Festival Fever On : हर कोने में Celebration और प्यार की गुलज़ार!

Festival Fever On : भारत में त्योहारों का मौसम आते ही चारों तरफ एक अलग ही माहौल बनने लगता है।

हर कोई सालभर इंतजार करता है कि कब वो दिन आएगा जब सड़कों पर रोशनी की चमक और घरों में मिठाइयों की महक फैलेगी।

त्योहारों का यह Season सिर्फ धार्मिक मान्यताओं का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह हमें जोड़ता है,

खुशियां बांटता है और जीवन में एक ताजगी भर देता है।

Festival Fever On : त्योहारों का मौसम गणेश चतुर्थी से

त्योहारों का मौसम शुरुआत करता है गणेश चतुर्थी से। देश के कई हिस्सों में लोग बड़े ही धूमधाम से गणपति बप्पा को अपने घर लाते हैं।

“गणपति बप्पा मोरया” की गूंज के साथ हर गली, हर चौराहा जीवंत हो जाता है।

इस वक्त परिवार के लोग इकट्ठे होते हैं, एक साथ प्रार्थना करते हैं और बप्पा की मूर्ति को सजाने का आनंद उठाते हैं।

दीवाली: रोशनी का त्योहार

गणेशोत्सव के बाद आता है सभी का फेवरेट त्योहार – *दीवाली*। इसे देशभर में सबसे बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है।

“दीवाली की धूम” का मतलब होता है कि घरों की सफाई शुरू हो जाती है, नए कपड़े खरीदे जाते हैं,

मिठाइयाँ बनाई जाती हैं और सबसे खास, घरों को दियों और लाइट्स से सजाया जाता है।

दीवाली की रात, जब आसमान में पटाखों की आवाज गूंजती है और चारों तरफ रंग-बिरंगी लाइट्स की चमक होती है,

तो ऐसा लगता है जैसे शहर ही चमकने लगा हो।

लेकिन इन सब के बीच, अब लोग दीवाली को इको-फ्रेंडली तरीके से मनाने की ओर भी बढ़ रहे हैं।

पटाखों का शोर कम हो रहा है, और लोग अब दीयों की रोशनी और परिवार के साथ वक्त बिताने को ज्यादा महत्व दे रहे हैं।

Festival Fever On : क्रिसमस और नया साल

दीवाली के तुरंत बाद, क्रिसमस की तैयारी शुरू हो जाती है। इस त्योहार को भले ही ईसाई धर्म से जोड़ा जाता हो,

लेकिन भारत में इसे हर धर्म और समुदाय के लोग बड़ी उत्सुकता से मनाते हैं।

“सांता आ रहा है” वाली एक्साइटमेंट बच्चों में खासतौर पर देखी जाती है।

शहरों के मॉल्स और घरों में सजे क्रिसमस ट्री और सांता क्लॉज की ड्रेस में घूमते लोग त्योहार की रौनक बढ़ा देते हैं।

फिर आता है *नया साल*। दिसंबर का महीना जैसे-जैसे खत्म होता है, लोग नए साल के स्वागत की तैयारी में जुट जाते हैं।

यह वो वक्त होता है जब लोग पुरानी यादों को समेटते हैं और नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ने की सोचते हैं।

“न्यू ईयर पार्टीज” का माहौल चारों ओर छा जाता है,

और लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ एक नए सफर की शुरुआत करते हैं।

फेस्टिव सीजन का सोशल कनेक्शन

त्योहारों का सीजन न सिर्फ व्यक्तिगत खुशियों का वक्त होता है,

बल्कि यह सामूहिक जश्न का भी मौका होता है।

लोग सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को बधाइयाँ भेजते हैं,

मीम्स और स्टोरीज शेयर करते हैं।

हर किसी का वॉट्सएप और इंस्टाग्राम त्योहारों की तस्वीरों और शुभकामनाओं से भर जाता है।

त्योहारों के समय सोशल मीडिया का अपना ही एक अलग मजा होता है।

नए बदलाव

त्योहारों की मौज-मस्ती अब केवल परंपराओं तक सीमित नहीं है।

अब लोग पर्यावरण की सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारियों का भी ध्यान रखने लगे हैं।

प्लास्टिक का उपयोग कम हो रहा है, इको-फ्रेंडली सजावट का चलन बढ़ रहा है, और लोग त्योहारों को शांति और स्वच्छता के साथ मनाने पर जोर दे रहे हैं।

 

Festival Season का असली मतलब होता है – *खुशियों का साझेदार बनना,

अपनों के साथ वक्त बिताना और जीवन के छोटे-छोटे पलों को भरपूर जीना।

* चाहे गणेश चतुर्थी हो, दीवाली हो, क्रिसमस हो या नया साल,

ये सारे त्योहार हमें एकता, प्रेम और उल्लास का संदेश देते हैं।

Sakshi Dutt:

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