चंडीगढ़, 6 मार्च: पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर आम जनता के लिए राहत भरी खबर आई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है, जिससे भारत में भी ईंधन के दाम कम होने की उम्मीद जताई जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर यह गिरावट जारी रही तो अप्रैल में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 3 से 5 रुपये प्रति लीटर तक की कमी हो सकती है।
क्यों गिर रही हैं कच्चे तेल की कीमतें?
➡ ब्रेंट क्रूड (खाड़ी देशों का कच्चा तेल) 70 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है, जबकि अमेरिकी कच्चा तेल (WTI) 66 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।
➡ अमेरिका ने तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए नया “ड्रिल बेबी ड्रिल” प्रोग्राम शुरू किया है, जिससे वहां तेल का उत्पादन बढ़ेगा और कीमतें और गिर सकती हैं।
➡ OPEC+ देशों ने अप्रैल से तेल उत्पादन बढ़ाने का फैसला लिया है, जिससे बाजार में तेल की सप्लाई बढ़ेगी और दाम घटेंगे।
➡ अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार 3.6 मिलियन बैरल बढ़कर 433.8 मिलियन बैरल हो गया है, जिससे कीमतों में और गिरावट देखने को मिल रही है।
➡ अमेरिका ने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया है, जिससे निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई।
OPEC+ भी बढ़ाएगा उत्पादन, गिरेंगे दाम
OPEC+ और रूस ने अप्रैल से तेल उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है। 2022 के बाद यह पहली बार होगा जब उत्पादन में वृद्धि होगी। रिपोर्ट के अनुसार, हर दिन 1.38 लाख बैरल ज्यादा तेल निकाला जाएगा।
क्या भारत में सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल?
अगर कच्चे तेल की कीमतें 65-70 डॉलर प्रति बैरल के बीच बनी रहती हैं, तो भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 3 से 5 रुपये प्रति लीटर तक की गिरावट आ सकती है।
पिछली बार कब सस्ता हुआ था पेट्रोल-डीजल?
मार्च 2024 में भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम 2 रुपये प्रति लीटर कम हुए थे। उसके बाद से अब तक कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
कैसे मिलेगा आम जनता को फायदा?
✔ कम होगा महंगाई पर दबाव – पेट्रोल-डीजल सस्ता होने से परिवहन लागत घटेगी, जिससे रोजमर्रा की चीजें भी सस्ती हो सकती हैं।
✔ ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को राहत – माल ढुलाई सस्ती होने से बाजार में वस्तुओं के दाम कम हो सकते हैं।
✔ उद्योगों को भी मिलेगा फायदा – पेट्रोलियम आधारित इंडस्ट्री को भी राहत मिलेगी।
नजर रहेगी अगले कुछ हफ्तों पर
अगर कच्चे तेल की कीमतें इसी तरह गिरती रहीं तो अप्रैल में भारत में ईंधन की कीमतों में राहत देखने को मिल सकती है। अब सबकी नजर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर बनी हुई है।