राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय, सेक्टर-14 पंचकूला में चल रहे जिला स्तरीय Geeta Jayanti Mahotsav के दूसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उपायुक्त मोनिका गुप्ता के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में स्कूली विद्यार्थियों और स्थानीय कलाकारों ने हरियाणवी,
हिंदी, पंजाबी और संस्कृत में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर समां बांध दिया।
विद्यार्थियों की प्रभावशाली प्रस्तुति
राजकीय मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-20, सार्थक सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-12ए,
राजकीय मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-26 और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामगढ़ के विद्यार्थियों ने नृत्य,
गायन और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसके अलावा प्रदीप एंड पार्टी, शिव शक्ति एंड पार्टी और सुनील म्यूजिकल ग्रुप ने भी अपनी बेहतरीन प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन किया।
Geeta Jayanti Mahotsav : प्रदर्शनी ने खींचा ध्यान
कार्यक्रम के दौरान लगाई गई प्रदर्शनी में एमएसएमई, स्वयं सहायता समूह और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग ने स्टॉल लगाए।
इन स्टॉल्स ने लोगों को नवीन तकनीकों और उत्पादों से अवगत कराया।
•नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग ने बिजली बचाने के उपायों पर जानकारी दी।
•रेडक्रॉस ने फर्स्ट एड स्टॉल के माध्यम से प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी प्रदान की।
•स्वयं सहायता समूह की बहनों ने हैंडमेड ऊनी वस्त्रों के स्टॉल लगाए, जिन्हें लोगों ने खूब सराहा।
वेस्ट टू बेस्ट आइडियाज ने लूटी वाहवाही
एमएसएमई के स्टॉल्स पर प्रस्तुत किए गए वेस्ट मटेरियल से बनाए गए उत्पादों ने खासा ध्यान आकर्षित किया।
निक्की राज क्रिएशन्स की नंदनी ने वेस्ट चीजों से बेस्ट आइटम बनाकर अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया।
अपराजिता ने मिट्टी की ज्वेलरी के माध्यम से दर्शकों को लुभाया,
जबकि डिवाडैम के स्टॉल पर श्रेया पंकज ने विभिन्न राज्यों के पारंपरिक परिधानों को आधुनिक अंदाज में डिजाइन कर लोगों का दिल जीता।
इस सांस्कृतिक आयोजन को सफल बनाने में अतिरिक्त उपायुक्त निशा यादव,
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार, महाविद्यालय की प्राचार्या ऋचा सेतिया,
और कल्चर प्रोग्राम कॉर्डिनेटर दीपा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव में ऐसे कार्यक्रमों ने न केवल पौराणिक और सांस्कृतिक मूल्यों को उजागर किया,
बल्कि समाज को शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता के संदेश भी दिए।
गीता जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित यह महोत्सव पंचकूला की सांस्कृतिक धरोहर को और समृद्ध कर गया।