ASI Bohar Singh के मामले पर Bajwa का स्पीकर से सवाल

पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन कोटकपूरा के ASI Bohar Singh के मुद्दे पर विपक्षी नेता प्रताप सिंह Bajwa ने सवाल उठाया।

Bajwa ने स्पीकर कुलतार सिंह संधवा से पूछा कि जब विधानसभा ने यह निर्णय लिया था

कि DGP गौरव यादव को सदन में बुलाया जाएगा,

तो गृह सचिव को यह आदेश क्यों दिया गया कि बोहड़ सिंह को छोड़कर बाकी सभी आरोपियों पर भी कार्रवाई की जाए?

Bajwa ने इस मामले की जांच के लिए

Bajwa ने इस पर जोर देते हुए कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाना चाहिए।

उन्होंने तर्क किया कि इससे पुलिस और अन्य विभागों में जवाबदेही तय होगी और जिम्मेदारी का एहसास होगा।

बाजवा ने स्पीकर से यह भी पूछा कि जब विधानसभा ने इस पर सहमति दे दी थी, तो क्या आप अकेले इस मामले पर निर्णय ले सकते हैं?

स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने जवाब में कहा कि विधानसभा ने इस मामले को स्वीकार किया था

और इस पर पूरी रिपोर्ट मंगाई गई थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी जिम्मेदारी है कि वे साफ-सुथरी प्रशासनिक व्यवस्था प्रदान करें।

ASI Bohar Singh पर पहले अकाली दल की सरकार के दौरान

संधवा ने बताया कि ASI Bohar Singh पर पहले अकाली दल की सरकार के दौरान 50 हजार रुपये की रिश्वत लेने का आरोप था,

और कांग्रेस की सरकार के दौरान भी उन्होंने 50 हजार रुपये की रिश्वत ली थी।

इस समय की सरकार के तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और उन्हें रिश्वत देने के मामले में कोई राहत नहीं दी गई।

स्पीकर संधवा ने इस बात को किया स्पष्ट

स्पीकर संधवा ने इस बात को स्पष्ट किया कि वे अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभा रहे हैं और

किसी भी अनुशासनहीनता या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय जांच और कानूनी प्रक्रिया के तहत ही कार्रवाई की जाएगी।

इस मुद्दे पर स्पीकर ने जोर देते हुए कहा कि विधानसभा की सहमति के बावजूद,

किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधि के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

उनका कहना था कि इस मामले की गंभीरता को समझते हुए

सरकार पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ जांच कर रही है।

स्पीकर ने यह भी उल्लेख किया कि सभी आरोपियों के खिलाफ न्यायसंगत कार्रवाई की जाएगी,

और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की पक्षपाती कार्रवाई नहीं की जाएगी।

स्पीकर ने जवाब में आश्वासन दिया कि विधानसभा इस मुद्दे पर पूरी गंभीरता के साथ ध्यान दे रही है और

किसी भी तरह की अनियमितता को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उनके अनुसार,

सरकार की प्राथमिकता यह है कि सार्वजनिक विश्वास और प्रशासनिक ईमानदारी को बनाए रखा जाए।

इस प्रकार, स्पीकर संधवा ने आश्वस्त किया कि इस मामले में पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ उचित कार्रवाई की जाएगी,

और किसी भी प्रकार की भेदभावपूर्ण कार्रवाई से बचने की पूरी कोशिश की जाएगी

BIG BREAKING – कांग्रेस नेता के घर ED की RAID

BIG BREAKING : इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है की खन्ना में ई.डी. (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा कांग्रेसी नेता राजदीप सिंह के घर पर छापेमारी की गयी है।

यह छापेमारी कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू से जुड़े टैंडर घोटाला मामले के सिलसिले में की जा रही है।

इसके अलावा, राजदीप सिंह के नाम को नकली शराब फैक्ट्री के साथ भी जोड़ा जा रहा है।

https://newspedia24.com/noc-requirement-for-plot-registration-abolished-bhagwant-mann-government/ 

BIG BREAKING : राजदीप सिंह की संपत्ति की भी जांच

ई.डी. द्वारा छापेमारी के दौरान राजदीप सिंह की आमदन से अधिक संपत्ति की भी जांच की जा रही है।

यह भी बताया जा रहा है कि राजदीप सिंह को गुरकीरत कोटली का करीबी माना जाता है,

जो इस मामले की जाँच की दिशा को प्रभावित कर सकता है।

यह स्थिति राजनीतिक और कानूनी हलकों में काफी सुर्खियाँ बटोर रही है और

इसके संभावित परिणामों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। अब देखना ये होगा की इस जाँच में ED का अगला कदम क्या होता है

 

Petrol vs Diesel vs Electric कौन सी गाडी बेहतर करे सही चुनाव

Petrol vs Diesel vs Electric : आजकल मार्केट में गाड़ी ख़रीदने निकलो तो तमाम तरह के ऑप्शन देखने को मिल जाएंगे।

नई गाड़ी ख़रीदने को लेकर ग्राहक आज कल बहुत असमंजस में है क्योंकि वो तय नहीं कर पाता है

कि कौन सी गाड़ी उसकी Running के हिसाब से ठीक रहेगी मार्केट में काफ़ी तरह के Option मिल जाएंगे जैसे की Petrol, Diesel और Electric.

आज हम आपको आपकी ज़रूरत के हिसाब से इन तीनों सेगमेंट की विशेषताएँ और साथ ही कमियां बताएंगे कि आप सही गाड़ी का चुनाव कैसे कर सकते है-

Petrol vs Diesel vs Electric है कौन सी गाडी बेहतर

1. Petrol Engine – सबसे पहले Petrol engine की बात करें तों इसमें चार सिलेंडर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है

जो की काफ़ी Reliable और लंबे समय तक चलने वाला होता है

अगर किसी भी Petrol कार की बात करें तो उसका लगभग एवरेज 10 से 12 किलोमीटर प्रतिलीटर मिलता है

अगर आपकी Running 40 से 45 किलोमीटर प्रतिदिन है तो लगभग आपको 500 रूपए तक का पेट्रोल का ख़र्चा आएगा।

• Petrol Engine के फ़ायदे
1. कम रख रखाव
2. Diesel के मुक़ाबले कम शोर और Vibration
3. कम Pollution

2. Diesel Engine – Diesel engine की बात ही कुछ अलग है क्योंकि जो लोग Diesel engine की Performance को जानते हैं

वह Petrol engine की तरफ़ जल्दी टिक नहीं पाते। अगर आप दिन में 100 किलोमीटर से अधिक यात्रा करते हैं

तो आपके लिए Diesel गाड़ी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। Diesel engine की कुछ अपनी खासियत और कमियां हैं।

• खासियत –


1. बेहतरीन Average, 16 -18 किलोमीटर प्रतिलीटर
2. तगड़ा Performance
3. Petrol के मुक़ाबले लंबी यात्रा के लिए कम लागत

• कमियां –
1. Petrol गाड़ी के मुक़ाबले ज़्यादा दाम
2. ज़्यादा रख रखाव
3. Pollution के Norms से मैच ना होना
4. अधिक शोर और Vibration
5. कुछ राज्यों में 10 साल पुरानी Diesel गाड़ियां बैन

3. Electric Cars – Electric गाड़ियां Diesel और Petrol के मुक़ाबले काफ़ी भिन्न है क्योंकि इसमें Electric मोटर और बैटरी का ही इस्तेमाल किया जाता है।

जिस के कारण यह गाड़ियां एक दम शांत होती है और Performance के मामले में भी बेहतरीन होती है।

अगर आप बहुत अधिक यात्रा करते हैं तो आपको Electric गाड़ियों की तरफ़ ही जाना चाहिए

क्योंकि इनका Running Cost काफ़ी कम होता है। Electric गाड़ियों की भी अपनी कुछ खासियत और कमियां हैं।

• खासियत
1. कम रख रखाव
2. 1 से 1.50 रुपया प्रति किलोमीटर की लागत
3. 8 साल बैटरी की Warranty
4. बेहतरीन Performance

• कमियां
1. Charging Infrastructure का ना होना
2. लंबी यात्रा के लिए Charging असुविधा
3. बैटरी की लाइफ़ को लेकर चिंता

हम ने तीनों प्रारूपों को पेश किया है |

इन सभी पहलुओं पर विचार करके आप अपनी Demands, बजट, और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के अनुसार सबसे उपयुक्त गाड़ी का चुनाव कर सकते हैं।

गाड़ी का चयन आपके जीवनशैली और भविष्य की योजना के अनुसार आपकी यात्रा सुखद और आर्थिक रूप से संतुलित रह सकता है।

आप अपनी Running सुविधा अनुसार इनमें से किसी भी गाड़ी का चुनाव कर सकते हैं।

क्या आप भी फसे है SMARTPHONE के चंगुल में ? हो जाए सावधान….

डिजिटल युग में SMARTPHONE हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है। चाहे बच्चे हों या बुजुर्ग, हर कोई घंटों-घंटों फोन के साथ बिता रहा है।

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अत्यधिक स्मार्टफोन उपयोग आपके दिमाग को चबा सकता है?

जब आप लगातार फोन में ही गढ़े रहते हैं, तो इसका असर सिर्फ आपकी आंखों पर ही नहीं,

बल्कि आपके दिमाग पर भी पड़ता है और धीरे धीरे ये आपके स्वास्थ्य के लिए भी काफी हानिकारक हो सकता है।

SMARTPHONE का अत्यधिक इस्तेमाल मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं को जन्म दे सकता है।

यह हमारी दैनिक जीवन की स्वस्थ आदतों को भी प्रभावित करता है।

जिन लोगों की दिनचर्या में स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग होता है,

उन्हें अवसाद, तनाव, और नींद की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

SMARTPHONE के अधिक उपयोग से कौन-कौन सी समस्याएं हो सकती हैं

1. अकेलेपन का सामना: यदि आप अपने खाली समय को भरने के लिए स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग कर रहे हैं,

तो यह संकेत हो सकता है कि आप धीरे-धीरे उदासी का शिकार हो रहे हैं।

अकेलेपन को दूर करने के लिए अपने करीबी लोगों से बात करें, पसंदीदा म्यूजिक सुनें, या किसी ऐसे काम में व्यस्त हों जो आपको पसंद हो।

2. बार-बार फोन चेक करना: अगर आप बिना किसी कारण के बार-बार फोन चेक करते हैं, तो यह बेचैनी, चिंता या उदासी का संकेत हो सकता है।

यह दिखाता है कि आप अपनी असंतोषजनक भावनाओं को फोन के माध्यम से भरने की कोशिश कर रहे हैं।

3. नींद की कमी: रात को सोने से पहले फोन का उपयोग सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर आप पूरी रात फोन पर लगे रहते हैं,

तो यह आपकी नींद को प्रभावित कर सकता है। नींद की कमी आपके मूड को खराब कर सकती है ।

4. ध्यान की कमी: फोन पर लगातार लगे रहने से आपकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम हो सकती है

और आपकी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है।

5. आंखों और त्वचा के लिए नुकसान: फोन का अत्यधिक उपयोग आपकी आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है।

इससे आंखों में जलन, सूखापन, थकान और काले घेरे जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

मोबाइल की ब्लू लाइट त्वचा को उम्र से पहले बूढ़ा बना सकती है, जिससे जल्दी झुर्रियां पड़ सकती हैं।

समाधान के उपाय:

1. अपने स्मार्टफोन उपयोग को सीमित करें और दिन में कुछ समय के लिए ही इसका उपयोग करें।

2. दिन में एक ऐसा समय तय करें जब आप पूरी तरह से फोन से दूर रहें। इससे मानसिक शांति मिलेगी।

3. सोने से कम से कम एक घंटे पहले स्क्रीन का उपयोग न करें, ताकि आपकी नींद प्रभावित न हो।

4. किताबें पढ़ना, व्यायाम करना, या बाहरी गतिविधियों में शामिल होना मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

5. यदि आप महसूस करते हैं कि स्मार्टफोन आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है,

तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।

6. स्मार्टफोन का उपयोग अपने जीवन को आसान बना सकता है, लेकिन उसके साथ संतुलित और स्वस्थ आदतें अपनाना भी जरूरी है।

Dera Beas के नए गुरु कौन है? जानिए

राधा स्वामी सतसंग डेरा बीआस (Dera Beas) के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने अपना उत्तराधिकारी यानि के वारिस चुन लिया है।

बता दे की अब नई जिम्मेदारी अब जसदीप सिंह गिल को सौंप दी गई है।  यह घोषणा खुद डेरा प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने की है।

जसदीप सिंह गिल अब डेरा बीआस के नए प्रमुख होंगे  और उन्हें गुरु नाम देने का अधिकार भी प्राप्त होगा।

डेरा बीआस की ओर से जारी एक पत्र में बताया गया है कि  सच्चे गुरु राधा स्वामी सतसंग बीआस के प्रमुख

बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने सुखदेव सिंह गिल के पुत्र जसदीप सिंह गिल को नया प्रमुख नियुक्त किया है।

वे 2 सितंबर (आज) से तुरंत प्रभाव से इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगे।

बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने कहा कि जिस प्रकार उन्हें हज़ूर महाराज जी के बाद सगंत का भरपूर सहयोग और प्रेम प्राप्त हुआ है,

वैसे ही जसदीप गिल को भी संत सतगुरु के रूप में सेवा निभाने में प्यार और सहयोग प्रदान किया जाए।

जसदीप सिंह गिल डेरा बीआस सोसाइटी के संत सतगुरु के रूप में बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों की जगह लेंगे और उन्हें नामदान देने का भी अधिकार प्राप्त होगा।

Dera Beas जो राधा स्वामी सतसंग की एक प्रमुख शाखा

डेरा बीआस, जो राधा स्वामी सतसंग की एक प्रमुख शाखा है,

लंबे समय से धार्मिक और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में सक्रिय रहा है।

यहां पर अनुयायियों को आध्यात्मिक शिक्षा और मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।

बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों के नेतृत्व में डेरा बीआस ने कई सामाजिक और धार्मिक कार्य किए हैं

और अनुयायियों के बीच लोकप्रियता प्राप्त की है।

अब जसदीप सिंह गिल को इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए चुना गया है,

जिससे कि डेरा बीआस की गतिविधियों को और अधिक विस्तार और सशक्त बनाया जा सके।

नई नियुक्ति के साथ ही यह उम्मीद की जा रही है कि डेरा बीआस के अनुयायी भी जसदीप सिंह गिल के नेतृत्व में नई ऊंचाइयों को छुएंगे

और सामाजिक तथा धार्मिक कार्यों में नई दिशा प्राप्त होगी।

फार्मास्युटिकल कंपनी सिप्ला लिमिटेड के Chief Strategy Officer

बता दे की जसदीप सिंह गिल ने फार्मास्युटिकल कंपनी सिप्ला लिमिटेड के Chief Strategy Officer और Senior Management Personnel के पद से इस्तीफा दे दिया,

जहां उन्होंने 2019 से 31 मई, 2024 तक काम किया। वह बोर्ड ऑब्जर्वर के रूप में एथरिस और अचिरा लैब्स प्राइवेट लिमिटेड से भी जुड़े थे।

मार्च 2024 तक, वह वेल्थी थेरेप्यूटिक्स के बोर्ड सदस्य थे। इससे पहले,

उन्होंने रैनबैक्सी में CEO के कार्यकारी सहायक और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी एंटरप्रेन्योर्स में अध्यक्ष के रूप में काम किया।

केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की

उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में PHD की है और

एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत Massachusetts Institute of Technology से केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की है।

उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से बायोकेमिकल इंजीनियरिंग और बायोटेक्नोलॉजी में स्नातक और मास्टर डिग्री प्राप्त की।

इस तरह, बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों की जगह जसदीप सिंह गिल को प्रमुख बना दिया गया है

और यह बदलाव डेरा बीआस के अनुयायियों और पूरे संगठन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

नई नेतृत्व के तहत डेरा बीआस की गतिविधियों और धार्मिक सेवाओं में नई ऊर्जा और दिशा देखने को मिलेगी।

बता दे की राधा स्वामी सतसंग डेरा बीआस (Radha Swami Satsang Beas) एक प्रसिद्ध धार्मिक और आध्यात्मिक संस्था है,

जिसकी स्थापना 1891 में हुई थी। यह संस्था भारतीय पंजाब के बीआस नामक स्थान पर स्थित है।

VITAMIN B12 की कमी के कारण और उपचार

VITAMIN B12 : आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी मे इंसान पैसा कमाने के चक्कर मे अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रहा है

अक्सर लोग प्राकृतिक चीज़ो से हटकर बाज़ारी चीज़ो का ज्यादा सेवन कर रहे है

जिससे खासकर VITAMIN B12 की कमी काफी घातक हो सकती है ।

VITAMIN B12 की कमी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है,

खासकर बुज़ुर्गों, शाकाहारियों और कुछ चिकित्सा स्थितियों वाले लोगों में।

आये जानिए VITAMIN B12 की कमी के कारण-

VITAMIN B12 की कमी के कारण विभिन्न न्यूरोलॉजिकल लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं,

हाथ-पैरों में सुन्नता और झुनझुनी, मांसपेशियों में कमजोरी, भ्रम, धुंधली दृष्टि, समन्वय की हानि, चिड़चिड़ापन, चलते समय असंतुलन और अवसाद।

इन लक्षणों का सही समय पर उपचार न किया जाए तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है,

और इसका इलाज समय पर शुरू करना बहुत महत्वपूर्ण है।

VITAMIN B12 की कमी का उपचार

विटामिन बी 12 की कमी के उपचार के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं: आये जानिए

B12 इंजेक्शन: विटामिन बी 12 की कमी को सुधारने के लिए सबसे प्रभावी उपचार B12 के इंजेक्शन हैं।

शुरूआत में, ये इंजेक्शन आमतौर पर हर हफ्ते दिए जाते हैं और फिर मासिक आधार पर जारी रहते हैं।

इंजेक्शन के द्वारा VITAMIN B12 का सीधा रक्त में प्रवेश होता है, जिससे कमी को जल्दी ठीक किया जा सकता है।

मौखिक सप्लीमेंट्स:

इंजेक्शन के बाद, मौखिक B12 सप्लीमेंट्स का उपयोग किया जा सकता है।

ये गोलियों या कैप्सूल के रूप में होते हैं

और विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, कुछ लोगों के लिए,

जिनका शरीर विटामिन बी 12को अच्छी तरह से अवशोषित नहीं कर पाता, मौखिक सप्लीमेंट्स कम प्रभावी हो सकते हैं।

अवशोषण की समस्याओं का इलाज: यदि विटामिन बी 12 को अवशोषित करने में समस्या है,

जैसे कि आंतरिक फैक्टर की कमी या अन्य जठरांत्र समस्याएँ, तो इन अंतर्निहित स्थितियों का इलाज भी आवश्यक है।

इसके लिए डॉक्टर आवश्यक परीक्षण और इलाज का सुझाव देंगे।

आहार में बदलाव:

आहार में VITAMIN B12 युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करना भी महत्वपूर्ण है।

मांस, मछली, डेयरी उत्पाद और फोर्टिफाइड अनाज VITAMIN B12 के अच्छे स्रोत हैं।

शाकाहारी लोग जो इन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करते, उन्हें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है

और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट्स का सेवन करना चाहिए।

समय की आवश्यकता:

VITAMIN B12 की कमी से होने वाले न्यूरोलॉजिकल लक्षणों का इलाज शुरू करने के बाद पूरी तरह से ठीक होने में समय लग सकता है।

आमतौर पर, उपचार शुरू करने के बाद छह से बारह महीने तक का समय लग सकता है,

लेकिन ठीक होने की अवधि व्यक्ति की कमी की गंभीरता और उसके पहले के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है।

इससे न केवल न्यूरोलॉजिकल लक्षणों में सुधार होता है बल्कि मरीज का समग्र स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।

समय पर इलाज और उचित आहार के साथ, B12 की कमी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।

MH370 plane का क्या सुलझेगा गहरा रहस्य?

MH370 plane:  8 मार्च 2014 को एक ऐसी घटना घटी जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया।

8 मार्च को मलेशियाई एयरलाइंस MH370  की उड़ान के लापता होने की घटना इतिहास के सबसे बड़े रहस्यों में से एक बन चुकी है।

इस उड़ान में 239 लोग सवार थे, जिनमे 227 यात्री, 10 फ्लाइट अटेंडेंट, एक अनुभवी पायलट और एक ट्रेनी पायलट शामिल थे।

इन लोगों में ज्यादातर लोग चीन के नागरिक थे, और यह फ्लाइट कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए रवाना हुई थी।

लेकिन जैसे ही फ्लाइट हिंद महासागर के एक विशाल क्षेत्र में पहुंचा, वह अचानक गायब हो गया। इसके बाद शुरू हुई

खोज अभियान की महाकविता, जब लाखों किलोमीटर की जांच की गई लेकिन फ्लाइट का कोई सुराग नहीं मिला।

MH370 plane के गायब होने की पहेली एक रहस्य

जनवरी 2017 में, ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्व में हुई खोज को रद्द कर दिया गया, जो अब तक की सबसे बड़ी और महंगी खोज थी।

इसके बावजूद, MH370 के गायब होने की पहेली एक रहस्य बनी रही।

इस बीच, कई थ्योरीज़ और अटकलें सामने आईं, लेकिन फ्लाइट का वास्तविक स्थान अभी तक अनजान ही रहा।

हाल ही में, इस रहस्य को सुलझाने की दिशा में एक नई उम्मीद जगी है। बता दे की तस्मानिया के वैज्ञानिकों ने दावा किया है

कि उन्होंने MH370 के संभावित स्थान को सटीक रूप से पहचान लिया है।

पायलट-इन-कमांड के होम सिम्युलेटर और पेनांग हवाई अड्डे के डेटा के आधार पर, उन्होंने एक ऐसा स्थान खोज निकाला है,

जिसे पहले FBI और अन्य अधिकारियों ने अप्रासंगिक मानकर खारिज कर दिया था।

विज्ञान द्वारा सुलझाया गया MH370 का रहस्य

वैज्ञानिकों ने अपनी खोज को “विज्ञान द्वारा सुलझाया गया MH370 का रहस्य” शीर्षक वाली पोस्ट में साझा किया।

उनका कहना है कि इस स्थान को अब उच्च प्राथमिकता के साथ खोजा जाना चाहिए।

उनका दावा है कि पिछली खोजों की विफलता का कारण यह था

कि वे इस संभावित स्थान पर ध्यान नहीं दे पाईं। वैज्ञानिकों के अनुसार,

उनके द्वारा प्रस्तुत ट्रैक और डेटा के आधार पर, यह स्पष्ट हो गया है कि MH370 कहाँ है।

इसके अतिरिक्त, वैज्ञानिकों ने MH370 के संभावित नुकसान का आकलन करने के लिए तुलनात्मक अध्ययन भी किया।

उन्होंने MH370 के पंखों, फ्लैपों और फ्लैपरॉन की तुलना 15 जनवरी 2009 को हडसन नदी पर हुई दुर्घटना से की,

जिसमें एक यू.एस. एयरवेज का विमान पक्षी से टकरा गया था।

इस तुलनात्मक विश्लेषण से उन्होंने विमान के संभावित व्यवहार और उसके नुकसान के बारे में मूल्यवान जानकारी प्राप्त की।

MH370 के रहस्य को सुलझाने की उम्मीद

नए संभावित स्थान की खोज ने एक बार फिर से MH370 के रहस्य को सुलझाने की उम्मीद जगाई है।

हालांकि, यह निर्णय अब आधिकारिक निकायों पर निर्भर है कि वे इस क्षेत्र में खोज जारी करेंगे या फिर नहीं। अगर इस नए स्थान पर खोज की जाती है,

तो यह MH370 फ्लाइट के लापता होने की पहेली को सुलझाने में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

इस प्रकार, वैज्ञानिकों की नई खोज ने एक नई उम्मीद की किरण पेश की है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि

भविष्य में इस रहस्य को सुलझाने की दिशा में क्या कदम उठाए जाते हैं।

MH370 की गुमशुदगी की कहानी अब भी कई सवालों का जवाब तलाश रही है,

और इस नए प्रयास से उम्मीद है कि इसका रहस्य जल्द ही उजागर हो सकेगा।

IPHONE 16: क्या APPLE की नई 16 सीरीज MADE IN INDIA होगी

APPLE के दीवानों के लिए अब इंतज़ार की घड़ियाँ ख़त्म हो चुकी है क्योंकि Apple ने आखिरकार घोषणा कर दी है। उसकी iPhone 16 सीरीज़ 9 सितंबर को लॉन्च होने वाली है।

भारतीय समयनुसार यह इवेंट रात को 10:30 बजे होगा। यह इवेंट कैलिफोर्निया स्थित Apple Park में होगा और इस इवेंट की लाइव स्ट्रीमिंग भी होगी।

जिसमें इस बार APPLE की नई 16 सीरीज MADE IN INDIA होने जा रही है।

APPLE सिर्फ IPHONE और IPHONE PLUS ही भारत में बनाता था।

लेकिन अब PRO सीरीज भी भारत में बनने वाली है।

IPHONE 15 की बात करें तो यह भी लोगों में बहुत लोकप्रिय साबित हुआ था। आईफोन 16 सीरीज में क्या कुछ ख़ास होने वाला है

IPHONE 16 और IPHONE 16 PLUS

सबसे पहले बता दे की हमारे पास आईफोन 16 के चार मॉडल हमारे सामने है।

आईफोन 16 में जो कैमरा होने वाला है। वो VERTICAL होने वाला है।

जो लगभग APPLE की पुरानी सीरीज IPHONE 10, 11 और 12 की तरह होने वाला है।

परफॉरमेंस में आगे से कई गुणा बेहतर होंगे क्योंकि इस सीरीज में A18 chip होने वाली है।

APPLE कई AI फीचर्स भी इस सीरीज में ADD कर सकता है I

PHONE 16 PLUS में स्ट्रक्चर के SIZE में फर्क देखने को मिल सकता है। और साथ ही स्क्रीन डिफ्रेंस भी होगा।

आईफोन 16 PRO और आईफोन 16 PRO MAX

आईफोन 16  PRO और PRO MAX में हमें ZOOM कैमरा 5x ही मिलने वाला है ।

IPHONE 15 की सीरीज में ये फीचर सिर्फ हमें IPHONE 15 PRO MAX में ही मिला था।

ULTRAWIDE कैमरा हमें 48 मेगापिक्सल के मिलने वाले है। जिस से हम डेप्थ में फोटो और विडिओ ले सकते है

इस सीरीज में सबसे इंट्रेस्टिंग बात ये होने वाली है की इस बार हमे बहुत से कलर OPTIONS देखने मिल सकते है।

जैसे की कहा जा रहा है की पिंक, ब्लू और येलो, वाइट, ब्लैक के साथ और भी कई कलर्स शामिल है। जो की बहुत ही खूबसूरत होने वाले है।

IPHONE के साथ साथ APPLE WATCH,  APPLE WATCH ULTRA और APPLE AIRPORDS  लांच में देखने को मिल सकता है।

आप लोग घर बैठे देख सकते है APPLE लॉन्च का LIVE EVENT

Apple कंपनी अपने इस इवेंट की लाइव स्ट्रीमिंग भी करने जा रही है।

यह इवेंट ऑफिशियल वेबसाइट, Apple TV और Youtube आदि पर लाइव देखा जा सकता है।

इसके लिए आप ऑफिशियल चैनल्स पर विजिट करके Notify Me बटन पर क्लिक कर सकते हैं।

इसके बाद जब भी लाइव स्ट्रीमिंग शुरू होगी, उसका एक अलर्ट आप लोगों को मिल जाएगा.

Janmashtami पर दही हांड़ी का क्या है महत्व! आइए जानते हैं

Janmashtami: हिंदू धर्म का एक बहुत ही लोकप्रिय उत्सव है, जो भगवान विष्णु के अवतार, भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है, जो आमतौर पर अगस्त या सितंबर में आता है। इस साल यह पर्व 26 अगस्त को मनाया जा रहा है वैसे तो Janmashtami का पर्व धार्मिक अनुष्ठानों और सांस्कृतिक गतिविधियों से भरपूर होता है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण इसमें क्या होता है क्या आप जानते है ?

Janmashtami की रात ‘दही हांडी‘ का आयोजन

जन्माष्टमी की रात, विशेष रूप से ‘दही हांडी’ का आयोजन होता है, जो इस पर्व का एक खास आकर्षण है। दही हांडी भगवान कृष्ण के चंचल और शरारती बचपन का प्रतीक है, जब उन्होंने मक्खन और दही चुराने की आदत डाली थी। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भगवान कृष्ण की उन अद्भुत और मासूमियत भरी घटनाओं को याद करना है, जो उनकी बचपन की मस्ती और लोगों से जुड़ाव को दर्शाती हैं।

विशाल मानव पिरामिड 

दही हांडी के दौरान, रंग-बिरंगे वस्त्रों में लिपटी भीड़ एक विशाल मानव पिरामिड बनाती है, जिसके शीर्ष पर एक मिट्टी की हांड़ी लटकी होती है । इस बर्तन में दही, मक्खन और मिठाइयां भर कर रखी जाती हैं। जब यह मानव पिरामिड बर्तन तक पहुंचता है, तो उसे फोड़ दिया जाता है, और उसके भीतर की सामग्री उत्साही भीड़ पर गिर जाती है। यह उत्सव न केवल भगवान कृष्ण के जीवन की मस्ती को दर्शाता है, बल्कि एकता और टीमवर्क की ताकत को भी साबित करता है।
हर किसी का प्रयास, सामूहिक समन्वय और विश्वास इस आयोजन के केंद्रीय तत्व हैं। यह मानव पिरामिड बनाना सहयोग और सामूहिक प्रयास की एक मिसाल पेश करता है, जो सबको एक सामान्य लक्ष्य की ओर एक साथ काम करने की प्रेरणा देता है।

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दही हांडी का आयोजन एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी देखा जाता है, जिसमें भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरह के उत्सव और परंपराएं होती हैं। इस उत्सव के माध्यम से भगवान कृष्ण की दिव्य लीलाओं और उनके चंचल बचपन की खुशबू को हर साल ताजगी के साथ मनाया जाता है, और समाज में एकता और खुशहाली का संदेश फैलाया जाता है।

एक्सिस म्यूचुअल फंड का नया ‘Consumption Fund’ 23 अगस्त से उपलब्ध

Consumption Fund: एक्सिस म्यूचुअल फंड ने ‘एक्सिस कंजम्पशन फंड’ (Consumption Fund) लॉन्च करने की घोषणा की है। यह नया फंड 23 अगस्त से 6 सितंबर 2024 तक सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध होगा।

फंड को निफ्टी इंडिया कंजम्पशन टीआरआई के बेंचमार्क पर सेट किया गया है। एक्सिस एएमसी के एमडी और सीईओ बी. गोपकुमार ने कहा कि देश आर्थिक मोड़ पर है और घरेलू बाजार की विकास क्षमता पहले से स्पष्ट है।

फंड का उद्देश्य भारत के उपभोक्ता परिदृश्य के विकास का लाभ उठाना है। बढ़ती आय, शहरीकरण और मध्यम वर्ग के विस्तार के चलते भारत का उपभोक्ता क्षेत्र तेजी से बदल रहा है।

फंड का प्रबंधन श्री हितेश दास, श्री श्रेयश देवलकर और सुश्री कृष्णा नारायण द्वारा किया जाएगा। इसका लक्ष्य विविध पोर्टफोलियो प्रदान करना है, जिसमें एफएमसीजी, ऑटो, दूरसंचार, स्वास्थ्य सेवा और रियल्टी जैसे सैक्टर्स शामिल हैं।

Consumption Fund: एक्सिस म्यूचुअल फंड ने ‘एक्सिस कंजम्पशन फंड’ (Consumption Fund) लॉन्च करने की घोषणा की है। यह नया फंड 23 अगस्त से 6 सितंबर 2024 तक सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध होगा।

फंड को निफ्टी इंडिया कंजम्पशन टीआरआई के बेंचमार्क पर सेट किया गया है। एक्सिस एएमसी के एमडी और सीईओ बी. गोपकुमार ने कहा कि देश आर्थिक मोड़ पर है और घरेलू बाजार की विकास क्षमता पहले से स्पष्ट है।

फंड का उद्देश्य भारत के उपभोक्ता परिदृश्य के विकास का लाभ उठाना है। बढ़ती आय, शहरीकरण और मध्यम वर्ग के विस्तार के चलते भारत का उपभोक्ता क्षेत्र तेजी से बदल रहा है।

फंड का प्रबंधन श्री हितेश दास, श्री श्रेयश देवलकर और सुश्री कृष्णा नारायण द्वारा किया जाएगा। इसका लक्ष्य विविध पोर्टफोलियो प्रदान करना है, जिसमें एफएमसीजी, ऑटो, दूरसंचार, स्वास्थ्य सेवा और रियल्टी जैसे सैक्टर्स शामिल हैं।

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