प्रस्तावित कलेक्टर रेट्स पर बवाल: चंडीगढ़ में घर खरीदना होगा आम आदमी के लिए सपना!

चंडीगढ़, 7 मार्च: चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा प्रस्तावित नए कलेक्टर रेट्स को लेकर शहर में भारी विरोध शुरू हो गया है। चंडीगढ़ प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एसोसिएशन ने इसे आम आदमी के खिलाफ और सिर्फ अमीरों के हित में लिया गया फैसला करार दिया है।

“चंडीगढ़ अब सिर्फ अमीरों का शहर बन जाएगा” – प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एसोसिएशन
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चंडीगढ़ प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल गुप्ता और सचिव जतिंदर सिंह ने प्रशासन के इस कदम की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पहले से ही शेयर वाइस रजिस्ट्री पर लगी रोक ने प्रॉपर्टी बाजार को हिला दिया था और अब बेतहाशा कलेक्टर रेट्स बढ़ाकर प्रशासन ने आम लोगों के लिए चंडीगढ़ में घर खरीदने का सपना तोड़ दिया है।
प्रस्तावित कलेक्टर रेट्स: आम लोगों के लिए असंभव, सिर्फ अमीरों के लिए मुमकिन
प्रशासन ने प्रस्तावित कलेक्टर रेट्स में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में भारी बढ़ोतरी की है।
•शहरी क्षेत्र:
•कलेक्टर रेट 42% से 128% तक बढ़ाने का प्रस्ताव।
•प्लॉटेड डेवलपमेंट के लिए मौजूदा दर ₹70,424 से ₹78,250 प्रति वर्ग गज थी, लेकिन नई दरें ₹1,28,200 से ₹1,78,600 प्रति वर्ग गज होंगी।
•ग्रामीण क्षेत्र:
•आवासीय कलेक्टर रेट में 316% तक की बढ़ोतरी।
•वाणिज्यिक संपत्तियों के लिए दरों में 438% तक की वृद्धि।
क्या आम आदमी चंडीगढ़ में घर खरीद पाएगा?
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एसोसिएशन का कहना है कि इन नई दरों के लागू होने से चंडीगढ़ केवल धनाढ्य लोगों, दिल्ली-मुंबई के हाई-प्रोफाइल खरीदारों और एनआरआई निवेशकों के लिए आरक्षित शहर बन जाएगा। उन्होंने प्रशासन से सवाल किया कि क्या कोई सरकारी अधिकारी भी इस दर पर चंडीगढ़ में संपत्ति खरीद सकता है?
शेयर वाइस रजिस्ट्री का मुद्दा: हेरिटेज स्टेटस पर भी उठे सवाल
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एसोसिएशन ने शेयर वाइस रजिस्ट्री पर लगी रोक को लेकर भी प्रशासन पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हेरिटेज स्टेटस को लेकर केंद्र सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि यह लागू नहीं होगा, फिर भी प्रशासन ने शेयर वाइस रजिस्ट्रेशन पर रोक हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इस रोक के कारण लगभग 700 करोड़ रुपये के प्रॉपर्टी सौदे अटके हुए हैं और निवेशकों को भारी नुकसान हो रहा है।
चंडीगढ़ प्रशासन पर लगे ‘तुगलकी फरमान’ लागू करने के आरोप
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चंडीगढ़ प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए गए। वक्ताओं ने कहा कि प्रशासन न तो रियल एस्टेट से जुड़े विशेषज्ञों से सलाह ले रहा है और न ही आम जनता की राय पर ध्यान दे रहा है। इस बढ़ोतरी के बाद हाउसिंग बोर्ड की ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणी के फ्लैट्स तक महंगे हो जाएंगे, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को चंडीगढ़ में घर लेना असंभव हो जाएगा।
चंडीगढ़ के लोग पूछ रहे हैं – आखिर घर कहां खरीदें?
चंडीगढ़ के स्थानीय निवासियों और प्रॉपर्टी खरीदारों में इस फैसले को लेकर भारी रोष है। एक ओर चंडीगढ़ अपनी हरियाली, प्लानिंग और हाई-लिविंग स्टैंडर्ड की वजह से सबसे पसंदीदा शहरों में से एक है, वहीं अब प्रशासन के इन फैसलों के कारण आम आदमी के लिए चंडीगढ़ में घर लेना केवल सपना बनकर रह जाएगा।
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एसोसिएशन की मांगें
1.शेयर वाइस रजिस्ट्री पर लगी रोक को तुरंत हटाया जाए, ताकि रुके हुए सौदों को पूरा किया जा सके।
2.प्रस्तावित कलेक्टर रेट्स को संशोधित कर, मध्यम और निम्न वर्ग के लिए सुलभ बनाया जाए।
3.जनता और प्रॉपर्टी विशेषज्ञों से चर्चा कर नई दरों को तय किया जाए, ताकि निवेशकों और आम नागरिकों को राहत मिले।
4.हाउसिंग बोर्ड के ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स को उच्च कलेक्टर रेट्स से बाहर रखा जाए, ताकि गरीब वर्ग को घर खरीदने में सहूलियत मिले।
क्या प्रशासन सुनेगा जनता की आवाज?
चंडीगढ़ में बढ़ते प्रॉपर्टी रेट्स को लेकर जनता में भारी असंतोष है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कदम उठाता है या फिर चंडीगढ़ सच में केवल अमीरों का शहर बनकर रह जाएगा।