चंडीगढ़, 18 अप्रैल: हरियाणा राज्य आपराधिक न्याय प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव की ओर तेजी से बढ़ रहा है। नए आपराधिक कानूनों—भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के प्रभावी क्रियान्वयन में हरियाणा पूरे देश में अग्रणी बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं और संबंधित विभागों को निरंतर मार्गदर्शन व सहयोग प्रदान कर रहे हैं, ताकि इन कानूनों का लाभ आम जनता तक शीघ्रता से पहुंच सके।
तेज़ न्याय, डिजिटल न्याय – आम नागरिक को त्वरित और पारदर्शी सिस्टम की सौगात
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का कहना है कि इन नए कानूनों से न्यायिक प्रक्रिया न केवल तेज़ होगी, बल्कि उसमें पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। छेड़छाड़-रहित साक्ष्य प्रणाली और आधुनिक तकनीकों के समावेश से अब आम नागरिक को एक सशक्त और भरोसेमंद न्याय प्रणाली का अनुभव मिलेगा।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने की सराहना, हरियाणा का प्रयास अन्य राज्यों के लिए उदाहरण
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय की समीक्षा बैठक में हरियाणा के प्रयासों की खुलकर प्रशंसा की गई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव ने की, जिसमें हरियाणा से अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) डॉ. सुमिता मिश्रा, डीजीपी श्री शत्रुजीत कपूर, डीजीपी जेल मोहम्मद अकील, एडीजीपी श्री संजय कुमार, संयुक्त सचिव गृह राधिका सिंह और निदेशक अभियोजन संजय हुड्डा समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रमुख उपलब्धियां: टेक्नोलॉजी से जुड़ा, नागरिकों के लिए सुविधाजनक सिस्टम
डॉ. सुमिता मिश्रा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने कई उल्लेखनीय कदम उठाए हैं:
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अदालतों और जेलों की 100% मैपिंग पूरी की जा चुकी है।
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा 2000 से अधिक स्थानों पर स्थापित की गई है, जिससे गवाहों को सुरक्षित और सुविधाजनक रूप से बयान दर्ज कराने की सुविधा मिलेगी।
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“MedLePR” ऐप के माध्यम से अस्पताल और पुलिस विभाग को जोड़ते हुए मेडिकल-लीगल रिपोर्ट की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल कर दी गई है। यह ऐप 12 वर्षों से सफलतापूर्वक काम कर रहा है।
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प्ली बार्गेनिंग (सहमति आधारित सजा) और अनुपस्थिति में ट्रायल जैसे प्रावधानों को भी प्रभावी रूप से लागू किया गया है।
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82% सजा दर के साथ हरियाणा ने कानून के नए स्वरूप के तहत प्रभावी अभियोजन का प्रमाण प्रस्तुत किया है।
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100% प्रशिक्षण और स्किल अपग्रेडेशन सभी संबंधित विभागों में किया जा चुका है।
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ICJS डैशबोर्ड का पूर्ण एकीकरण CCTNS (Crime and Criminal Tracking Network & Systems), e-Prosecution और अन्य डिजिटल टूल्स से किया गया है।
आने वाला समय: नागरिकों को मिलेगा न्याय का नया अनुभव
हरियाणा सरकार के प्रयास यह दर्शाते हैं कि न्याय प्रणाली को आधुनिक और नागरिक-केंद्रित बनाना अब एक हकीकत है, केवल वादा नहीं। अपराध के खिलाफ तेज़, निष्पक्ष और डिजिटल तरीके से निपटना अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं, बल्कि गांव और छोटे कस्बों तक भी पहुँच रहा है।
हरियाणा न केवल इन नए कानूनों के सफल क्रियान्वयन में अग्रणी बन रहा है, बल्कि पूरे देश के लिए एक रोल मॉडल के रूप में उभर रहा है। सरकार की यह पहल “न्याय सबके लिए, शीघ्रता से और बिना भेदभाव” के मूल उद्देश्य को साकार करती है