चंडीगढ़, 31 मई: कुछ महीनों की राहत और सामान्यता के बाद एक बार फिर कोरोना वायरस ने देश में अपनी मौजूदगी का एहसास कराना शुरू कर दिया है। संक्रमण के मामले धीरे-धीरे बढ़ते दिख रहे हैं, और इस बार स्थिति पहले से कहीं अधिक चुपचाप और खतरनाक रूप में सामने आ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, देश में एक्टिव कोरोना मामलों की संख्या बढ़कर 2,710 तक पहुंच चुकी है।
कोरोना के मामलों में हो रही वृद्धि और दिल्ली में पहली मौत की खबर ने लोगों की चिंता को और गहरा कर दिया है। देश के कई राज्यों से नए मामलों की पुष्टि हो रही है, जिससे साफ जाहिर होता है कि यह वायरस अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
देशभर में कहां कितने एक्टिव केस? जानिए ताज़ा स्थिति
केरल
केरल में कोरोना की स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है। राज्य में 1,147 एक्टिव केस हैं, जो देश में सबसे अधिक हैं। स्वास्थ्य सेवाएं सतर्क हैं, लेकिन मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में बीते 24 घंटे में 84 नए संक्रमित मरीज सामने आए हैं। राज्य में कुल सक्रिय मामलों की संख्या अब 681 हो गई है।
दिल्ली
दिल्ली में स्थिति संवेदनशील हो गई है। यहां कुल 294 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं और हाल ही में सामने आई पहली मौत ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है।
राजस्थान
राजस्थान में कुल 54 एक्टिव केस हैं और यहां एक मरीज की मौत की पुष्टि हुई है।
बिहार
बिहार में हाल ही में 12 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 22 हो गई है।
झारखंड
झारखंड में भी कोरोना ने फिर से दस्तक दी है। यहां 2 नए मरीज मिले हैं और कुल एक्टिव केस 3 हैं।
दिल्ली में कोरोना से पहली मौत: संक्रमण की गंभीरता उजागर
दिल्ली में हाल ही में एक 60 वर्षीय महिला की मौत ने सभी को हिला दिया। जानकारी के अनुसार महिला की हाल ही में पेट की सर्जरी हुई थी और अस्पताल में भर्ती के दौरान कोरोना के कोई स्पष्ट लक्षण नज़र नहीं आए। लेकिन मृत्यु के बाद जब जांच की गई, तो रिपोर्ट पॉज़िटिव निकली। इस घटना से यह आशंका और बढ़ गई है कि वायरस का नया स्वरूप बिना लक्षणों के भी प्रभावी हो सकता है।
इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि संक्रमण भले ही सतह पर नजर न आए, लेकिन अंदर ही अंदर गंभीर असर डाल रहा है।
सरकार की तैयारी: “हम पूरी तरह सतर्क हैं”
इस बढ़ती चिंता के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बयान जारी करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार सभी स्तरों पर कोरोना से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने सभी राज्यों को यह निर्देश दिए हैं कि:
-
अस्पतालों में पर्याप्त बेड,
-
दवाइयों,
-
PPE किट्स,
-
और जरूरी उपकरणों का स्टॉक तैयार रखें।
इसके साथ ही टेस्टिंग की गति बढ़ाने और संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी के आदेश भी दिए गए हैं।
क्यों चिंता का कारण बन रहा है कोरोना का यह नया रूप?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह संक्रमण भले ही तेज़ी से न फैल रहा हो, लेकिन इसकी चुपचाप बढ़ती ताकत ज्यादा घातक हो सकती है। कुछ प्रमुख चिंताएं इस प्रकार हैं:
-
बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या में इजाफा।
-
मौसम के बदलाव और लोगों की लापरवाही से संक्रमण का बढ़ना।
-
लक्षणों की अस्पष्टता के कारण समय पर पहचान में कठिनाई।
-
अस्पताल में भर्ती होने से पहले जांच न होना।
सरकार के साथ-साथ आम जनता की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह पहले जैसी सतर्कता अपनाए।
-
मास्क पहनना एक बार फिर ज़रूरी हो सकता है, खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों पर।
-
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, चाहे मामला कम क्यों न हो।
-
सर्दी-खांसी, बुखार जैसे हल्के लक्षणों को नजरअंदाज न करें, तुरंत जांच कराएं।
-
टीकाकरण की स्थिति की जांच करें और यदि बूस्टर डोज़ बचा है, तो उसे जल्द लगवाएं।