दंदलावर गांव में बीज उपचार और कीटनाशक जागरूकता शिविर, किसानों को मिला तकनीक से जुड़ने का मौका!

चंडीगढ़, 22 मई: खेती में आधुनिकता और जागरूकता के संगम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गांव दंदलावर, खंड रायपुररानी में एक एक दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का केंद्र बिंदु था – बीज उपचार, सुरक्षित कीटनाशकों का उपयोग, और एनपीएसएस मोबाइल एप्प के माध्यम से बीमारियों व कीटों की पहचान एवं निदान

यह कार्यक्रम आरसीआईपीएम फरीदाबाद के क्षेत्रीय उपनिदेशक डॉ. वंदना पाण्डेय के निर्देशन में आयोजित किया गया, जिसमें डॉ. लक्ष्मीकांत, डॉ. सूरज, डॉ. के.पी. शर्मा, डॉ. शेखर कुमार (सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी, अंबाला) और डॉ. बलबीर सिंह भान (उपमंडल कृषि अधिकारी, पिंजौर) की सक्रिय भूमिका रही।

बीज उपचार: रोगों से बचाव की पहली सीढ़ी

शिविर में ‘ट्राइकोडरमा विरिडि’ के माध्यम से धान और अन्य फसलों के बीज उपचार की प्रायोगिक विधि किसानों को दिखलाई गई।
विशेषज्ञों ने बताया कि बीज उपचार से फसल की प्रारंभिक अवस्था में होने वाले रोगों को आसानी से रोका जा सकता है, जिससे किसानों को न केवल बेहतर उत्पादन मिलता है बल्कि रासायनिक दवाओं पर निर्भरता भी घटती है।

कीटनाशकों का विवेकपूर्ण उपयोग: जागरूकता ही सुरक्षा है

शिविर में यह भी विस्तार से समझाया गया कि कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग न केवल पर्यावरण बल्कि किसान की सेहत के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है
इसलिए सुरक्षित उपयोग, सही मात्रा, और सही समय का पालन अनिवार्य है।
किसानों को बताया गया कि किस प्रकार समेकित कीट प्रबंधन (IPM) के सिद्धांतों को अपनाकर वे कम रसायन में अधिक लाभ ले सकते हैं।

एनपीएसएस मोबाइल एप्प: मोबाइल से कीटों की पहचान और निदान अब आसान

कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था ‘एनपीएसएस (National Pest Surveillance System) मोबाइल एप्प’ की जानकारी।
विशेषज्ञों ने किसानों को उनके मोबाइल पर एप्लिकेशन डाउनलोड करवाकर एप्प के फीचर्स का लाइव डेमो दिया। इस एप्प की मदद से किसान अब:

  • फसल पर लगे कीट या बीमारी की तस्वीर अपलोड कर उसका निदान पा सकते हैं

  • इलाज और सुझाव अपने क्षेत्र के अनुरूप प्राप्त कर सकते हैं

  • कृषि वैज्ञानिकों से सीधे संवाद कर सकते हैं

इस पहल ने किसानों में तकनीकी जागरूकता की नई रोशनी भर दी।

विशेषज्ञों की उपस्थिति और किसानों की भागीदारी

इस शिविर में डॉ. दीपक कुमार (विषय विशेषज्ञ, सस्य), नारायणगढ़,
डॉ. अमनदीप सिंह (खंड कृषि अधिकारी, रायपुररानी),
श्री उमेश चहल (खंड प्रौद्योगिकी प्रबंधक) और अनिल कुमार (सहायक प्रौद्योगिकी प्रबंधक) की उपस्थिति ने कार्यक्रम को ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक बनाया।

इसके साथ ही गांव के प्रगतिशील किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और कृषि में नवीनतम तकनीकों को अपनाने का संकल्प लिया।