हरियाणा के CM Nayab Saini ने किसानों के खेतों से गुजरने वाली हाई टेंशन बिजली की लाइनों के लिए मुआवजा नीति लागू करने की घोषणा की।
इस नई नीति के तहत किसानों को टावर एरिया के लिए मार्केट रेट का 200 प्रतिशत मुआवजा मिलेगा,
जबकि खेतों से गुजरने वाली लाइन के नीचे की भूमि के लिए 30 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह बात आज हरियाणा विधानसभा के सत्र में सदन को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि लंबे समय से किसानों की यह मांग थी
कि उनके खेतों से गुजरने वाली बिजली लाइनों की वजह से जमीन पर फसल नहीं उग पाती थी,
लेकिन उन्हें कोई उचित मुआवजा भी नहीं मिलता था।
अब, राज्य सरकार ने इस समस्या का समाधान किया है और किसानों को न्याय दिलाने के लिए एक ठोस नीति बनाई है।
CM Nayab Saini : क्या है नई मुआवजा नीति?
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस नीति के तहत किसानों को टावर बेस एरिया के लिए 1 मीटर की परिधि तक की भूमि का मुआवजा दिया जाएगा।
इसके अलावा, खेतों से गुजरने वाली बिजली लाइन के नीचे की ज़मीन के लिए भी मार्केट रेट का 30 प्रतिशत मुआवजा किसानों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मुआवजे की गणना कलेक्टर रेट के आधार पर नहीं की जाएगी,
बल्कि पूरी तरह से मार्केट रेट को आधार माना जाएगा, ताकि किसानों को पूरी आर्थिक सहायता मिल सके।
यूजर कमेटी और अपील का प्रावधान
इस नीति के तहत एसडीएम की अध्यक्षता में एक यूजर कमेटी बनाई गई है,
जो मुआवजे की रिपोर्ट जिला उपायुक्त को सौंपेगी।
यदि किसी किसान को कोई समस्या होती है या उसे उचित मुआवजा नहीं मिलता,
तो वह अपनी अपील मंडल आयुक्त के पास कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने किसानों के हक में केंद्र सरकार की भूमिका को भी सराहा।
उन्होंने कहा कि जब केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री मनोहर लाल ने पद संभाला,
तो उन्होंने सबसे पहले किसानों के इस मुद्दे को उठाया और केंद्र सरकार से इस मुआवजा नीति को लागू करवाया।
झज्जर किसानों की समस्या का समाधान
मुख्यमंत्री ने झज्जर जिले के किसानों की विशेष समस्याओं का भी जिक्र किया,
जिन्होंने उनके पास आकर राजस्थान से आने वाली बड़ी लाइन के बारे में शिकायत की थी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने तत्काल कदम उठाए हैं,
और अब किसान इस नई मुआवजा नीति का लाभ उठा सकते हैं।