दिल्ली-NCR में तबाही: तूफान और ओलों ने छीनी तीन जानें, सड़कों पर बिखरी तबाही!

चंडीगढ़, 22 मई: दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) बुधवार की शाम एक भयावह और अचानक बदलते मौसम के कहर का गवाह बना। जब लोग दिन भर की चिलचिलाती गर्मी के बाद शाम को राहत की सांस लेना चाह रहे थे, तब मौसम ने अचानक करवट बदली और भीषण तूफान, मूसलाधार बारिश और बड़े-बड़े ओलों ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। इस अचानक आई प्राकृतिक आपदा ने न केवल जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया, बल्कि तीन लोगों की जान भी ले ली और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान किया।

तेज हवाओं से मची भारी तबाही, सड़कों पर पेड़ और खंभों का मलबा

शाम होते ही दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में जबरदस्त तेज़ हवाएं चलने लगीं, जिनकी रफ्तार इतनी तेज़ थी कि पुराने पेड़ जड़ों समेत उखड़ गए। बिजली के खंभे जमीन पर आ गिरे और बड़े-बड़े होर्डिंग्स ताश के पत्तों की तरह बिखर गए। सड़कों पर गिरे पेड़ों और खंभों ने यातायात को बुरी तरह से बाधित कर दिया। कुछ इलाकों में तो हालात इतने खराब हो गए कि लोगों को घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ा।

इंसानी जान पर भारी पड़ा मौसम का तांडव

इस तूफानी मंजर ने कई लोगों की ज़िंदगी पर गहरा असर डाला। निजामुद्दीन इलाके में एक दिव्यांग व्यक्ति की दर्दनाक मौत उस समय हो गई जब एक बिजली का खंभा उसकी ट्राईसाइकिल पर गिर पड़ा। वहीं, गोकुलपुरी में एक युवक जो बाइक पर सवार था, उसकी जान पेड़ गिरने से चली गई। ग्रेटर नोएडा में भी एक युवक इसी तरह की घटना का शिकार हो गया। ये हादसे न केवल दुःखद हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि मौसम की चेतावनी को कितना गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

वाहनों पर असर और यात्रियों की परेशानी

दिल्ली के पॉश इलाकों जैसे तीन मूर्ति मार्ग और निजामुद्दीन में खड़ी कई गाड़ियां पेड़ों के नीचे आकर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। कई कारों के शीशे टूट गए, बंपर और बोनट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए। कुछ लोग तो बाल-बाल बचे, लेकिन उनके सामने जो दृश्य था, वो किसी डरावने सपने से कम नहीं था।

दिल्ली मेट्रो की रेड, येलो और पिंक लाइनों की सेवाएं अस्थायी रूप से रोकी गईं, जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए। वहीं, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाली कई फ्लाइट्स देरी से चलीं या उन्हें रद्द करना पड़ा, जिससे हवाई यात्रियों को भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।

ओलों ने बढ़ाई मुश्किलें, छत और वाहन हुए क्षतिग्रस्त

तेज़ तूफान के साथ गिरे बड़े आकार के ओलों ने स्थिति को और भी भयावह बना दिया। गाड़ियों के शीशे टूटे, छतों पर टिनें फट गईं और कई दोपहिया वाहन तो पलट ही गए। वाहन चालकों को सुरक्षित स्थानों की तलाश में फ्लाईओवर या किसी छायादार जगह के नीचे खड़ा होना पड़ा। कालिंदी कुंज, जनपथ रोड और ITO जैसे व्यस्त इलाकों में पेड़ गिरने से लंबा जाम लग गया।

नोएडा और गाजियाबाद में भी भारी नुकसान

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर एक बड़ा साइनबोर्ड गिर गया, जिससे यातायात कई घंटों तक ठप रहा। नोएडा सेक्टर-9 में एक पेड़ एक रिक्शा पर गिर गया, लेकिन गनीमत रही कि चालक समय रहते बच गया। गाजियाबाद के एक टोल प्लाजा पर तेज़ हवा ने शेड को उड़ा दिया, जिससे वहां भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।

अभी और बिगड़ सकता है मौसम का मिजाज, सतर्क रहें

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले कुछ दिनों में भी इसी तरह की तेज़ हवाएं, बारिश और आंधी-तूफान का सिलसिला जारी रह सकता है। लोगों से अपील की गई है कि वह घरों में रहें, गैरज़रूरी यात्रा से बचें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें।

प्रशासन के सामने चुनौती, शहर को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश

इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर दिखा दिया है कि मौसम की एक करवट पूरे शहर को ठप कर सकती है। प्रशासन को अब न सिर्फ नुकसान की भरपाई करनी है, बल्कि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। राहत और बचाव कार्य तेज़ी से चल रहे हैं, लेकिन शहर को फिर से सामान्य होने में वक्त लगेगा।