चंडीगढ़, 24 फरवरी: उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने आज लघु सचिवालय के सभागार में अडॉप्शन कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में तीन बच्चों के गोद लिए जाने के मामलों पर विस्तार से चर्चा की गई और गोद लेने के इच्छुक परिजनों का साक्षात्कार लिया गया।
बच्चा गोद लेने के लिए करें ऑनलाइन आवेदन
बैठक के दौरान उपायुक्त ने बताया कि जो भी परिवार बच्चा गोद लेना चाहते हैं, वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद क्रम संख्या के आधार पर बच्चा गोद दिए जाने की प्रक्रिया होगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चा गोद देने से पहले प्रशासन पूरी जांच-पड़ताल करता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि परिवार बच्चे की परवरिश के लिए सक्षम है। इसके लिए प्रशासन की टीम आवेदक के घर जाकर स्थिति की जांच करती है और स्थानीय लोगों से भी परिवार के बारे में जानकारी लेती है।
जरूरी दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया
गोद लेने की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए आवेदकों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा करने होंगे:
✅ पहचान प्रमाण पत्र: आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड
✅ पता प्रमाण पत्र: आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, बिजली बिल
✅ आय प्रमाण पत्र: इनकम सर्टिफिकेट, फॉर्म 16
✅ विवाह प्रमाण पत्र: शादी का सर्टिफिकेट
✅ बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र (यदि पहले से कोई बच्चा है)
कैसे होगी गोद लेने की प्रक्रिया?
1️⃣ ऑनलाइन आवेदन भरना होगा, जिसमें व्यक्तिगत जानकारी और अन्य विवरण दर्ज करने होंगे।
2️⃣ प्रशासन द्वारा घर का दौरा कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परिवार बच्चे की देखभाल के लिए सक्षम है।
3️⃣ साक्षात्कार प्रक्रिया के तहत आवेदक की मानसिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
4️⃣ यदि आवेदक को योग्य पाया जाता है, तो उसे बच्चे की जानकारी दी जाएगी और मुलाकात कराई जाएगी।
5️⃣ अंतिम चरण में गोद लेने का समझौता किया जाएगा और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद बच्चा सौंपा जाएगा।
प्रशासन की अपील: जरूरतमंद बच्चों को दें नया जीवन
बैठक में उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने कहा कि गोद लेने की प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाया गया है ताकि जरूरतमंद बच्चों को सुरक्षित और खुशहाल भविष्य मिल सके। उन्होंने इच्छुक परिजनों से जल्द आवेदन करने की अपील की।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त निशा यादव, जिला बाल संरक्षण अधिकारी निधि मालिक, बाल कल्याण अधिकारी शिवानी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।