राज्य स्तरीय दिशा समिति बैठक: मुख्यमंत्री ने योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर दिया जोर!

चंडीगढ़, 20 फरवरी: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को राज्य स्तरीय दिशा समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सांसदों, विधायकों और प्रशासनिक सचिवों की उपस्थिति में केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाए ताकि नागरिकों को त्वरित लाभ मिल सके।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा करते हुए जिला उपायुक्तों को सख्त निर्देश दिए कि 77,000 लंबित आवेदनों की जियो टैगिंग 15 दिनों के भीतर पूरी की जाए ताकि लाभार्थियों को शीघ्र सहायता मिल सके। इसके अलावा, योजना के तहत नई सूची तैयार करने के लिए सर्वे को तेज करने के भी आदेश दिए गए।

बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना 2.0 के तहत पात्र गरीब परिवारों को महाग्राम पंचायतों में 50 वर्ग गज और सामान्य ग्राम पंचायतों में 100 वर्ग गज के भूखंड दिए जा रहे हैं। पहले चरण में 4533 परिवारों को भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं, और अगले चरण में 1,000 पंचायतों को शामिल किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को भ्रूण जांच करने और कराने वालों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग को इस दिशा में संयुक्त अभियान चलाने को कहा।

मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों की ट्रैकिंग की जाए ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 1381 स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम लागू किए गए हैं, जिसमें करीब 1.95 लाख छात्र प्रशिक्षण ले रहे हैं। साथ ही, 1074 स्कूलों में 2238 कौशल प्रयोगशालाएं भी स्थापित की गई हैं।

हर घर-हर गृहिणी योजना का विस्तार

500 रुपये में गैस सिलेंडर देने वाली “हर घर-हर गृहिणी योजना” को लेकर बैठक में बताया गया कि अब तक 15 लाख महिलाओं ने पंजीकरण करवाया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना का प्रचार-प्रसार बढ़ाया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग लाभ उठा सकें।

मुख्यमंत्री ने सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों के माध्यम से स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति को अपनाने के लिए किसानों को जागरूक किया जाए। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत अब तक 2.85 लाख एकड़ भूमि को सिंचित किया जा चुका है।

बैठक में बताया गया कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में 26.50 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। अब तक 23,776 किसानों ने 39,423 एकड़ भूमि के लिए पंजीकरण कराया है। इसके अलावा, 493 देसी गायों की खरीद पर 1.23 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है।

पंचायत प्रतिनिधियों की होगी ट्रेनिंग

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत पंचायत प्रतिनिधियों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए 31 मार्च 2025 तक प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा किया जाएगा। पहले चरण में जिला पार्षदों, पंचायत समिति सदस्यों और ग्राम पंचायत सरपंचों को ट्रेनिंग दी जाएगी, जबकि अगले वित्त वर्ष में सभी पंचों का प्रशिक्षण होगा।

डिजिटल भूमि अभिलेख और ओडीएफ प्लस मॉडल गांव

बैठक में बताया गया कि डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत 10.71 लाख ई-स्टांप जारी की गई हैं, जिससे सरकार को 11,043.92 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई है। इसके अलावा, 2.32 करोड़ से अधिक दस्तावेज डिजिटाइज किए जा चुके हैं।

प्रदेश में अब तक 2987 गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल गांव घोषित किया जा चुका है, और 31 मार्च 2025 तक 3646 गांव इस श्रेणी में आ जाएंगे। इस अभियान के तहत खुले में शौच मुक्त करने के साथ-साथ ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की गतिविधियां चलाई जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर दिया जोर

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे योजनाओं के क्रियान्वयन को प्राथमिकता दें और यह सुनिश्चित करें कि जनता को समय पर लाभ मिले। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश के हर नागरिक को बेहतर जीवन स्तर और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरुण गुप्ता, विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।