Digvijay Dhautala

Digvijay Dhautala ने डबवाली से चुनाव न लड़ने का किया ऐलान

जननायक जनता पार्टी (JJP) के प्रधान महासचिव Digvijay Dhautala ने हाल ही में एक ऐसा ऐतिहासिक बयान दिया है,

जिसने न केवल हरियाणा की राजनीति को हिला कर रख दिया है, बल्कि पूरे देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक नई चर्चा को जन्म दिया है।

दिग्विजय चौटाला ने खुलासा किया है कि अगर डबवाली विधानसभा क्षेत्र से उनके दादा, पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला,

चुनाव लड़ने की स्थिति उत्पन्न होती है, तो वे स्वयं चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगे। उन्होंने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि

वे अपने दादा के सामने कभी चुनाव नहीं लड़ सकते, न ही ऐसी कोई कल्पना कर सकते हैं।

Digvijay Dhautala का यह बयान राजनीति के परिप्रेक्ष्य

दिग्विजय चौटाला का यह बयान राजनीति के परिप्रेक्ष्य में एक अभूतपूर्व घटना है।

उनका कहना था कि राजनीति में जो भी मान-मर्यादा और मुकाम वे और उनकी पार्टी आज हासिल कर चुके हैं,

यह सब उनके दादा ओमप्रकाश चौटाला के अथक परिश्रम और नेतृत्व का परिणाम है।

उन्होंने अपने बयान में कहा, “ओमप्रकाश चौटाला हमारे लिए केवल एक नेता नहीं, बल्कि आदर्श और प्रेरणा स्रोत हैं।

उनका सम्मान और उनका योगदान हमारे लिए सर्वोपरि हैं। इसलिए, डबवाली से चुनाव लड़ना उनके सम्मान के खिलाफ होगा।

अगर दादा जी चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो मैं अपनी उम्मीदवारी तुरंत वापस ले लूंगा।”

डबवाली में पत्रकारों से बातचीत करते Digvijay Dhautala

दिग्विजय चौटाला ने शुक्रवार को डबवाली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपने इस ऐतिहासिक निर्णय की पुष्टि की।

उन्होंने कहा कि उनकी यह घोषणा राजनीति में एक नई मिसाल कायम करेगी और

यह दर्शाएगी कि पारिवारिक सम्मान और आदर्श कितने महत्वपूर्ण होते हैं।

उनका यह कदम यह साबित करता है कि पारिवारिक संबंधों और आदर्शों को राजनीति से ऊपर रखा जा सकता है।

इस बीच, दिग्विजय चौटाला ने डबवाली हलके के विभिन्न गांवों में एक भव्य रोड शो का आयोजन किया और लोगों से वोट की अपील की।

उनके रोड शो में भीड़ उमड़ पड़ी और ग्रामीणों ने भारी समर्थन जताया।

दिग्विजय ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि अगर उन्हें जन आशीर्वाद मिला,

तो वे डबवाली को पूर्ण जिला का दर्जा दिलाने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि जेजेपी ने विधायक न होने के बावजूद डबवाली के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

उनका आरोप था कि विपक्षी पार्टी के नेता द्वारा विकास कार्यों के बोर्ड लगाकर श्रेय लेने की कोशिश की जा रही है,

लेकिन डबवाली की जनता जानती है कि वास्तविक विकास किसने किया है।

नशे के खिलाफ अपनी सख्त नीतियों की घोषणा

दिग्विजय ने अपनी प्राथमिकताओं की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।

उन्होंने नशे के खिलाफ अपनी सख्त नीतियों की घोषणा की और कहा कि नशे की तस्करी करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

उनका यह बयान नशे के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह उनके चुनावी एजेंडे का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

इसके साथ ही, दिग्विजय चौटाला ने 10 सितंबर को अपने नामांकन के दौरान ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं से उपस्थित रहने की अपील की।

इस अवसर पर विधायक नैना चौटाला ने भी दिग्विजय के लिए वोट की अपील की और उनकी निष्ठा और समर्पण की सराहना की।

राजनीति में पारिवारिक मूल्यों और सम्मान की अहमियत

दिग्विजय चौटाला का यह निर्णय न केवल उनके परिवार और पार्टी के लिए गर्व का विषय है,

बल्कि यह राजनीति में पारिवारिक मूल्यों और सम्मान की अहमियत को भी उजागर करता है।

इसने राजनीति के प्रति एक नई सोच और दिशा का संकेत दिया है,

जो निश्चित ही आने वाले दिनों में चर्चा का विषय बनेगा।

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