका आवंटन पूरी पारदर्शिता के साथ ऑनलाइन प्रक्रिया द्वारा किया गया।
‘कला रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित हुए शिल्पी
समापन समारोह में विभिन्न देशों के प्रतिष्ठित शिल्पकारों को ‘कला रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
•आंध्र प्रदेश की डी. शिवम्मा
•गुजरात के मगन भाई
•श्रीलंका के ईएडब्ल्यू पुष्पकुमारा
•आर्मेनिया के अर्मेन खासतियान
•जिम्बाब्वे के टेंबा मलंगा
“एक भारत-श्रेष्ठ भारत” की थीम पर सांस्कृतिक प्रस्तुति
इस अवसर पर कोरियोग्राफर संजय शर्मा द्वारा तैयार की गई “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” थीम पर आधारित शानदार नृत्य प्रस्तुति हुई, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृतियों को शानदार तरीके से प्रस्तुत किया गया।
हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत को मिला नया आयाम
मेले के दौरान केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल और पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा ने सूरजकुंड के ऐतिहासिक स्थल, कला एवं सांस्कृतिक विभाग की धातु चित्रों की आर्ट गैलरी, ओडिशा और मध्य प्रदेश की पवेलियन का दौरा किया।
माल रोड से निकली ‘जगमगाती कार्निवल’ परेड में विभिन्न देशों के कलाकारों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में शानदार प्रदर्शन किया।
समापन समारोह में हरियाणा सरकार के वरिष्ठ मंत्री, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी और देश-विदेश के मेहमान उपस्थित रहे।
अगले साल फिर मिलने के वादे के साथ विदाई
38वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला अगले साल फिर नए जोश और उत्साह के साथ मिलने के वादे के साथ संपन्न हुआ। यह मेला न सिर्फ भारत की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच प्रदान कर रहा है, बल्कि लाखों कलाकारों और शिल्पकारों को आजीविका का मजबूत आधार भी दे रहा है।