चंडीगढ़, 9 जून: भारत में कोरोना वायरस को लेकर एक राहत भरी खबर सामने आई है। जहां कुल सक्रिय मामलों की संख्या 6,491 तक पहुंची है, वहीं बीते 24 घंटे में एक भी मौत दर्ज नहीं की गई, जो स्वास्थ्य तंत्र और वैक्सीनेशन की सफलता का संकेत है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार सुबह 8 बजे तक 358 नए मामले दर्ज किए गए हैं। संक्रमण की गति धीमी जरूर हुई है, लेकिन खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है।
सबसे अधिक प्रभावित राज्य: केरल
देशभर में जहां केस कम हो रहे हैं, वहीं केरल अभी भी सबसे अधिक प्रभावित बना हुआ है। राज्य में फिलहाल 1,957 सक्रिय मरीज हैं, जो कुल मामलों का एक बड़ा हिस्सा है।
इसके बाद गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में भी मामूली उछाल देखने को मिला है। राजधानी दिल्ली में 42 नए केस दर्ज हुए हैं, जिससे वहां सक्रिय मामलों की संख्या 728 हो गई है।
अधिकांश मरीज हो रहे ठीक
बीते 24 घंटे में 624 मरीज ठीक/डिस्चार्ज/माइग्रेट हुए हैं। रिकवरी रेट में सुधार जारी है और अस्पताल में भर्ती की दर बेहद कम बनी हुई है।
नए वेरिएंट्स, लेकिन लक्षण हल्के
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार संक्रमण का कारण हैं ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट्स जैसे:
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JN.1
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NB.1.8.1
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LF.7
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XFC
ये वेरिएंट्स तेजी से फैलते हैं, लेकिन इनसे होने वाले लक्षण हल्के हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन्हें फिलहाल “निगरानी में रहने वाले वेरिएंट” की श्रेणी में रखा है। ये चिंता का विषय नहीं हैं, लेकिन सतर्कता जरूरी है।
अस्पतालों को दिए गए निर्देश
सरकार ने सभी राज्यों को अलर्ट करते हुए अस्पतालों में मॉक ड्रिल शुरू करवाई है ताकि तैयारियों का जायजा लिया जा सके।
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ऑक्सीजन सप्लाई
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वेंटिलेटर और आइसोलेशन बेड्स
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आवश्यक दवाओं की उपलब्धता
इन सभी पहलुओं की निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही SARI (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) और ILI (इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियां) पर भी बारीकी से नजर रखी जा रही है। हर अस्पताल को निर्देश दिया गया है कि वह SARI के हर मरीज और ILI के कम से कम 5% मरीजों का कोविड टेस्ट जरूर करे।
किन्हें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत?
विशेषज्ञों ने खास तौर पर बुज़ुर्गों, छोटे बच्चों, और गर्भवती महिलाओं के लिए सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
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कमजोर इम्यूनिटी के चलते इन वर्गों में संक्रमण तेजी से फैल सकता है।
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डायबिटीज, हृदय रोग, या फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित लोग भी ज्यादा जोखिम में हैं।
कोविड के नए लक्षण क्या हैं?
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हल्का बुखार
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गले में खराश
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सिरदर्द
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खांसी
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थकावट
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बदन दर्द
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कुछ मामलों में डायरिया या सांस लेने में तकलीफ
हालांकि इन लक्षणों को सामान्य समझकर नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। खासतौर पर अगर मरीज किसी अन्य बीमारी से भी ग्रसित हो।
डॉक्टरों की सलाह
“अब कोरोना एक महामारी की तरह नहीं, बल्कि फ्लू के जैसे एक मौसमी बीमारी बन चुका है। पर इसका मतलब यह नहीं कि हम लापरवाह हो जाएं।”
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बाहर कम निकलें, भीड़ से बचें।
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मास्क का इस्तेमाल करें, खासकर भीड़भाड़ वाले इलाकों में।
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हाथों की सफाई बनाए रखें।
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किसी भी लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।