चंडीगढ़, 2 मई: पंजाब सरकार द्वारा शुरू की गई ‘सी एम दी योगशाला’ योजना अब केवल एक स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि हज़ारों ज़िंदगियों को दिशा देने वाला अभियान बन चुकी है। खासतौर पर राज्य के नशा मुक्ति केंद्रों में चल रही निःशुल्क योग कक्षाएं अब उन लोगों के लिए आशा की नई रोशनी बन रही हैं, जो अपने जीवन को नशे की गिरफ्त से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
मोहाली के सेक्टर 66 स्थित नशा मुक्ति केंद्र में इन दिनों हर सुबह योग की एक अलग ही अनुभूति दिखाई देती है — गहरी साँसें, ध्यान, और आत्मशक्ति का एहसास। जहाँ पहले बेचैनी, थकान और अवसाद से घिरे मरीज नजर आते थे, अब वहां उम्मीद और ऊर्जा का वातावरण बन चुका है।
मरीजों की ज़ुबानी — “योग ने अंधेरे में उजाला भर दिया”
नशा मुक्ति केंद्र में रह रहे एक युवक ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया,
“मैं महीनों से नींद की गोलियों पर निर्भर था। लेकिन जबसे योग करना शुरू किया है, खासतौर पर योग निद्रा और अनुलोम-विलोम, अब मुझे बिना दवा के सुकून भरी नींद आती है। मन पहले की तरह अशांत नहीं रहता।”
एक अन्य मरीज ने कहा,
“शुरुआत में शरीर थका-थका लगता था, उठने का मन नहीं करता था। लेकिन अब जब रोज योग करता हूँ, तो भीतर से एक नई ऊर्जा महसूस होती है। अब लगता है कि ज़िंदगी दोबारा शुरू की जा सकती है।”
योग – केवल व्यायाम नहीं, बल्कि आंतरिक चिकित्सा
योग प्रशिक्षक पुलकित तनेजा, जो रोज़ सुबह नशा मुक्ति केंद्र में मरीजों को योग सिखाते हैं, बताते हैं कि
“नशा छोड़ने के दौरान शरीर और मन दोनों बेहद संवेदनशील हो जाते हैं। मरीज चिड़चिड़े हो जाते हैं, नींद नहीं आती, चिंता बढ़ जाती है। ऐसे में प्राणायाम और योग निद्रा शरीर की गहराई से सफाई और पुनर्निर्माण करते हैं।”
उन्होंने बताया कि भ्रामरी, नाड़ी शुद्धि, और अनुलोम-विलोम जैसी श्वास तकनीकें मानसिक स्थिरता लाती हैं, जबकि शवासन, पवनमुक्तासन और ताड़ासन शरीर की अकड़न को दूर कर लचीलापन और स्फूर्ति लौटाते हैं।
योग — एक ऐसी औषधि जो बिना साइड इफेक्ट के काम करती है
मोहाली ज़िले की योगा कोऑर्डिनेटर प्रतिमा डावर ने बताया कि सीएम दी योगशाला का उद्देश्य योग को केवल फिटनेस का साधन नहीं, बल्कि एक समग्र उपचार पद्धति के रूप में लोगों के जीवन में उतारना है।
“योग शरीर, मन और आत्मा को एक साथ संतुलित करता है। विशेष रूप से नशा मुक्ति केंद्रों में यह पहल एक सकारात्मक बदलाव की मिसाल बन रही है, जहाँ रोगियों को दवा नहीं, आत्मबल से ठीक होने का मार्ग दिखाया जा रहा है।”
योग का असर — नशा छोड़ने से ज़्यादा, जीवन जीने की नई शैली
सीएम दी योगशाला के तहत शुरू की गई इस मुहिम ने यह सिद्ध कर दिया है कि योग केवल एक क्रिया नहीं, बल्कि चेतना का विज्ञान है। यह व्यक्ति को उसके भीतर की शक्ति से जोड़ता है। और जब व्यक्ति अपने भीतर की शक्ति पहचान लेता है, तो नशा, चिंता या अवसाद — कोई भी उसे जकड़ नहीं सकता।