चंडीगढ़, 14 जून: अगर आपने हाल के वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए अच्छी-खासी कमाई की है, लेकिन उसे अपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में सही तरीके से नहीं दर्शाया है – तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। आयकर विभाग अब वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (Virtual Digital Assets – VDA) से जुड़ी जानकारी को बेहद गंभीरता से ले रहा है। विभाग ने ऐसे हजारों लोगों को ईमेल नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं, जिन्होंने क्रिप्टो आय को या तो छुपाया या गलत तरीके से रिपोर्ट किया।
कौन हैं निशाने पर?
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, यह सख्ती मुख्यतः आकलन वर्ष 2023-24 और 2024-25 के टैक्स रिटर्न्स के विश्लेषण के बाद शुरू हुई है। आयकर विभाग को संदेह है कि कुछ हाई-रिस्क टैक्सपेयर्स ने अपने असली स्रोत को छुपाकर क्रिप्टोकरेंसी में काला धन निवेश किया है। इनमें से कई पर मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) और टैक्स चोरी जैसे गंभीर आरोपों की जांच की जा रही है।
कैसे पकड़ी जा रही है गड़बड़ी?
विभाग यह कार्रवाई क्रिप्टो एक्सचेंज से मिले टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) डेटा और खुद करदाता द्वारा भरे गए ITR की तुलना के आधार पर कर रहा है। जहां भी कोई असंगति या संदेह की स्थिति दिख रही है, वहां विभाग संबंधित व्यक्ति को अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने का निर्देश दे रहा है।
क्रिप्टो इनकम पर कितना टैक्स देना होता है?
आयकर अधिनियम की धारा 115BBH के अनुसार, क्रिप्टो से हुई कमाई पर सीधे 30% टैक्स लगाया जाता है, साथ ही सर्चार्ज और सेस भी जोड़ा जाता है। सबसे अहम बात यह है कि:
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इस आय पर किसी भी तरह का खर्च या लॉस एडजस्टमेंट नहीं किया जा सकता।
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यदि क्रिप्टो से नुकसान हुआ है, तो उसे न ही दूसरी आय के साथ समायोजित किया जा सकता है और न ही अगले साल ट्रांसफर किया जा सकता है।
कहां की गई चूक?
कई टैक्सपेयर्स ने जानबूझकर या लापरवाही में क्रिप्टो इनकम को नजरअंदाज कर दिया या उसे कम टैक्स स्लैब में दिखाने की कोशिश की, जो आयकर नियमों का उल्लंघन है। ऐसे मामलों में विभाग अब सख्त रवैया अपना रहा है।
क्या है सरकार की नीति?
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अनुसार, यह कदम “ट्रस्ट बट वेरिफाई” नीति के तहत उठाया गया है – यानी सरकार करदाताओं पर विश्वास करती है, लेकिन साथ ही टेक्नोलॉजी और डेटा एनालिटिक्स के जरिए हर लेन-देन की बारीकी से जांच भी करती है।
अब क्या करें करदाता?
यदि आपने किसी कारणवश क्रिप्टोकरेंसी की आय को अपने ITR में नहीं दिखाया है, तो तुरंत अपने रिटर्न की समीक्षा करें और आवश्यक सुधार करें। सही टैक्स भरना न केवल कानूनन जरूरी है, बल्कि भविष्य की किसी बड़ी कानूनी कार्रवाई से बचने का एकमात्र उपाय भी है।