Dera Beas ने श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। डेरा ब्यास में अब से VIP कल्चर पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। डेरा प्रमुख के इस कदम से संगत में उत्साह और खुशी की लहर दौड़ गई है।
VIP पास की परंपरा खत्म
सूत्रों के अनुसार, पहले डेरा ब्यास में सत्संग के दौरान VIP श्रद्धालुओं के लिए अलग व्यवस्था होती थी।
उन्हें पहले से बैठने की सुविधा और विशेष पास जारी किया जाता था। अब यह परंपरा समाप्त कर दी गई है।
डेरा प्रमुख ने स्पष्ट किया है कि अब कोई भी श्रद्धालु VIP के तौर पर नहीं माना जाएगा।
सभी संगत एक समान होंगी और समान सुविधाओं का लाभ उठाएंगी।
डेरा ब्यास के इस फैसले को संगत ने बड़े उत्साह के साथ स्वीकार किया है।
श्रद्धालुओं का मानना है कि यह कदम डेरा के मूल आदर्शों और समानता के सिद्धांत को और अधिक मजबूत करता है।
एक श्रद्धालु ने कहा, “यह निर्णय वास्तव में सराहनीय है।
इससे यह संदेश मिलता है कि आध्यात्मिकता के रास्ते पर सभी समान हैं।”
डेरा ब्यास देशभर में लाखों श्रद्धालुओं का आध्यात्मिक केंद्र है।
हर साल लाखों लोग सत्संग में हिस्सा लेने आते हैं।
VIP कल्चर को खत्म करना न केवल एक व्यवस्थात्मक सुधार है, बल्कि एक बड़ा सामाजिक संदेश भी है।
संगठन के नए प्रमुख
गौरतलब है कि 2 अगस्त 2024 को डेरा ब्यास ने अपने नए आध्यात्मिक प्रमुख की घोषणा की थी।
जसदीप सिंह गिल को डेरा ब्यास का नया सतगुरु नियुक्त किया गया था।
इससे पहले गुरिंदर सिंह ढिल्लों संगठन के प्रमुख थे।
जसदीप सिंह गिल ने संगठन की आध्यात्मिक परंपराओं को और मजबूत बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम उठाया है।
Dera Beas – समानता की मिसाल
डेरा ब्यास का यह फैसला यह बताने के लिए काफी है कि आध्यात्मिकता और सेवा के मार्ग पर किसी प्रकार का भेदभाव स्वीकार नहीं किया जाएगा।
VIP कल्चर को समाप्त करने का यह फैसला निश्चित रूप से एक नई दिशा में संगत को प्रेरित करेगा।
डेरा ब्यास द्वारा VIP कल्चर खत्म करने का फैसला सिर्फ एक प्रबंधन का बदलाव नहीं, बल्कि संगत के प्रति डेरा की गहरी जिम्मेदारी का प्रतीक है।
यह कदम देशभर में अन्य संगठनों और संस्थाओं को समानता के महत्व की ओर प्रेरित करेगा।