भारत के फुटबॉल सितारों को तराशेगी “चैंपियंस फुटबॉल एकेडमी” – चंडीगढ़ में हुई शुरुआत!

चंडीगढ़, 29 अप्रैल: भारत में फुटबॉल को बढ़ावा देने और युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने के लिए एक बड़ी पहल की गई है। संजय गांधी एजुकेशनल सोसाइटी और संधू फुटबॉल एकेडमी के सहयोग से “चैंपियंस फुटबॉल एकेडमी” की शुरुआत की गई है। यह एकेडमी श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल, सेक्टर 44, चंडीगढ़ में स्थापित की गई है।

उद्देश्य: फुटबॉल में भारत का भविष्य बनाना

यह एकेडमी देशभर से प्रतिभाशाली बच्चों की पहचान करके, उन्हें बेहतर प्रशिक्षण, शिक्षा और सुविधाएं देकर अंतरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाने का लक्ष्य रखती है।

एकेडमी की मुख्य खासियतें

  1. राष्ट्रीय स्तर पर चयन ट्रायल्स:

    • 2012 और 2013 में जन्मे बच्चों के लिए ट्रायल होंगे।

    • 20 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा।

  2. संपूर्ण विकास पर जोर:

    • अनुभवी कोचों द्वारा खास फुटबॉल प्रशिक्षण

    • शिक्षा का भी पूरा ध्यान – ताकि खेल और पढ़ाई दोनों में संतुलन बना रहे।

    • प्रमुख टूर्नामेंटों और अन्य अकादमियों के दौरे का मौका।

  3. मेरिट आधारित छात्रवृत्ति:

    • जो बच्चे अच्छा प्रदर्शन करेंगे, उन्हें छात्रवृत्ति मिलेगी ताकि आर्थिक स्थिति बाधा न बने।

  4. रहने की सुविधा:

    • नि:शुल्क आवास (संजय गांधी एजुकेशनल सोसाइटी की तरफ से)।

    • ₹6,000 प्रति माह में रहन-सहन, भोजन और पोषण (फल, दूध आदि)।

  5. मुफ्त किट और ट्रेनिंग गियर:

    • खिलाड़ियों को खेलने और अभ्यास की सभी किट मुफ्त दी जाएंगी।

  6. चिकित्सकीय सुविधा:

    • जरूरत पड़ने पर प्राथमिक उपचार की सुविधा मुफ्त मिलेगी।

  7. विशेषज्ञ मार्गदर्शन:

    • पूर्व SAI डायरेक्टर प्रो. डॉ. आई.पी. नागी द्वारा मेंटरशिप और तकनीकी सलाह।

“यह सिर्फ फुटबॉल ट्रेनिंग नहीं, एक सुनहरा भविष्य है” – आयोजकों का संदेश

रंजन सेठी और चोपड़ा ने बताया कि:

  • यहां बच्चों को व्यक्तिगत कोचिंग, नई तकनीक से लैस प्रशिक्षण, और खेल व पढ़ाई दोनों में बैलेंस मिलेगा।

  • भविष्य में खिलाड़ी देश-विदेश के फुटबॉल क्लबों में खेलने का मौका पा सकेंगे।

  • यह एकेडमी उन बच्चों के लिए आदर्श मंच है जो भारतीय फुटबॉल में नया इतिहास लिखना चाहते हैं।

चैंपियंस फुटबॉल एकेडमी सिर्फ एक ट्रेनिंग सेंटर नहीं है, यह एक सपनों की शुरुआत है। यहां से निकलने वाले खिलाड़ी आने वाले समय में भारत की फुटबॉल पहचान बन सकते हैं।