चंडीगढ़, 30 मई: एक बार फिर कोरोना वायरस देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहा है। हाल ही में पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, और कुछ दक्षिण भारतीय राज्यों से कोविड के नए मामलों की सूचना मिलने के बाद से स्वास्थ्य विभाग और आम जनता की चिंता बढ़ गई है। 2020 और 2021 की भयावह लहरों के बाद अब फिर से लोगों को सावधानी बरतने की अपील की जा रही है, ताकि यह संक्रमण फिर से विकराल रूप न ले।
हालांकि अभी संक्रमण की रफ्तार उतनी तेज नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों का मानना है कि थोड़ी सी लापरवाही एक बार फिर से गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारों ने लोगों को सचेत किया है कि कोविड को लेकर किसी भी प्रकार की ढील न बरती जाए। टीकाकरण, सामाजिक दूरी, और स्वच्छता जैसे मूलभूत उपाय ही संक्रमण से बचाव के सशक्त हथियार हैं।
“अभी भी समय है, संभल जाएं” – एम. पी. सिंह, महासचिव, इंडस्ट्री चैंबर संगरूर
जिला इंडस्ट्री चैंबर, संगरूर के महासचिव एम. पी. सिंह ने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि,
“हम कोरोना की पहली लहर के दर्द को आज भी नहीं भूले हैं। यदि हमने इस बार भी लापरवाही की, तो परिणाम और भी गंभीर हो सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि आम लोगों को स्वयं जिम्मेदारी लेकर इस महामारी को फैलने से रोकना होगा। सरकार अपनी भूमिका निभा रही है, लेकिन आम जनता का सहयोग सबसे आवश्यक है।
जनता से की गई अपील – इन बातों का विशेष ध्यान रखें
उद्योग संगठनों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नागरिकों से निम्नलिखित सावधानियों का पालन करने की अपील की है:
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मास्क का नियमित प्रयोग करें, विशेषकर भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर।
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सामाजिक दूरी बनाए रखें, अनावश्यक रूप से सार्वजनिक जगहों पर न जाएं।
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हाथों की नियमित सफाई करें, साबुन या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
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यदि किसी में सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण हों तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।
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टीकाकरण अवश्य करवाएं और बूस्टर डोज लेने से न हिचकें।
अर्थव्यवस्था और जनस्वास्थ्य – दोनों का संतुलन जरूरी
एम. पी. सिंह और उद्योग जगत के अन्य प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था पहले ही गहरा आघात झेल चुकी है। ऐसे में यदि हम फिर से पैनिक करते हैं और लॉकडाउन जैसी स्थितियां बनाते हैं, तो यह आर्थिक मोर्चे पर भारी पड़ सकता है।
उनकी अपील है कि जनता डरने की बजाय जागरूक बने और सरकार भी टेस्टिंग, हॉस्पिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और दवा आपूर्ति को दुरुस्त बनाए रखे, ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।