चंडीगढ़, 18 अप्रैल: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि राज्य सरकार खेल को केवल करियर की सीढ़ी नहीं, बल्कि एक स्वस्थ, सक्रिय और संतुलित जीवनशैली के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह बात गांव किलोई स्थित श्री शिव कुमार मेमोरियल स्टेडियम में तीसरी अखिल भारतीय शिव कुमार स्मृति बास्केटबॉल प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर कही।
खेलों को बचपन से अनिवार्य, हर खिलाड़ी को ₹20 लाख का मेडिकल बीमा
मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि:
-
प्रदेश में स्कूल स्तर से खेलों को अनिवार्य किया गया है, जिससे बच्चों में शारीरिक और मानसिक संतुलन बना रहे।
-
राज्य सरकार ने हर खिलाड़ी को ₹20 लाख का मेडिकल बीमा कवर देने का संकल्प लिया है।
-
स्टेडियम विकास के लिए ₹21 लाख की घोषणा भी की गई।
खेल प्रतियोगिता नहीं, शिव कुमार जी के जीवन मूल्यों की स्मृति
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्व. शिव कुमार जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह टूर्नामेंट केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि सेवा, अनुशासन और समर्पण की प्रेरणा देने वाला आयोजन है। उन्होंने कहा कि स्व. शिव कुमार समाज को खेलों के माध्यम से जोड़ने का जो सपना देखते थे, वह अब साकार हो रहा है।
खिलाड़ियों के लिए सुनियोजित नीति, रोजगार से लेकर पुरस्कार तक
मुख्यमंत्री ने राज्य की खेल नीति की प्रमुख उपलब्धियां साझा कीं:
-
‘हरियाणा उत्कृष्ट खिलाड़ी सेवा नियम 2021’ के तहत 550 पद सृजित।
-
224 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियां दी गईं।
-
क्लास-1 से क्लास-3 तक की नौकरियों में खिलाड़ियों को आरक्षण।
-
अब तक खिलाड़ियों को ₹593 करोड़ के नकद पुरस्कार।
-
298 खिलाड़ियों को मानदेय।
-
15,634 खिलाड़ियों को खेल उपकरण वितरित किए गए।
खिलाड़ियों को बचपन से तराश रही हैं 1,489 खेल नर्सरियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल प्रतिभाओं को बाल्यावस्था से निखारने के लिए राज्यभर में:
-
1,489 खेल नर्सरियां चलाई जा रही हैं।
-
इनमें 37,225 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं।
-
8-14 वर्ष के बच्चों को ₹1500 और 15-19 वर्ष वालों को ₹2000 प्रति माह मानदेय दिया जा रहा है।
-
2014 से अब तक 29,000 छात्रों को ₹53.45 करोड़ छात्रवृत्ति दी गई है।
खेल – सिर्फ शरीर नहीं, सोच भी निखारता है
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि बास्केटबॉल केवल फिजिकल गेम नहीं, बल्कि टीमवर्क, रणनीति और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता भी विकसित करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे खेल युवाओं में अनुशासन, एकजुटता और आत्मविश्वास पैदा करते हैं।
खेलों से सामाजिक समरसता और भाईचारा
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं राष्ट्र एकता का प्रतीक हैं। जब अलग-अलग राज्यों और संस्कृतियों के खिलाड़ी एक साथ खेलते हैं, तो वह प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि सामाजिक सामंजस्य की मिसाल बनता है।
101 कलशों के दूध से हुआ सम्मान
कार्यक्रम की विशेष बात रही गांव की माताओं द्वारा 101 कलशों में एकत्रित दूध से मुख्यमंत्री का स्वागत। उन्होंने इसे अपनी संस्कृति और परंपरा की जीवंत झलक बताया और दोनों हाथ जोड़कर माताओं को नमन किया।
खेलों से बनी पहचान, गांवों को मिला राष्ट्रीय मंच
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, “किलोई जैसे गांव अब राष्ट्रीय पटल पर आ रहे हैं। यह टूर्नामेंट हरियाणा की खेल संस्कृति को और ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।” उन्होंने आयोजकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस आयोजन के लिए बधाई दी।
हरियाणा की नई खेल नीति सिर्फ एक खेल विकास की योजना नहीं, बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन की नींव है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का यह विजन, राज्य को खिलाड़ियों का सबसे मजबूत गढ़ बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।