चंडीगढ़, 23 मई:
कुछ समय की राहत के बाद एक बार फिर कोरोना वायरस ने दस्तक दी है। ऐसा लग रहा था कि शायद अब हम इस महामारी से पूरी तरह उबर चुके हैं, लेकिन हाल के घटनाक्रम बता रहे हैं कि खतरा अभी टला नहीं है। देश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर से रफ्तार पकड़ने लगे हैं, और यह एक गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है, खासकर जब यह संक्रमण राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों तक पहुंच गया है।
देश में फिर बढ़े कोरोना के केस
स्वास्थ्य विभाग की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अभी तक कुल 254 एक्टिव कोविड केस दर्ज किए गए हैं। यह संख्या भले ही पहली नजर में छोटी लगे, लेकिन यह इस बात का संकेत है कि वायरस फिर से फैलने की ताक में है। स्वास्थ्य विभाग ने इन बढ़ते मामलों को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है और निगरानी प्रणाली को पहले से कहीं अधिक सक्रिय कर दिया गया है।
दिल्ली-गुरुग्राम-फरीदाबाद में मिले नए मरीज
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के कई हिस्सों में कोरोना वायरस के नए मामले सामने आए हैं। खासकर गुरुग्राम और फरीदाबाद में कोविड के एक्टिव केस पाए गए हैं। 22 मई को गुरुग्राम में तीन नए संक्रमितों की पुष्टि हुई, जिनमें से एक महिला मुंबई से हाल ही में लौटी थी। वहीं फरीदाबाद में दो लोग संक्रमित पाए गए, जिनमें से एक बुजुर्ग हैं और दूसरा एक 28 वर्षीय युवक है, जो एक निजी सुरक्षा एजेंसी में गार्ड के रूप में काम करता है। विशेष बात यह है कि इन मामलों में कुछ की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली, जिससे यह स्पष्ट होता है कि संक्रमण अब लोकल ट्रांसमिशन की ओर बढ़ रहा है।
JN.1 वेरिएंट की दस्तक
फरीदाबाद में मिले एक मरीज में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट JN.1 पाया गया है। यह युवक जब लक्षणों से परेशान हुआ तो उसने पास के एक क्लीनिक में जांच करवाई, जिसके बाद उसे सफदरजंग अस्पताल भेजा गया जहां उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वेरिएंट तेजी से फैल सकता है, हालांकि इसकी गंभीरता पहले से कम हो सकती है। फिर भी किसी भी प्रकार की लापरवाही घातक सिद्ध हो सकती है।
स्वास्थ्य विभाग का एक्शन मोड
जैसे ही नए मामलों की पुष्टि हुई, स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत संबंधित मरीजों की ट्रैवल और मेडिकल हिस्ट्री की जांच शुरू कर दी है। इसके साथ-साथ उन लोगों की भी पहचान की जा रही है जो हाल ही में संक्रमित क्षेत्रों से लौटे हैं। विभाग ने साफ किया है कि अभी हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन किसी भी तरह की ढिलाई की गुंजाइश नहीं है। सभी नए मामलों को आइसोलेशन में रखा गया है और जरूरी टेस्टिंग की जा रही है।
लक्षणों को नजरअंदाज न करें
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और डॉक्टरों की तरफ से कड़ी हिदायत दी गई है कि अगर किसी को हल्की सर्दी, खांसी, बुखार, शरीर में दर्द या सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण महसूस हों तो उसे तुरंत जांच करानी चाहिए। ऐसे लक्षणों को हल्के में लेना दूसरों के लिए भी खतरे का कारण बन सकता है। समय पर जांच और आइसोलेशन संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने में बेहद कारगर उपाय हैं।
कैसे रखें खुद को सुरक्षित?
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भीड़भाड़ से बचें: खासतौर पर बंद स्थानों पर जहां वेंटिलेशन कम हो, वहां जाने से परहेज करें।
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मास्क का करें उपयोग: सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अभी भी जरूरी है, खासकर बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए।
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हाथों की सफाई: साबुन और सैनिटाइजर का नियमित प्रयोग करें, खासकर जब बाहर से घर लौटें।
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स्वस्थ खानपान और अच्छी नींद: रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए पोषणयुक्त आहार लें और पर्याप्त नींद लें।
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लक्षण दिखें तो टेस्ट कराएं: कोई भी लक्षण नजर आते ही देरी न करें, तुरंत टेस्ट कराएं और घर में ही आइसोलेट हो जाएं।