सूरजकुंड मेले में ओडिशा की सांस्कृतिक छटा, विरासत और कला का अनूठा संगम!

चंडीगढ़, 20 फरवरी: फरीदाबाद के सूरजकुंड में चल रहे 38वें अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में बुधवार का दिन ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के नाम रहा। थीम स्टेट के रूप में चुने गए ओडिशा राज्य की पारंपरिक कला, हस्तशिल्प और नृत्य प्रस्तुतियों ने मेले में चार चांद लगा दिए। इस अवसर पर ओडिशा की उपमुख्यमंत्री श्रीमती प्रभाती परिडा और हरियाणा के विरासत एवं पर्यटन मंत्री डा. अरविंद कुमार शर्मा ने मेले का अवलोकन किया और कार्निवाल परेड में भाग लिया।

मुख्य चौपाल पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में ओडिशा की उपमुख्यमंत्री श्रीमती प्रभाती परिडा ने कहा कि सूरजकुंड मेला भारत की सांस्कृतिक विविधता और हस्तशिल्प कला को संजोने का अद्भुत मंच है। उन्होंने कहा,
“ऐसे आयोजन हमारी समृद्ध विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। ओडिशा को थीम स्टेट बनाने के लिए मैं हरियाणा सरकार की आभारी हूं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि सूरजकुंड मेले के माध्यम से हमारी संस्कृति, कला और परंपराओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है।”

उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ विजन का जिक्र करते हुए कहा कि यह आयोजन ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की भावना को मजबूत करता है। उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए सम्मान के लिए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी और पर्यटन मंत्री डा. अरविंद शर्मा का आभार जताया।

हरियाणा के विरासत एवं पर्यटन मंत्री डा. अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि,“सूरजकुंड मेला का आकर्षण हर साल बढ़ता जा रहा है। इस बार आठ दिन में ही करीब 13 लाख पर्यटक मेले में पहुंच चुके हैं, जो इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है। यह मेला राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक समरसता और कला के आदान-प्रदान का बेहतरीन मंच है।”

उन्होंने दिल्ली-एनसीआर में पर्यटन की बढ़ती संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार यहां जंगल सफारी और 10,000 एकड़ में डिज्नी लैंड बनाने की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ओडिशा की समृद्ध संस्कृति को थीम स्टेट के रूप में प्रस्तुत करने का यह अवसर भारत की विविधता में एकता का संदेश देता है।

ओडिशा की कला, हस्तशिल्प और परंपराओं की झलक

ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने मेले में मौजूद भगवान जगन्नाथ, मां लक्ष्मी और बलभद्र की प्रतिमाओं को देखते हुए कहा कि ओडिशा सिर्फ एक राज्य नहीं, बल्कि आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र भी है। उन्होंने संभलपुरी साड़ी, ओडिशा की हस्तशिल्प कला और पारंपरिक व्यंजनों की प्रशंसा की और कहा कि इस मंच से राज्य की कला को वैश्विक पहचान मिलेगी।

हरियाणा कारागार विभाग की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र

पर्यटन मंत्री ने बताया कि मेले में हरियाणा के कारागार विभाग द्वारा कैदियों द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प उत्पादों की विशेष प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसे देखने के लिए लोगों में खासा उत्साह है।

मेले में दिखी राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समरसता

कार्यक्रम में ओडिशा और हरियाणा के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और अन्य राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने भी समां बांधा। ओडिशा मंडप में पारंपरिक लोकनृत्य ‘गोटीपुआ’, ‘ओडिशी नृत्य’ और ‘छऊ नृत्य’ की प्रस्तुति दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गई।

ओडिशा दूसरी बार बना थीम स्टेट

पर्यटन निगम के एमडी डा. सुनील कुमार ने कहा कि ओडिशा को दूसरी बार थीम स्टेट बनने का गौरव प्राप्त हुआ है, जो राज्य की कला और संस्कृति के प्रति लोगों की बढ़ती रुचि को दर्शाता है। उन्होंने ओडिशा की उपमुख्यमंत्री, सभी गणमान्य अतिथियों और कलाकारों का धन्यवाद किया।

विशिष्ट अतिथियों की मौजूदगी

इस अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर, ओडिशा के स्पेशल रेजिडेंट कमिश्नर मृणालिनी दरसवाल, हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया, ओडिशा मंडप के नोडल अधिकारी प्रणब कुमार चांद सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

संस्कृति और कला का महासंगम बना सूरजकुंड मेला

सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला केवल एक व्यापारिक या पर्यटन आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और शिल्पकला को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने वाला मंच है। ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, पारंपरिक कलाएं और हस्तशिल्प कृतियां इस मेले के माध्यम से पूरी दुनिया के सामने आई हैं। हरियाणा सरकार के प्रयासों से यह मेला हर साल अधिक भव्य और आकर्षक बनता जा रहा है।