व्यापारी एकता मंच ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें 12 और 13 सितंबर को Industrial Area को पूरी तरह से बंद रखने की घोषणा की।
दोनों दिनों के कार्यक्रम की रूपरेखा इस प्रकार है:
12 सितंबर: व्यापारी अपनी लग्जरी कारों के साथ नोटिस रद्द करने की मांग करते हुए भीख मांगेंगे।
सभी व्यापारियों को एकजुट कर अपने हितों के प्रति जागरूकता फैलाएंगे।
13 सितंबर: व्यापारी भीख की राशि और नोटिसों के साथ प्रशासन के समक्ष जाकर नोटिस रद्द करने की गुजारिश करेंगे।
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वे प्रशासन से अपील करेंगे कि उनकी एकत्रित की गई भीख की राशि से नोटिसों को रद्द किया जाए।
यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो व्यापारी अपने-अपने व्यवसाय परिसर की चाबियां प्रशासन को सौंपकर चंडीगढ़ से पलायन करने की शपथ लेंगे।
उद्योगपतियों ने यूटी प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलने का निर्णय लिया है,
क्योंकि उन्हें लगातार मिसयूज और वायलेशन के नोटिस मिल रहे हैं,
जिससे कारोबार करना कठिन हो गया है। उद्योगपतियों ने गवर्नर कटारिया से भी मुलाकात की थी
और 29 अगस्त को ट्रिब्यून चौक पर प्रदर्शन किया था। उन्होंने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया था
कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता है, तो वे चंडीगढ़ बंद करेंगे।
चूंकि उनकी समस्याएं अब तक अनसुलझी हैं, अब वे अपने कारोबार को बंद करने की योजना बना रहे हैं।