हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी (CM Naib Saini) ने गुरुग्राम में आयोजित 71वें राष्ट्रीय सहकारिता सप्ताह के समापन समारोह में शिरकत की और राज्य के आर्थिक विकास में सहकारिता आंदोलन की अहम भूमिका को रेखांकित किया।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सहकारिता समितियों से सक्रिय रूप से जुड़कर राज्य के “विकसित भारत – विकसित हरियाणा” के लक्ष्य को पूरा करने में योगदान करें।
CM Naib Saini : सहकारिता के क्षेत्र में बड़े फैसले
समारोह में मुख्यमंत्री ने खासकर सहकारिता के क्षेत्र में बड़े फैसले लिए और कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
उन्होंने कहा कि राज्य के नारायणगढ़ में जल्द ही एक अत्याधुनिक सहकारी चीनी मिल स्थापित की जाएगी,
जिससे न केवल किसानों को फायदा होगा बल्कि क्षेत्र के औद्योगिक विकास में भी एक नई दिशा मिलेगी।
इसके अलावा, उन्होंने कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी तेल पेराई मिल
और रेवाड़ी में देश की सबसे बड़ी सहकारी सरसों तेल मिल स्थापित करने का भी ऐलान किया।
इन योजनाओं से स्थानीय कृषि उत्पादों की कीमतों में वृद्धि होगी और किसानों के लिए बाजार की नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।
मुख्यमंत्री ने सहकारी संस्थाओं की बढ़ती भूमिका के बारे में भी विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को बेहतर भंडारण, प्रसंस्करण और विपणन सुविधाएं प्रदान की जाएंगी,
जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
साथ ही, महिलाओं के लिए कौशल विकास और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे,
ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को सशक्त कर सकें।
सहकारिता की महत्वता को समझाते हुए : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने सहकारिता की महत्वता को समझाते हुए यह भी कहा कि सहकारी समितियां कृषि, ग्रामीण विकास और राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देती हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में विभिन्न उत्पादों के लिए एकीकृत ब्रांड तैयार किया जा सकता है,
जैसे अमूल का ब्रांड दूध के लिए है, उसी तरह से हम अपने स्थानीय उत्पादों जैसे श्री अन्ना (बाजरा) को एक पहचान दे सकते हैं
और उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रमोट कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के विजन को भी स्वीकार किया
और विश्वास जताया कि “सहकारिता से समृद्धि” का मंत्र इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
उन्होंने राज्य सरकार की सहकारिता से जुड़े कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया,
जिसमें किसानों को समय पर कर्ज की अदायगी करने पर ब्याज में 50 प्रतिशत राहत दी जा रही है
और अब तक 101 करोड़ रुपये की ब्याज राहत दी जा चुकी है।
साथ ही, मुख्यमंत्री ने सहकारी दुग्ध उत्पादक समितियों के सदस्यों के बच्चों के लिए शिक्षा और कन्यादान योजनाओं की भी जानकारी दी।
इसके तहत कक्षा 10 और 12 के मेधावी छात्रों को छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं
और सहकारी समितियों के सदस्य परिवारों को कन्यादान योजना का लाभ भी मिल रहा है।
सहकारी संस्थाओं के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा
मुख्यमंत्री ने सहकारी संस्थाओं के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने की बात भी की
और कहा कि नवाचार और सहयोग के जरिए हरियाणा में सहकारिता के भविष्य को आगे बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली सहकारी संस्थाओं को सम्मानित किया और उन्हें प्रेरित किया।
इस मौके पर हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा ने भी राज्य सरकार की पहल के बारे में बात की।
उन्होंने कहा कि विभाग राज्य की सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं और पहलों को लागू कर रहा है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा में अब तक 33,000 कार्यशील सहकारी समितियां हैं
और लगभग 55 लाख लोग इनसे जुड़े हुए हैं।
समारोह में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, विधायक मुकेश शर्मा, तेजपाल तंवर, बिमला चौधरी, और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।