बड़ी कंपनियां भारत में क्यों बेच रही हैं घटिया क्वालिटी के प्रोडक्ट्स? बड़ा खुलासा!

pepsico, unilever

क्या आप भी नेस्ले, pepsico, unilever और डैनोन जैसे ब्रांड्स के उत्पाद इस्तेमाल करते हैं? तो अब हो जाएं होशियार! क्योंकि एक एनजीओ, “एक्सेस टू न्यूट्रिशन इनिशिएटिव” (ATNI) की हाल ही में जारी रिपोर्ट ने इन कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये कंपनियां भारत जैसे कम आय वाले देशों में स्वास्थ्य के लिहाज से घटिया और खराब quality वाले प्रोडक्ट्स बेच रही हैं।

क्या कहती है रिपोर्ट?

ATNI की रिपोर्ट के मुताबिक, ये कंपनियां भारतीय बाजारों में ऐसी चीज़ें बेच रही हैं,

जो स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी फायदेमंद नहीं हैं।

वहीं, विकसित देशों में ये कंपनियां बेहतर गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट्स पेश करती हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत जैसे देशों में बेचे जा रहे उत्पादों की गुणवत्ता यूरोप जैसे उच्च आय वाले देशों में बेचे जाने वाले समान उत्पादों से कहीं ज्यादा खराब है।

कौन सी कंपनियों पर लगे ये गंभीर आरोप ? (pepsico, unilever)

पेप्सिको (PepsiCo) – भारत में इसके पेप्सी, लेज़, कुरकुरे, ट्रॉपिकाना, गेटोरेड, और क्वेकर जैसे ब्रैंड शामिल हैं।

PepsiCo, Unilever – हॉर्लिक्स, क्लोजअप टूथपेस्ट, साबुन और क्लिनिक प्लस जैसे प्रोडक्ट्स के लिए मशहूर है।

PepsiCo, Unilever – प्रोटीनेक्स और एप्टामिल जैसे बेबी फूड आइटम्स बेचती है।

ATNI के हेल्थ स्टार रेटिंग सिस्टम के मुताबिक, इन उत्पादों को निम्न आय वाले देशों में औसतन 1.8 अंक मिले,

जबकि उच्च आय वाले देशों में इनकी रेटिंग 2.3 अंक थी।

इसका साफ मतलब है कि इन कंपनियों ने निम्न आय वाले देशों में अधिकतर खराब गुणवत्ता के उत्पाद बेचे हैं।

यह रिपोर्ट इन कंपनियों के लिए गंभीर सवाल खड़े करती है और यह साबित करती है

कि वे भारत जैसे देशों में बच्चों और परिवारों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही हैं।

क्या आप भी खरीद रहे है इन कंपनीओं के Products ?