चंडीगढ़, 6 मई: ग्रामीण भारत में युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय मिशन प्रबंधक (कौशल) और हरियाणा के नोडल अधिकारी श्री अबू ओसामा सैफी ने राज्य में चल रहे डीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के पहले चरण की प्रगति की समीक्षा की और दूसरे चरण यानी डीडीयू-जीकेवाई 2.0 की तैयारियों का मूल्यांकन किया।
कुरुक्षेत्र और अंबाला में जमीनी हकीकत का आकलन
श्री सैफी ने कुरुक्षेत्र जिले में दो डीडीयू-जीकेवाई प्रशिक्षण केंद्रों का औचक दौरा किया, जहां उन्होंने प्रशिक्षुओं, प्रशिक्षकों और कर्मचारियों से संवाद कर प्रशिक्षण की गुणवत्ता, प्लेसमेंट प्रक्रिया और परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (PIA) के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने प्रशिक्षण केंद्रों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच के कौशल अंतर को कम करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
इसके बाद अंबाला स्थित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) में उन्होंने विशेष रूप से महिला प्रशिक्षुओं से मुलाकात की और उनके आत्मविश्वास व उद्यमशील सोच की सराहना की। उन्होंने महिला नेतृत्व को ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उभरती शक्ति बताते हुए कहा कि स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देना इन संस्थानों की एक बड़ी उपलब्धि है।
डिजिटल कौशल की अनिवार्यता पर बल
तेजी से बदलते जॉब मार्केट को देखते हुए श्री सैफी ने सभी डीडीयू-जीकेवाई और आरएसईटीआई केंद्रों में बेसिक आईटी और डिजिटल साक्षरता को अनिवार्य रूप से शामिल करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में डिजिटल दक्षता न केवल रोज़गार के नए अवसर खोलती है, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर भी बनाती है।
पंचकूला में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक
फील्ड दौरे के बाद पंचकूला स्थित एचएसआरएलएम मुख्यालय में एक विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता एचएसआरएलएम के सीईओ श्री सूरज भान, आईएफएस (सेवानिवृत्त) ने की। बैठक में सभी संबंधित एजेंसियों और अधिकारियों ने भाग लिया। श्री सैफी ने परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (PIA) से उनके लक्ष्यों, समय-सीमाओं और चुनौतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने डीडीयू-जीकेवाई 2.0 को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्य की रणनीतिक योजना पर अपने विचार साझा किए और सुझाव दिए कि यह अगला चरण ग्रामीण युवाओं को दीर्घकालिक और स्थायी रोजगार देने की दिशा में निर्णायक होगा।
सरकार की प्रतिबद्धता: कुशल भारत, आत्मनिर्भर ग्रामीण समाज
यह दौरा इस बात की पुष्टि करता है कि केंद्र सरकार और राज्य मिलकर एक ऐसा ढांचा विकसित करने में जुटे हैं जो ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाए। डीडीयू-जीकेवाई 2.0 का उद्देश्य है — कुशलता, समावेशिता और रोजगार की स्थायित्वता को बढ़ाना।
बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी
इस समीक्षा यात्रा के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे, जिनमें जिला कार्यात्मक प्रबंधक श्री कपिल शर्मा, आरएसईटीआई राज्य समन्वयक श्री शैलेन्द्र चौहान, और आईईसी, हरियाणा की सुश्री शिवांगी वर्मा प्रमुख रूप से शामिल थे।