CM Omar Abdullah – दो महीने, जी बिलकुल सिर्फ दो महीने हुए हैं जम्मू और कश्मीर में नई सरकार को सत्ता में आए।
और अब, वही सरकार वो सब करने की कोशिश कर रही है, जो सरकार ने चुनाव के समय जनता से वादा किया था।
पर क्या ये सब इतना आसान है? बिल्कुल नहीं! बता दें कि उमर अब्दुल्ला, जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री ने साफ-साफ कहा,
‘हमने काम शुरू कर दिया है, लेकिन कुछ वादे ऐसे हैं जिन्हें पूरा करने के लिए सिस्टम में बदलाव की जरूरत है।’
और यहीं से शुरू होती है वो बात, जो हर किसी को हैरान कर सकती है!
CM Omar Abdullah – जम्मू और कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू और कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अभी अस्थायी है,
और वह दिन दूर नहीं जब राज्य का दर्जा फिर से बहाल होगा।
मतलब… कश्मीर के लोग अब उस वादे के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं, जो उन्हें केंद्र सरकार ने चुनावों में दिया था।
लेकिन यहाँ एक सवाल उठता है। उमर अब्दुल्ला ने सीधे तौर पर बीजेपी पर तंज कस्ते हुए कहा, “भले ही हम यह स्वीकार कर लें कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति का स्थायी समाधान हो गया है,
लेकिन सचाई यह है कि जम्मू-कश्मीर का एक हिस्सा सीमा के दूसरी तरफ है।
जब भाजपा दावा करती है कि कश्मीर की समस्या हल हो गई है,
तो क्या इसका मतलब यह है कि वे मानते हैं कि सीमा के दूसरी तरफ का मुद्दा भी हल हो गया है?
स्पष्ट रूप से, ऐसा नहीं हुआ है। कश्मीर समस्या अभी भी मौजूद है,
चाहे वह सीमा के इस तरफ हो या उस तरफ, और यह ऐसी चीज है जिस पर हम चर्चा कर सकते हैं।”
कश्मीर का मुद्दा, सिर्फ भारत या पाकिस्तान के बीच नहीं
क्या आप समझ रहे हैं? कश्मीर का मुद्दा, सिर्फ भारत या पाकिस्तान के बीच नहीं,
बल्कि एक पूरी दुनिया के सामने एक अनसुलझा मामला है।
उनका कहना है कि बीजेपी चाहे जो भी कहे, कश्मीर का मुद्दा अभी खत्म नहीं हुआ है!
और जो सबसे चौकाने वाली बात उमर अब्दुल्ला ने कही, वह यह है कि उन्होंने अपने अनुभवों से सीखा है
और मीडिया से लगातार बातचीत ना करने की कीमत चुकाई है।
वह साल में दो बार बिना किसी एजेंडे के खुलकर बातचीत करते रहेंगे।
तो, क्या जम्मू और कश्मीर का भविष्य वो होगा, जो ओमर अब्दुल्ला कह रहे हैं?
या फिर ये सिर्फ एक और राजनीतिक बयान है? ये तो वक्त ही बताएगा।
आपकी इस मुद्दे पर राय क्या है? क्या कश्मीर का मुद्दा कभी सुलझेगा?