चुनावी मैदान में दक्षता की तैयारी: 369 अधिकारियों को दिल्ली में मिला प्रशिक्षण!

चंडीगढ़, 30 अप्रैल: भारत में लोकतंत्र की नींव को और मजबूत करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग निरंतर प्रयासरत है। इसी दिशा में, दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में एक दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न राज्यों से आए निर्वाचन अधिकारियों को चुनावी प्रक्रियाओं में दक्षता बढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री पंकज अग्रवाल ने जानकारी दी कि यह विशेष प्रशिक्षण सत्र बिहार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ), बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ), और पर्यवेक्षकों के लिए आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार द्वारा किया गया। उन्होंने प्रतिभागियों को निर्वाचन से जुड़ी जिम्मेदारियों और नियमों की गहन जानकारी दी।

श्री अग्रवाल ने बताया कि इस मिश्रित बैच प्रशिक्षण सत्र में कुल 369 अधिकारी भाग ले रहे हैं, जिनमें जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले चुनाव अधिकारी शामिल हैं। प्रशिक्षण का उद्देश्य मतदाता सूची की सटीकता, पारदर्शिता और अद्यतन स्थिति सुनिश्चित करना है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि ईआरओ और बीएलओ की भूमिका न केवल चुनावी प्रक्रिया के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, बल्कि वे मतदाता नामावली की शुद्धता और समय पर अद्यतन करने के लिए भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960, और निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप ही कार्य करना होता है।

गौरतलब है कि इसी महीने के आरंभ में, बिहार के दस मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से संबंधित लगभग 280 बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) को भी इसी संस्थान में प्रशिक्षित किया गया था। यह पहल भारत निर्वाचन आयोग की समावेशी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें सभी संबंधित हितधारकों को चुनावी प्रक्रिया की बेहतर समझ देना शामिल है।

प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम अत्यंत व्यावहारिक और भागीदारीपूर्ण रखा गया है। इसमें शामिल हैं –

  • ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का तकनीकी प्रशिक्षण

  • फॉर्म 6, 6A, 7 और 8 को भरने का अभ्यास

  • इंटरऐक्टिव सेशन, केस स्टडी और भूमिका-अभिनय आधारित सत्र

  • घर-घर सर्वेक्षण के प्रदर्शन आधारित अभ्यास

  • मतदाता हेल्पलाइन ऐप (VHA) और बीएलओ ऐप के उपयोग की जानकारी

श्री अग्रवाल ने बताया कि इन सत्रों का संचालन राष्ट्रीय स्तर के अनुभवी मास्टर प्रशिक्षकों (NLMT) तथा निर्वाचन आयोग के आईटी और ईवीएम विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है। सत्रों में क्षेत्रीय स्तर पर आमतौर पर की जाने वाली त्रुटियों, उनसे बचने के उपाय, और चुनाव प्रक्रिया की जमीनी हकीकतों पर गहराई से चर्चा की जा रही है।

इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों को यह भी सिखाया जा रहा है कि वे किस प्रकार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 24(क) के अंतर्गत अंतिम मतदाता सूची से संबंधित अपीलों की प्रक्रिया को समझें और उसका पालन करें। इस क्रम में यह उल्लेखनीय है कि 6 से 10 जनवरी, 2025 के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान बिहार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से कोई भी अपील दायर नहीं की गई थी, जो यह दर्शाता है कि निर्वाचक नामावली का कार्य प्रभावी रूप से किया गया।

भारत निर्वाचन आयोग इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए यह सुनिश्चित करना चाहता है कि देशभर में चुनाव प्रक्रिया न केवल निष्पक्ष हो, बल्कि तकनीकी रूप से दक्ष और हर स्तर पर पारदर्शी भी बनी रहे। आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह पहल अत्यंत समयानुकूल और प्रशंसनीय है।