चंडीगढ़, 26 मई: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज कुरुक्षेत्र जिले के गांव मथाना में आधुनिक गौ-चिकित्सालय की आधारशिला रखी। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार द्वारा लागू ‘गौ-संवर्धन योजना’ की जानकारी दी और कहा कि यह योजना राज्य में गौमाता की समग्र सुरक्षा, चिकित्सा और संवर्धन के लिए क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत हरियाणा का पहला बायोगैस संयंत्र यमुनानगर में लगाया जा रहा है, जिस पर 90 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह संयंत्र न केवल गौशालाओं की ऊर्जा जरूरतें पूरी करेगा, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाएगा।
गौ-चिकित्सालय के लिए 21 लाख रुपये की सहायता की घोषणा
गांव मथाना में भूमि पूजन और शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गौ-चिकित्सालय के निर्माण हेतु 21 लाख रुपये की धनराशि राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। उन्होंने विश्वास दिलाया कि इस केंद्र से न सिर्फ बेसहारा गौवंश, बल्कि आसपास के पशुपालकों को भी चिकित्सा सुविधा मिलेगी।
गौ-संवर्धन के लिए व्यापक योजनाएं:
गौशालाओं में बुनियादी ढांचे के लिए बड़ा निवेश
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2023 में 270 करोड़ रुपये केवल गौशालाओं में चारे की व्यवस्था के लिए
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166 करोड़ रुपये 608 गौशालाओं को वितरित किए गए
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310 गौशालाओं में शैड निर्माण हेतु 30 करोड़ रुपये का आवंटन
ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
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331 गौशालाओं में सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित
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344 में निर्माणाधीन, इन सभी पर 90% सब्सिडी प्रदान की जा रही है
पानी, शैड और चारे के लिए 8 करोड़ रुपये की सहायता
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प्रत्येक गौशाला को 10 लाख रुपये तक सहायता दी गई
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50 गौशालाओं में शैड निर्माण पूरा, शेष कार्य प्रगति पर
गौचरान भूमि का संरक्षण और उपयोग
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने ग्राम पंचायतों की गौचरान भूमि को गौशालाओं के सुपुर्द करने का प्रावधान किया है ताकि बेसहारा गायों के लिए स्थायी चारा व्यवस्था की जा सके।
गौशालाओं की वृद्धि: 2014 बनाम 2024
वर्ष | पंजीकृत गौशालाएं | कुल गौवंश |
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2014 | 214 | 1.74 लाख |
2024 | 683 | 4.5 लाख |
गौसेवा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता इस आंकड़े से स्पष्ट होती है। 2014 से पहले मात्र 2 करोड़ रुपये का बजट था, जो अब बढ़कर 500 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है।
प्राकृतिक खेती से जुड़ी गौ-सेवा की महत्ता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय अनिवार्य है।
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प्रत्येक देसी गाय की खरीद पर 30,000 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है
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इस वित्त वर्ष में 1 लाख एकड़ में प्राकृतिक खेती का लक्ष्य रखा गया है
कृषि मंत्री की किसानों को सलाह: “स्वास्थ्य के लिए अपनाएं प्राकृतिक खेती”
कृषि मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि रासायनिक खेती ने मिट्टी और स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाला है। उन्होंने बताया कि
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देसी गाय और जीवामृत बनाने के सामान पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है
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किसानों के खातों में फसल का भुगतान सीधे भेजा जा रहा है, जो पहले बिचौलियों के पास जाता था
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कम उत्पादन पर सरकार भावांतर भरपाई योजना के तहत आर्थिक सहायता देती है
गांव मथाना की सरपंच अंजना देवी ने सौंपा मांग-पत्र
कार्यक्रम के अंत में गांव मथाना की सरपंच श्रीमती अंजना देवी ने गांव की आवश्यकताओं और विकास से जुड़ी मांगों का मांग-पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा। मुख्यमंत्री ने उपस्थित ग्रामीणों की शिकायतें भी सुनी और अधिकारियों को तत्काल समाधान के निर्देश दिए।