चंडीगढ़, 12 मई: हरियाणा के यमुनानगर जिले के दामला गांव के साधारण किसान धर्मबीर कंबोज ने वह कर दिखाया है जो बड़े-बड़े उद्योगपति भी नहीं कर पाए। सिर्फ 10वीं पास धर्मबीर ने एक ऐसी मल्टी पर्पज फूड प्रोसेसिंग मशीन तैयार की है जो आज 18 देशों में उपयोग की जा रही है। अब हरियाणा सरकार इस मशीन की खरीद पर ₹80,000 से ₹1,00,000 तक की सब्सिडी भी देगी।
रिक्शा से सफर शुरू, अब अंतरराष्ट्रीय पहचान
धर्मबीर ने दिल्ली में रिक्शा चलाकर जीवन शुरू किया था। एक दुर्घटना के बाद गांव लौटे और औषधीय खेती शुरू की, लेकिन फसलों का सही मूल्य न मिलने पर उन्होंने खुद ही फूड प्रोसेसिंग मशीन डिजाइन करने का फैसला लिया। 2007 में बनाई गई इस मशीन ने उन्हें इनोवेटर बना दिया।
क्या है इस मशीन की खासियत?
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जूस निकालना (बिना बीज के और बिना कड़वाहट)
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तेल, गुलाब जल, एलोवेरा जैल, खोया, हलवा तैयार करना
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सब्जियां छीलना (प्याज, लहसुन, गाजर, अदरक आदि)
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भुने चने, मुरब्बा, कैंडी, साबुन, औषधीय अर्क बनाना
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होली के लिए हर्बल गुलाल बनाना
2 लाख कीमत वाली यह मशीन अब किसानों को लगभग आधे दाम पर उपलब्ध होगी।
धर्मबीर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड का सफर
उन्होंने अपने फार्म पर ही धर्मबीर फूड्स प्रा. लि. नामक कंपनी बनाई। यहां हर महीने 10 मशीनें तैयार होती हैं, और किसानों को 2 दिन का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
मशीन की वैश्विक मांग
धर्मबीर की मशीनें आज अमेरिका, इटली, केन्या, नेपाल, नाइजीरिया, ऑस्ट्रेलिया, युगांडा, जिम्बाब्वे जैसे देशों में बिक रही हैं। नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन और CCS कृषि विश्वविद्यालय ने उनके इस नवाचार में सहयोग किया।
राष्ट्रपति पुरस्कार से लेकर NCERT की किताब तक
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2013 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें सम्मानित किया।
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2022 में, NCERT की कक्षा 12 की बिजनेस स्टडीज की किताब में उनकी कहानी शामिल की गई।
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बॉलीवुड फिल्म ‘Padman’ में अक्षय कुमार के साथ भी किया काम।
कृतज्ञता और प्रेरणा
धर्मबीर कहते हैं – “शुरुआत में लोगों ने मेरा मज़ाक उड़ाया, लेकिन मैंने आलोचनाओं को नजरअंदाज़ कर अपने काम पर ध्यान दिया। आज मेरी मशीनें दुनिया भर में किसानों के लिए सहारा बन रही हैं।”
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय हरियाणा सरकार, यमुनानगर प्रशासन, कृषि मंत्री, और बागवानी विभाग को दिया।