पंजाब सरकार का नशे के खिलाफ सख्त ऐलान, तीन महीने में राज्य को नशामुक्त करने का लक्ष्य!

चंडीगढ़, 28 फरवरी: पंजाब सरकार ने राज्य में नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में हुई उच्च स्तरीय बैठक में पुलिस कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और एसएसपी को तीन महीने के भीतर पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री का सख्त संदेश – नशे की जड़ खत्म करनी होगी

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नशा तस्करों की सप्लाई लाइन तोड़ने, अवैध संपत्तियों को जब्त और ध्वस्त करने, फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन और जन जागरूकता अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि, “यह पंजाब के भविष्य की लड़ाई है, जिसे जमीनी स्तर पर ठोस कार्रवाई के जरिए जीता जाएगा।”

नशा तस्करों पर कड़ी कार्रवाई के आदेश

✔ नशा तस्करों और उनके परिवारों को सरकारी सब्सिडी नहीं मिलेगी।
✔ अवैध संपत्तियों की जब्ती और ध्वस्तीकरण अभियान तेज किया जाएगा।
✔ नशे की आपूर्ति करने वालों की संपत्ति को 100% जब्त किया जाएगा।
✔ विशेष फास्ट ट्रैक अदालतें बनाई जाएंगी, ताकि दोषियों को जल्द सजा मिल सके।
✔ नशा तस्करों की जमानत रद्द कराने के लिए कड़ी पैरवी की जाएगी।

पुलिस-प्रशासन को मिले सख्त निर्देश

👉 नशे के हॉटस्पॉट की पहचान कर सख्त अभियान चलाए जाएं।
👉 हर दो हफ्ते में पुलिस अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में निरीक्षण करें।
👉 दिन-रात वाहनों की चेकिंग और छापेमारी बढ़ाई जाए।
👉 नशे में लिप्त पुलिसकर्मियों पर भी होगी सख्त कार्रवाई।

स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान

📖 छात्रों को नशे के खतरे से बचाने के लिए स्कूल पाठ्यक्रम में जागरूकता अभियान जोड़ा जाएगा।
📚 नशा तस्करों के कब्जे वाली जमीनों पर लाइब्रेरी और ज्ञान केंद्र बनाए जाएंगे।
💡 खेल-कूद, शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाएगा।

नशा मुक्त पंजाब के लिए जन आंदोलन का आह्वान

मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए कि वे इस अभियान को जन आंदोलन में बदलें। नशे के आदी लोगों के परिवारों को सलाह, सहायता और पुनर्वास केंद्रों तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन विशेष प्रयास करे।

तीन महीने में रिपोर्ट नहीं देने वालों पर होगी कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक महीने बाद सभी जिलों की प्रगति रिपोर्ट ली जाएगी और जो अधिकारी पर्याप्त कार्रवाई नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

इस महत्वपूर्ण बैठक में कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, अमन अरोड़ा, डॉ. बलबीर सिंह, तरुणप्रीत सिंह सौंद और लालजीत सिंह भुल्लर भी मौजूद थे।