तावडू खंड के गांव भगोंह (bhagonh village) में राजकीय माध्यमिक विद्यालय की जर्जर स्थिति को लेकर अभिभावकों और ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया।
स्कूल की खराब हालत को लेकर गुस्साए लोगों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया और मुख्य गेट पर ताला लगा दिया।
हंगामा बढ़ते देख, स्कूल के अध्यापकों ने एहतियात के तौर पर पुलिस को बुला लिया।
इसके बाद, खंड शिक्षा अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया,
लेकिन ग्रामीणों ने साफ कर दिया कि जब तक नई बिल्डिंग नहीं बनाई जाएगी, वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।
bhagonh village: मुनासिब सरपंच सहित अन्य ने बताया
ग्रामीणों में चमन, मुबीन, कयूम, आरिफ, आबिद, जगबीर, सुनील, बाबूलाल, तारा, हरकेश जीवन, हनीफ, रविंद्र और मुनासिब सरपंच सहित अन्य ने बताया कि
पिछले पांच वर्षों से वे स्कूल की मरम्मत की मांग कर रहे हैं। लेकिन अब तक अधिकारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
स्कूल के कमरे इतनी खराब स्थिति में पहुंच गए हैं कि वहां बच्चों का बैठना भी खतरनाक हो गया है।
स्कूल की छत में जगह-जगह दरारें पड़ चुकी हैं। छत का प्लास्टर लगातार गिर रहा है,
और कमरों में पानी टपकता रहता है। बारिश के मौसम में हालात और खराब हो गए हैं।
कमरे इतने जर्जर हो चुके हैं कि उनमें रखी नई ड्यूल डेस्क भी खराब हो रही है।
बच्चों को पानी निकालकर बैठना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है
कि स्कूल की बिल्डिंग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है और कभी भी गिर सकती है।
अधिकारियों द्वारा सुधार नहीं करवाने के कारण स्कूल के गेट पर ताला लगा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए पर्याप्त कमरे भी नहीं हैं, और खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई करना संभव नहीं है।
bhagonh village: शिक्षा विभाग इस गंभीर स्थिति पर
ग्रामीणों का कहना है कि यदि कोई बड़ा हादसा होता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
शिक्षा विभाग इस गंभीर स्थिति पर ध्यान नहीं दे रहा है।
उन्होंने प्रदेश की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा से संपर्क करने की कोशिश की,
लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
स्कूल के मुख्याध्यापक गुलराज ने बताया कि उन्होंने कई बार विभाग को मरम्मत के लिए पत्र लिखा है।
वर्तमान में, बच्चों को जर्जर कमरों में बैठने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
स्कूल में कुल 253 प्राइमरी और 130 मिडिल के बच्चे हैं। छत से पानी टपकने के कारण पहले छोटे बच्चों की छुट्टियां भी रखी गई थीं।
अधिक बारिश के कारण पानी कमरों में भर गया है और ड्यूक डेस्क भी खराब हो गई है।
बिल्डिंग गिरने का खतरा भी बना हुआ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विभाग जल्द ही उनके द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर कार्रवाई करेगा और समस्या का समाधान करेगा।
जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम चाहिए लेना
इस खबर से कई महत्वपूर्ण नैतिक बातें सामने आती हैं। सबसे पहले, न्याय और सुरक्षा का अत्यधिक महत्व है।
जब कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम लेना चाहिए।
तत्कालिकता और सतर्कता के साथ समस्या का समाधान करना आवश्यक है,
ताकि किसी भी स्थिति को अधिक गंभीर बनने से रोका जा सके।
इस मामले में, शिक्षा विभाग को सुधार और प्रतिक्रिया के माध्यम से पारदर्शिता और ईमानदारी दिखानी चाहिए।
ग्रामीणों के द्वारा उठाए गए मुद्दों
अभिभावकों और ग्रामीणों के द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान देना, सामाजिक जिम्मेदारी का एक हिस्सा है। सहायता और सहयोग के बिना, समाधान कठिन हो सकता है।
संवेदनशीलता और धैर्य के साथ काम करके, सच्चाई और निष्पक्षता को बनाए रखा जा सकता है।
अनुरोध और जिम्मेदारी के बीच सहयोग और सक्रियता का एक महत्वपूर्ण संबंध है।
सकारात्मक प्रतिक्रिया और प्रभावी प्रबंधन से समस्याओं का त्वरित समाधान संभव है।
अंततः, प्राथमिकता, संदर्भ और उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए,
सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करना सबसे महत्वपूर्ण है।