चंडीगढ़, 26 मार्च: दिल्ली सरकार ने अपने ताजा बजट में महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है। इन योजनाओं का उद्देश्य नागरिकों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। सबसे खास बात यह है कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा पेश की गई महिला समृद्धि योजना को अब बजट में शामिल किया गया है, जिसके तहत महिलाओं को 2,500 रुपये मासिक सहायता दी जाएगी। इस कदम का मकसद महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता, आत्म-सम्मान और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि करना है।
मुख्यमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 210 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 6 पोषण किट और अन्य लाभ दिए जाएंगे। इस योजना के तहत अब कुल लाभ राशि 21,000 रुपये तक बढ़ जाएगी, जो महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करेगा।
दिल्ली सरकार ने महिलाओं की कार्यस्थल पर सुविधा को बढ़ाने के लिए पालना-राष्ट्रीय क्रेच योजना भी शुरू की है, जिसके तहत 500 क्रेच केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही, दिल्ली में दो नए सखी निवास भी शुरू किए जाएंगे, जो कामकाजी महिलाओं के लिए सहायक साबित होंगे।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी बजट में कई प्रावधान किए गए हैं। 60 से 69 वर्ष के नागरिकों को 2,500 रुपये मासिक सहायता मिलेगी, जबकि 70 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को 3,000 रुपये मिलेंगे। इसके अलावा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों के वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त 500 रुपये की मासिक सहायता दी जाएगी। साथ ही, इन नागरिकों के लिए मनोरंजन और विश्राम केंद्रों की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
कृषि और ग्रामीण विकास के लिए भी सरकार ने अहम कदम उठाए हैं। किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6,000 रुपये के अतिरिक्त 3,000 रुपये तीन किस्तों में दिए जाएंगे। इसके अलावा, दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिससे सड़कों, नालियों और सामुदायिक भवनों का निर्माण होगा।
अंत में, घुमनहेड़ा गांव में एक आधुनिक गौशाला की स्थापना के लिए 40 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इस बजट में महिला और बच्चों के विकास, किसानों के कल्याण, और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी गई है।
दिल्ली सरकार की ये योजनाएं राज्य की सामाजिक सुरक्षा, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए अहम कदम साबित होंगी।