चंडीगढ़, 12 जून: हरियाणा सरकार अब आधुनिक तकनीक के सहारे खेती और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रही है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विसेज ऑफ हरियाणा लिमिटेड (दृश्या) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 9वीं बैठक चंडीगढ़ में आयोजित हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश में ड्रोन तकनीक के विविध और प्रभावशाली उपयोगों पर विचार विमर्श कर कई अहम फैसले लिए गए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में फसल स्वास्थ्य की निगरानी और बीमारियों की समय रहते पहचान के लिए ड्रोन आधारित पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की जाए। इससे किसानों को समय पर सटीक जानकारी मिल सकेगी, जिससे वे फसल की रक्षा कर पाएंगे और उत्पादन हानि को काफी हद तक रोका जा सकेगा।
पायलट प्रोजेक्ट में इन फसलों पर रहेगा फोकस
मुख्यमंत्री सैनी ने सुझाव दिया कि इस पायलट परियोजना के तहत सबसे पहले उन फसलों को शामिल किया जाए, जो सामान्यतः बीमारियों की चपेट में जल्दी आती हैं – जैसे आलू, चना, कपास, धान और विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ। उन्होंने कहा कि यह तकनीक किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी और प्रदेश की कृषि उत्पादकता को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी।
महिलाओं को मिलेगा तकनीकी सशक्तिकरण का अवसर – ‘ड्रोन दीदी योजना’
मुख्यमंत्री ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक और बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि ‘ड्रोन दीदी योजना’ के तहत प्रदेश की 5,000 महिलाओं को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके पहले चरण में आने वाली एक तिमाही में 500 महिलाओं को प्रशिक्षण देने की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए। इस पहल से महिलाएं तकनीकी दक्षता प्राप्त कर स्वरोजगार के अवसरों से जुड़ सकेंगी, जिससे ग्रामीण और शहरी महिलाओं दोनों को लाभ होगा।
प्राकृतिक खेती को मिलेगा नया समर्थन
मुख्यमंत्री ने ड्रोन तकनीक के जरिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि ड्रोन का उपयोग विशेष रूप से ‘जीवामृत’ जैसे जैविक उत्पादों के छिड़काव के लिए किया जाए। साथ ही, किसानों को इस दिशा में भी उपयुक्त प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे वे पर्यावरण के अनुकूल और रसायन मुक्त खेती की ओर अग्रसर हो सकें।
दृश्या की उपलब्धियाँ और भविष्य की योजनाएँ
बैठक के दौरान दृश्या के सीईओ श्री फूल कुमार ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनकी संस्था पहले से ही कई क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक का सफलतापूर्वक इस्तेमाल कर रही है। इनमें एचटी पावर लाइन निरीक्षण, लार्ज स्केल मैपिंग, आपदा प्रबंधन, यातायात निगरानी, अवैध खनन की मॉनिटरिंग और फसल स्वास्थ्य निगरानी जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
अब तक 6,100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की मैपिंग की जा चुकी है और 21 एचटी पावर लाइनों के 680 किलोमीटर हिस्से का निरीक्षण सफलतापूर्वक किया गया है। इससे कई तकनीकी खामियों की समय रहते पहचान कर उन्हें सुधारा गया है। इसके अलावा 135 किसानों को अब तक ड्रोन संचालन में प्रशिक्षित किया जा चुका है।
करनाल स्थित रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (RPTO) में अब तक लगभग 243 उम्मीदवारों को UAV उड़ान प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। इस तकनीक का उपयोग राजस्व विभाग, शहरी स्थानीय निकाय, बिजली, आपदा प्रबंधन, खनन, वन, यातायात, नगर एवं ग्राम नियोजन तथा कृषि जैसे विभिन्न विभागों में तेजी से किया जा रहा है। इससे शहरी क्षेत्रों की मैपिंग, भूमि रिकॉर्ड अद्यतन, आपातकालीन सेवाओं और विकास परियोजनाओं में भारी सहायता मिल रही है।
भविष्य की दिशा: ड्रोन से होगा हरियाणा स्मार्ट और सुरक्षित
दृश्या की अगली कार्ययोजना के अनुसार, ड्रोन तकनीक का उपयोग और विस्तार कर अवैध खनन, आपदा प्रबंधन, यातायात निगरानी, और अनधिकृत निर्माण की पहचान जैसे क्षेत्रों में ठोस कदम उठाए जाएंगे। यह तकनीक हरियाणा को स्मार्ट गवर्नेंस और सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी।
बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारी
इस बैठक में हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू, शहरी संपदा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री ए.के. सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, नागरिक संसाधन सूचना विभाग के सचिव श्री विकास गुप्ता, नागरिक उड्डयन विभाग की सचिव श्रीमती अमनीत पी. कुमार, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के महानिदेशक श्री मकरंद पांडुरंग और लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गिरीश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।