पंजाब में बच्चों को भीखमांगने से बचाने का मिशन, डॉ. बलजीत कौर ने दिए सख्त निर्देश

Dr. Baljit Kaur

Dr. Baljit Kaur : पंजाब सरकार ने बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसमें बाल भीखमांगने की सामाजिक समस्या को समाप्त करने के लिए एक ठोस योजना बनाई गई है।

राज्य के सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग के तहत चल रही

जीवनजोत परियोजना का उद्देश्य उन बच्चों को भीख मांगने की स्थिति से बाहर निकालना,

उनका पुनर्वास करना और उन्हें एक सुरक्षित और उज्जवल भविष्य देना है।

Dr. Baljit Kaur : बाल भीखमांगने की घटनाओं को रोकने के लिए अभियान

कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने बाल भीखमांगने की घटनाओं को रोकने के लिए कई अभियान चलाए हैं।

ये अभियान हर महीने के दूसरे हफ्ते में आयोजित किए जाते हैं।

अब तक इस अभियान के तहत 187 बच्चों को भीख मांगने से बचाया गया है।

इनमें से 18 बच्चों को राज्य के बाल गृहों में भेजा गया,

जहां उन्हें भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य जरूरी सुविधाएं दी जा रही हैं।

बच्चों को उनके परिवारों तक पहुंचाने का काम

मंत्री ने बताया कि बाकी बच्चों को उनके परिवारों तक पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है।

इन बच्चों को बाल भलाई समिति के माध्यम से उनके माता-पिता के पास भेजा गया है।

कुछ बच्चों को सरकारी योजनाओं का भी लाभ दिया गया है,

जैसे 15 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना का फायदा और 80 बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलवाने की प्रक्रिया जारी है।

इसके अलावा, 3 बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में भी दाखिला कराया गया है, ताकि वे अपनी शिक्षा की शुरुआत कर सकें।

राज्य सरकार ने बच्चों के संरक्षण के लिए कानून भी सख्त

इस पहल के बारे में और बताते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बच्चों के संरक्षण के लिए कानून भी सख्त किया है।

पंजाब में जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन एक्ट 2015 के तहत 7 सरकारी और 39 गैर सरकारी बाल गृह रजिस्टर्ड किए गए हैं।

इन होम्स में अनाथ, बेसहारा और संरक्षित बच्चों को रखा जाता है, ताकि उन्हें बेहतर जीवन मिल सके।

मंत्री ने नागरिकों से अपील की कि यदि किसी को भीख मांगते हुए कोई बच्चा नजर आए,

तो वे तुरंत जिला बाल सुरक्षा यूनिट या बाल भलाई समिति को इसकी सूचना दें।

इसके अलावा, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर भी जानकारी दी जा सकती है,

जिससे बच्चों को शीघ्र मदद मिल सके और उनका भविष्य संवारने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया जा सके।

इस पहल से साफ है कि पंजाब सरकार बाल भीखमांगने की समस्या को गंभीरता से ले रही है

और इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।