नई दिल्ली स्थित कौशल भवन में आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम में दिव्य योग मंदिर (Divya Yoga Mandir) ट्रस्ट को राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) से दोहरी मान्यता प्राप्त हुई है।
यह मान्यता ट्रस्ट को “अवॉर्डिंग बॉडी” और “असेसमेंट बॉडी” दोनों के रूप में मान्यता देती है, जिससे अब ट्रस्ट कौशल मूल्यांकन और पुरस्कार प्रदान करने में सक्षम होगा।
Divya Yoga Mandir ट्रस्ट के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण
इस विशेष अवसर पर Divya Yoga Mandir ट्रस्ट के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने अपने संबोधन में कहा
कि इस मान्यता से ट्रस्ट को कौशल विकास, आत्मनिर्भर भारत और रोजगार सृजन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर मिला है।
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि ट्रस्ट अब 60 से अधिक व्यवसायिक शिक्षा के कोर्सों की पेशकश करेगा, जिससे देश के नागरिकों को उन्नत कौशल प्राप्त होगा।
यह कदम रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करेगा और देश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगा।
आचार्य बालकृष्ण ने यह भी कहा
आचार्य बालकृष्ण ने यह भी कहा कि बदलते समय के साथ कौशल विकास की आवश्यकता और भी बढ़ गई है।
वर्तमान में, युवाओं को केवल शिक्षा प्राप्त करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें व्यावसायिक कौशल भी हासिल करना होगा।
इससे न केवल उनके लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे, बल्कि वे अपने आसपास के लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर प्रदान कर सकेंगे।
जब नागरिक सक्षम और आत्मनिर्भर होंगे, तो देश की समृद्धि सुनिश्चित होगी।
दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की मान्यता
कार्यक्रम की अध्यक्षता NCVET के चेयरमैन श्री अतुल तिवारी ने की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि
दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की मान्यता एक महत्वपूर्ण कदम है, जो कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में नई संभावनाओं को खोलेगा।
उन्होंने ट्रस्ट की सराहना की और कहा कि यह मान्यता आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
इससे देश भर में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और युवाओं को उनके कौशल के अनुसार अवसर प्राप्त होंगे।
Divya Yoga Mandir ट्रस्ट को मिली जिम्मेदारी
इस नई मान्यता से दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है।
ट्रस्ट अब पेशेवर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी भूमिका को और मजबूत करेगा।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि ट्रस्ट इस मान्यता का उपयोग समाज के लिए बेहतर सेवाएं प्रदान करने में करेगा और
सभी को कौशल विकास के लाभ पहुंचाएगा।
यह मान्यता समाज को यह सिखाती है कि शिक्षा और कौशल विकास केवल व्यक्तिगत समृद्धि के लिए ही नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है।
एक शिक्षित और कुशल समाज ही देश की प्रगति की दिशा में ठोस कदम उठा सकता है।
जब लोग अपने कौशल को निखारते हैं और शिक्षा का सही उपयोग करते हैं,
तो वे न केवल अपने लिए बल्कि समाज के लिए भी योगदान देते हैं।
दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की इस उपलब्धि ने यह प्रमाणित किया है कि सही दिशा,
प्रयास और समर्पण से किसी भी संस्था को ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है।
यह एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे कौशल और शिक्षा का सही उपयोग समाज में बदलाव
और प्रगति की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा केवल व्यक्तिगत सफलता ही नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय प्रगति के लिए भी महत्वपूर्ण है।
एक सक्षम और शिक्षित समाज ही विकास की दिशा में ठोस कदम उठा सकता है।