गांव रत्तो में डेंगू का साया: एक मौत से बढ़ी चिंता, क्या स्वास्थ्य विभाग कर पाएगा रोकथाम?

Dengue : गांव रत्तो में डेंगू के कारण एक 58 वर्षीय व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है।

मृतक हरमिंदर सिंह, पुत्र रणजोध सिंह, पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और मोहाली के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।

उनका अंतिम संस्कार रविवार दोपहर किया गया।

रिपोर्ट में मौत का कारण Dengue बताया गया

हालांकि, स्वास्थ्य विभाग फतेहगढ़ साहिब द्वारा अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन रिपोर्ट में मौत का कारण डेंगू बताया गया है।

मृतक के भाई हरपाल सिंह के अनुसार, हरमिंदर को 2 अक्टूबर को रोपड़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था,

जहां से उन्हें 4 अक्टूबर को मैक्स अस्पताल में रेफर किया गया।

5 अक्टूबर को सुबह 10 बजे डेंगू के कारण उनकी मौत हो गई।

हरपाल सिंह ने आरोप लगाया कि गांव में दवा या कीटनाशक का छिड़काव नहीं किया गया,

जिससे गांववासियों में स्वास्थ्य विभाग के प्रति गुस्सा बढ़ रहा है।

डेंगू से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही दो महिलाएं

गांव के एक अन्य प्रमुख व्यक्ति ने जानकारी दी कि दो महिलाएं डेंगू से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही हैं,

जबकि लगभग 40 मरीज विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।

पूर्व एस.एम.ओ और कांग्रेस नेता डॉ. नरेश चौहान ने चेतावनी दी

कि यदि स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता नहीं दिखाई, तो और भी लोगों की जान जा सकती है।

गांववासियों ने प्रशासन से विशेष कैंप लगाकर टेस्ट करवाने, आवश्यक दवाएं मुहैया कराने और कीटनाशक स्प्रे करवाने की मांग की है।

सी.एम.ओ. फतेहगढ़ साहिब ने इस मामले की जानकारी न होने की बात कही।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में डेंगू की रोकथाम के लिए सर्वे टीमें बनाई गई हैं,

जो लोगों को जागरूक कर रही हैं।

वहीं, एस.एम.ओ खमाणों गुरप्रीत सिंह ने स्पष्ट किया कि डेंगू से किसी मरीज की मौत नहीं हुई है।

फिर भी, सोमवार को जांच के लिए एक टीम गांव भेजी जा रही है,

जो मरीजों और आम लोगों के टेस्ट करेगी।

इससे ही यह स्पष्ट होगा कि किस मरीज को डेंगू है।

Navratri 2024: चौथे दिन देवी कुश्मांडा की आराधना

Shardiya Navratri 2024 Day 4:  चलिए आज आपको बताते है नवरात्री के चौथे दिन का महत्त्व –

नवरात्रि के चौथे दिन का विशेष महत्व होता है, जो विनायक चतुर्थी के साथ मेल खाता है।

इस दिन भक्त भगवान गणेश की पूजा करते हैं, ताकि वे अपनी सभी कार्यों में सफलता प्राप्त कर सकें।

भक्त भगवान गणेश से आशीर्वाद मांगते हैं, क्योंकि वे विघ्नहर्ता और समृद्धि के देवता माने जाते हैं।

Shardiya Navratri 2024 Day 4 : भगवान गणेश को फल, मिठाई और फूल अर्पित

इस दिन भक्त भगवान गणेश को फल, मिठाई और फूल अर्पित करते हैं।

गणेश पूजा का यह विशेष अवसर न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है,

बल्कि यह सभी कार्यों में सफलता की प्राप्ति का भी प्रतीक है।

भक्त गणेश की आरती करते हैं और उनके मंत्रों का जाप करते हैं, जिससे उनके मन में भक्ति और श्रद्धा का संचार होता है।

इसके अलावा, इस दिन देवी कुश्मांडा की भी पूजा की जाती है।

देवी कुश्मांडा को ऊर्जा और शक्ति की देवी माना जाता है।

उनकी आराधना से भक्तों को मानसिक और शारीरिक शक्ति प्राप्त होती है, जो उनके जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार करती है।

चौथे दिन भक्त नारंगी रंग के कपड़े पहनते

चौथे दिन का रंग नारंगी होता है, जो उत्साह और गर्मजोशी का प्रतीक है।

नारंगी रंग हमें जीवन में खुशी और सकारात्मकता का अनुभव कराता है।

इस दिन भक्त नारंगी रंग के कपड़े पहनते हैं, जो उनके मन में उत्साह और उमंग का संचार करता है।

इस दिन की विशेष पूजा और रंग के माध्यम से भक्त देवी कुश्मांडा और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

भक्तों का मानना है कि इस दिन की पूजा से उन्हें अपने जीवन में सुख, समृद्धि और खुशियों की प्राप्ति होती है।

इस प्रकार, नवरात्रि का चौथा दिन हमें भगवान गणेश की बुद्धि और शक्ति के साथ-साथ देवी कुश्मांडा की ऊर्जा का संदेश देता है।

भक्त इस दिन को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं,

जिससे उनके जीवन में हर कार्य में सफलता और सकारात्मकता का संचार होता है।

(Disclaimer: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, Newspedia24 इसकी पुष्टि नहीं करता है)

MG Windsor बनी भारत की पहली पैसेंजर EV, एक दिन में 15,176 बुकिंग

MG Windsor EV, जो भारत की पहली इंटेलिजेंट CUV है, की बुकिंग 3 अक्टूबर, 2024 को सुबह 7:30 बजे से शुरू हुई।

कुछ ही मिनटों में इसे ग्राहकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली, और 24 घंटे में 15,176 यूनिट्स की बुकिंग हुई।

Festival Fever On : हर कोने में Celebration और प्यार की गुलज़ार!

MG Windsor: पैसेंजर इलेक्ट्रिक गाड़ी

इस उपलब्धि के साथ, MG विंडसर भारत की पहली पैसेंजर इलेक्ट्रिक गाड़ी बन गई है।

यह दिखाता है कि भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग तेजी से बढ़ रही है।

JSW MG मोटर इंडिया के चीफ कॉमर्शियल ऑफिसर, सतिंदर सिंह बाजवा ने कहा,

“हम अपने ग्राहकों का धन्यवाद करते हैं। उनके प्यार से विंडसर ने एक दिन में 15,176 बुकिंग का रिकॉर्ड बनाया।

यह MG विंडसर को भारत के इलेक्ट्रिक गाड़ी बाजार में एक बड़ी ताकत बनाता है।”

उन्होंने कहा कि यह लोकप्रियता बताती है कि लोगों को टिकाऊ और किफायती परिवहन की कितनी जरूरत है।

MG विंडसर का सफल लॉन्च कंपनी की पर्यावरण के अनुकूल गाड़ियों के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

इस उपलब्धि के साथ, MG विंडसर भारत की पहली पैसेंजर इलेक्ट्रिक गाड़ी बन गई है।

यह दिखाता है कि भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग तेजी से बढ़ रही है।

JSW MG मोटर इंडिया के चीफ कॉमर्शियल ऑफिसर, सतिंदर सिंह बाजवा ने कहा,

“हम अपने ग्राहकों का धन्यवाद करते हैं। उनके प्यार से विंडसर ने एक दिन में 15,176 बुकिंग का रिकॉर्ड बनाया।

यह MG विंडसर को भारत के इलेक्ट्रिक गाड़ी बाजार में एक बड़ी ताकत बनाता है।”

उन्होंने कहा कि यह लोकप्रियता बताती है कि लोगों को टिकाऊ और किफायती परिवहन की कितनी जरूरत है।

MG विंडसर का सफल लॉन्च कंपनी की पर्यावरण के अनुकूल गाड़ियों के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

Navratri 2024: तीसरे दिन की पूजा- देवी चंद्रघंटा की भक्ति और पवित्र अर्थ

Navratri 2024: चलिए आज आपको बताते है नवरात्री के तीसरे दिन का महत्त्व –

नवरात्रि के तीसरे दिन भक्तों द्वारा देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, जो अपने साहस और योद्धा भावना के लिए जानी जाती हैं।

देवी चंद्रघंटा की उपासना करने से भक्तों में न केवल शक्ति का संचार होता है,

बल्कि वे अपने भीतर की वीरता और आत्मविश्वास को भी पहचानते हैं।

इस दिन देवी की पूजा से जुड़ी परंपराएं हमें यह सिखाती हैं कि हर स्थिति में हमें धैर्य और साहस बनाए रखना चाहिए।

इस दिन, विशेष रूप से सिंदूर तृतीया का अनुष्ठान किया जाता है। यह पर्व विवाहित महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है,

क्योंकि यह उनके पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करने का अवसर होता है।

महिलाएं इस दिन सिंदूर देवी के चरणों में अर्पित करती हैं, जिससे उन्हें सुख, शांति और प्रेम की प्राप्ति होती है।

Navratri 2024: तीसरे दिन का रंग

तीसरे दिन का रंग ग्रे होता है, जो संतुलन और शांति का प्रतीक है।

ग्रे रंग हमें यह संदेश देता है कि जीवन में हर स्थिति में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।

यह रंग मानसिक स्थिरता और समर्पण का भी प्रतीक है, जो भक्तों को अपनी आस्था और भक्ति में और गहराई लाने के लिए प्रेरित करता है।

देवी चंद्रघंटा की पूजा करते समय भक्त न केवल उनके चरणों में श्रद्धा से सिर झुकाते हैं,

बल्कि उनके प्रति अपनी भक्ति और सच्ची निष्ठा भी प्रकट करते हैं।

इस दिन भक्त देवी चंद्रघंटा को फूल, फल और मिठाई अर्पित करते हैं,

ताकि वे उनकी मनोकामनाएं पूरी करें और उन्हें जीवन में विजय और सफलता का आशीर्वाद दें।

देवी चंद्रघंटा की उपासना

देवी चंद्रघंटा की उपासना से भक्तों में साहस और आत्मविश्वास का संचार होता है।

उनकी पूजा से न केवल भक्ति की भावना जागृत होती है,

बल्कि समाज में महिलाओं की शक्ति और उनकी भूमिका को भी विशेष मान्यता मिलती है।

इस दिन का महत्व न केवल धार्मिक है,

बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि महिलाएं समाज में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

इस तरह, नवरात्रि का तीसरा दिन हमें देवी चंद्रघंटा की शक्ति, साहस और विवाहित महिलाओं की ताकत का संदेश देता है।

भक्त इस दिन अपने परिवार और समाज के लिए सुख-शांति की कामना करते हैं,

और अपने जीवन में सकारात्मकता लाने का प्रयास करते हैं।

(Disclaimer: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, Newspedia24 इसकी पुष्टि नहीं करता है)

नवरात्रि 2024: दूसरे दिन की पूजा – माँ ब्रह्मचारिणी की भक्ति और हरे रंग का पवित्र अर्थ

Navratri 2024 Day 2 Maa Brahmacharini: नवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।

यह नौ दिनों का पर्व पूजा, उपवास, उत्सव और भक्ति का होता है, जिसमें भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करते हैं।

जो नारी शक्ति के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता हैं। आज है नवरात्री का दूसरा दिन – चलिए आपको बताते है इसके बारे में –

Navratri 2024 Day 2 : दूसरे दिन की पूजा – माँ ब्रह्मचारिणी

नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है, जो देवी दुर्गा का दूसरा रूप हैं।

माँ ब्रह्मचारिणी तपस्या, भक्ति और शांति की प्रतीक मानी जाती हैं। इस दिन का रंग हरा होता है, जिसका आध्यात्मिक महत्व गहरा है।

Navratri 2024 Day 2 : दूसरे दिन का रंग – हरा नवरात्रि के हर दिन एक विशेष रंग से जुड़ा होता है।

दूसरे दिन भक्तों को हरा रंग धारण करने की सलाह दी जाती है। हरा रंग ऊर्जा, विकास, नवीकरण और प्रकृति का प्रतीक है।

यह रंग मन में शांति और संतुलन पैदा करता है।

हरे रंग के कपड़े पहनने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और ध्यान में स्थिरता मिलती है।

Maa Brahmacharini कौन हैं?

माँ ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा का दूसरा रूप हैं। उनके नाम का अर्थ दो संस्कृत शब्दों से लिया गया है – “ब्रह्मा,” जिसका अर्थ है

सर्वोच्च ज्ञान या चेतना, और “चारिणी,” जिसका अर्थ है अभ्यास करने वाली।

इस प्रकार, माँ ब्रह्मचारिणी का नाम उन लोगों को प्रेरित करता है जो ज्ञान और आत्म-अनुशासन की राह पर चलते हैं।

वे तपस्या, भक्ति और आंतरिक शक्ति की देवी मानी जाती हैं।

माँ ब्रह्मचारिणी को एक युवा महिला के रूप में दिखाया गया है जो नंगे पैर चल रही हैं, उनके एक हाथ में जप माला और दूसरे हाथ में कमंडल है।

उनका शांत और धैर्यपूर्ण स्वभाव उनकी गहरी भक्ति और तपस्या को दर्शाता है।

उन्हें अक्सर सफेद वस्त्रों में दिखाया जाता है, जो पवित्रता और सादगी का प्रतीक है।

Maa Brahmacharini की कहानी और महत्व क्या है?

माँ ब्रह्मचारिणी देवी पार्वती के उस जीवन चरण का प्रतिनिधित्व करती हैं,

जब उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी।

उन्होंने कई वर्षों तक पत्तों और फलों पर जीवन यापन किया और फिर बिना किसी आहार के तपस्या की।

उनकी अद्वितीय तपस्या और भक्ति ने उन्हें ब्रह्मचारिणी का नाम दिलाया।

माँ ब्रह्मचारिणी की कहानी भक्ति और आत्म-त्याग का संदेश देती है।

उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि कितनी भी कठिनाइयाँ हों, हमें अपने आध्यात्मिक पथ पर अडिग रहना चाहिए।

माँ ब्रह्मचारिणी की आराधना करने से भक्तों में धैर्य, तपस्या और दृढ़ निश्चय की भावना जागृत होती है।

उनकी पूजा से भक्तों को जीवन की कठिनाइयों से उबरने की शक्ति मिलती है

और उन्हें धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया जाता है।

माँ ब्रह्मचारिणी की धैर्य, समर्पण और शक्ति की विशेषताएं उन लोगों को गहरे रूप से प्रभावित करती हैं

जो अपने आध्यात्मिक अभ्यास को गहरा करना चाहते हैं।

भक्त मानते हैं कि माँ ब्रह्मचारिणी की कृपा से वे अपने जीवन की चुनौतियों को सहन करने की शक्ति प्राप्त कर सकते हैं,

अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और विपरीत परिस्थितियों में भी आंतरिक शांति बनाए रख सकते हैं।

वोटिंग का जश्न: MK Bhatia का 100% मतदान का मिशन!

समाजसेवी और उद्योगपति MK Bhatia ने अपने 70 सहकर्मियों के साथ मिलकर 5 अक्टूबर को होने वाले चुनावों में 100% मतदान के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक अनूठा अभियान शुरू किया है।

इस पहल के तहत, उन्होंने अमरटेक्स चौक पर एक ह्यूमन चेन बनाई,

जिससे लोकतंत्र में हर नागरिक के मताधिकार के महत्व को उजागर करने की कोशिश की गई।

जागरूकता अभियान के दौरान

इस जागरूकता अभियान के दौरान, भाटिया और उनकी टीम ने मतदान के महत्व को समझाने के लिए कई आकर्षक स्लोगन प्रस्तुत किए। कुछ प्रमुख स्लोगन में शामिल हैं:

  1. “वोट दें, देश बनाएं, हर एक वोट से लोकतंत्र सजाएं!”
  2. “वोट है अधिकार, मत करो इनकार!”
  3. “अपने वोट का सम्मान करो, सही नेता का चुनाव करो!”
  4. “सच्चे नागरिक का यही है काम, 100 फीसदी मतदान!”
  5. “देश की तरक्की के लिए उठाओ कदम, 5 अक्टूबर को डालो हर एक वोट दमखम!”
  6. “हर वोट की है अहमियत, लोकतंत्र की है यही नियति!”
  7. “सशक्त लोकतंत्र का यही है प्रमाण, 100 फीसदी हो मतदान!”
  8. “वोट डालें, कर्तव्य निभाएं, बेहतर कल की नींव बनाएं!”

MK Bhatia : वोटिंग सिर्फ एक अधिकार नहीं

एम. के. भाटिया ने इस अभियान के बारे में बात करते हुए कहा, “वोटिंग सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी भी है।

देश का भविष्य हमारे एक-एक वोट पर निर्भर करता है। हमारा प्रयास है कि इस बार 100% मतदान हो,

ताकि एक सशक्त लोकतंत्र का निर्माण हो सके।”

इस अभियान में शामिल 70 सहकर्मी भी बहुत उत्साहित थे और उन्होंने जनता से अपने वोट का उपयोग करने का आह्वान किया।

ह्यूमन चेन के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का यह अनूठा तरीका निश्चित रूप से लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है

और उन्हें 5 अक्टूबर को मतदान में भाग लेने के लिए प्रेरित कर रहा है।

भाटिया और उनकी टीम का यह प्रयास न केवल मतदान के प्रति जागरूकता फैलाना है,

बल्कि यह भी दिखाना है कि हर एक वोट का महत्व है। मतदान का यह पर्व लोकतंत्र की ताकत है,

और हर नागरिक को इसमें भाग लेना चाहिए।

इस अभियान के जरिए भाटिया ने समाज के सभी वर्गों से अपील की है

कि वे अपनी जिम्मेदारी को समझें और मतदान के दिन अपने घर से बाहर निकलें।

अगर हम सभी एकजुट होकर मतदान करेंगे, तो हमारे देश का भविष्य और भी उज्जवल हो सकता है।

5 अक्टूबर को होने वाले चुनावों में हर एक वोट की गिनती की जाएगी, और यही वोट हमारे लोकतंत्र की दिशा निर्धारित करेगा।

आइए, हम सभी इस पहल का समर्थन करें और अपनी जिम्मेदारी निभाएं!

Punjab में फैला खतरनाक VIRUS, तेजी से बढ़ रहे मरीजों की संख्या, रहें सतर्क!

मौसम में हो रहे बदलाव के कारण अब influenza virus सक्रिय हो गया है, जिससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं।

खासकर बच्चों और बुजुर्गों में इस वायरस के लक्षण तेजी से नजर आ रहे हैं।

हालांकि, यह वायरस आमतौर पर एक सप्ताह में खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है,

लेकिन बच्चों और बुजुर्गों को दवा की जरूरत पड़ती है। इसे कोरोना का निचला रूप भी कहा जाता है।

influenza virus के लक्षण:

इन्फ्लूएंजा, जिसे फ्लू भी कहा जाता है, के लक्षण में बुखार, ठंड लगना, शरीर में दर्द, खांसी, सिरदर्द, गला खराब होना, नाक बहना, थकान, कमजोरी, दस्त या उल्टी शामिल हैं। यह वायरस खांसने, छींकने या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।

फैलने का तरीका:

इन्फ्लूएंजा वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।

खांसी, छींक, या बात करने से वायरस हवा में फैल सकता है,

जिससे आसपास के लोगों को संक्रमित करने का खतरा बढ़ता है।

इसके अलावा, संक्रमित सतहों को छूने से भी यह फैल सकता है।

बचाव और उपचार:

डॉक्टरों के अनुसार, फ्लू से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका टीकाकरण है।

खासकर बच्चों, बुजुर्गों और जिन लोगों को अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं,

उन्हें इस वायरस से बचाव के लिए दवाओं की जरूरत पड़ती है।

अमृतसर में भी इस वायरस के मरीज बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं, और अस्पतालों में दवा लेने के लिए लोग पहुंच रहे हैं।

मौसम के बदलाव के साथ इस वायरस के फैलने का खतरा बढ़ गया है, इसलिए सभी को सतर्क रहने की जरूरत है।

इन्फ्लूएंजा वायरस का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलना

इन्फ्लूएंजा वायरस आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।

संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, या बातचीत करने से यह वायरस हवा में फैल सकता है,

जिससे आसपास के लोग संक्रमित हो सकते हैं। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की बूंदों के जरिए आपके हाथों पर आ सकता है,

या सीधे आपके नाक और मुंह में जा सकता है, जिससे फेफड़ों तक पहुंच सकता है।

इसके अलावा, दूषित सतहों को छूने के बाद अगर आप अपने चेहरे, नाक, मुंह या आंखों को छूते हैं, तो वायरस फैल सकता है।

ऐसे सतहों में दरवाजों के नॉब, डेस्क, कंप्यूटर और फोन जैसी चीजें शामिल हैं।

किसी संक्रमित व्यक्ति के हाथ या चेहरे को छूने के बाद अगर आप अपने चेहरे को छूते हैं,

तो यह संक्रमण फैलने का बड़ा कारण बन सकता है।

इसलिए, फ्लू से बचने के लिए हाथों की सफाई और सतहों को नियमित रूप से साफ करना बेहद जरूरी है।

बढ़ती सोने की कीमतें: त्योहारों का समय, समझदारी से करें निवेश!

Gold Price : सोने की कीमतें हमेशा से लोगों का ध्यान खींचती रही हैं, लेकिन हाल के दिनों में इनकी वृद्धि ने चर्चा का नया विषय पैदा कर दिया है।

खासकर त्यौहारों का मौसम, आर्थिक बदलाव, और बाजार की स्थितियां—इन सबका असर सोने की कीमतों पर साफ नजर आ रहा है।

आइए, समझते हैं कि यह बदलाव हमारे समाज में कैसे प्रभाव डाल रहा है

और आप इस स्थिति का लाभ कैसे उठा सकते हैं।

Gold Price: मौजूदा बाजार की स्थिति

आजकल सोने की कीमत लगभग ₹77,000 प्रति 10 ग्राम है। यह आंकड़ा हर किसी के लिए अहम है,

चाहे वो एक आम consumer हो या एक seasoned investor।

जब लोग आर्थिक संकट या inflation का सामना करते हैं, तो सोना उनकी पहली पसंद बन जाता है।

इसे एक सुरक्षित investment के रूप में देखा जाता है।

अभी हाल ही में, वैश्विक महंगाई और आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण सोने की मांग में इजाफा हुआ है।

निवेशक सोने को एक सुरक्षित विकल्प मानते हैं, और यही वजह है कि सोने की कीमतें बढ़ती जा रही हैं।

Gold Price: त्यौहारों का प्रभाव

भारत में, त्यौहारों का मौसम खास महत्व रखता है।

जैसे-जैसे दुर्गा पूजा और दीवाली का समय नजदीक आ रहा है, लोग सोने की खरीदारी करने के लिए उत्सुक हो रहे हैं।

इस समय सोने के गहनों की मांग में तेजी आती है। परिवार खासकर इस समय सोने के गहने खरीदने के लिए तत्पर रहते हैं।

यह न केवल सांस्कृतिक कारणों से होता है, बल्कि एक आर्थिक दृष्टिकोण से भी इसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

सोने की खरीदारी सिर्फ एक भव्यता का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण investment भी है।

परिवारों के लिए, सोने का निवेश उनकी विरासत का हिस्सा बनता है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए मूल्यवान होता है।

Gold Price: सामाजिक चर्चा

सोने की बढ़ती कीमतें समाज में एक खास चर्चा का विषय बन गई हैं।

लोग अक्सर इस बारे में बात करते हैं कि सोने में investment करना एक smart विकल्प है। इससे न केवल संपत्ति बढ़ती है,

बल्कि यह आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करता है। कई लोग अपने बच्चों के लिए सोने के गहने खरीदते हैं,

यह सोचकर कि यह भविष्य में उनके लिए एक अच्छा investment होगा।

सोने को लेकर इस तरह की सोच ने परिवारों में इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।

यह एक ऐसा asset है जो न केवल आज के लिए बल्कि भविष्य के लिए भी लाभकारी साबित होता है।

भविष्य की संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं।

यदि वैश्विक महंगाई दर इसी तरह बढ़ती रही, तो सोने की मांग में और इजाफा होगा।

इस प्रकार की आर्थिक स्थितियों में, सोने का निवेश एक सुनहरा मौका हो सकता है।

अगर आप सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह सही समय है।

लेकिन सही निर्णय लेने के लिए आपको बाजार की गतिविधियों पर नजर रखना होगा।

निवेशकों के लिए सुझाव

यदि आप सोने में investment करने का विचार कर रहे हैं, तो याद रखें कि समझदारी से कदम उठाना बेहद जरूरी है।

सिर्फ सोने में ही नहीं, बल्कि अन्य investment options में भी विविधता लाना फायदेमंद होगा।

इससे आपको जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी।

सोने का निवेश केवल एक आर्थिक निर्णय नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक सुरक्षा का भी प्रतीक है।

भारत में सोना न केवल valuable है, बल्कि यह खुशी और समृद्धि का प्रतीक भी है।

निष्कर्ष

सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव हमेशा रहेगा, लेकिन मौजूदा आर्थिक हालात और त्यौहारों की मांग इसे एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं।

अपने investment को समझदारी से करें और बाजार की गतिविधियों पर ध्यान रखें।

इस तरह, सोने का निवेश न केवल एक आर्थिक निर्णय है, बल्कि यह हमारे समाज, संस्कृति, और भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।

सही समय पर सही निर्णय लेकर, आप अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं!

Dearness Allowance – केंद्रीय कर्मचारियों को DA बढ़ोतरी का इंतजार

केंद्रीय सरकारी कर्मचारी DA (Dearness Allowance) में बढ़ोतरी की घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

तो, सरकार द्वारा DA कब बढ़ाया जा सकता है?

विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय सरकार अक्टूबर में DA बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती है।

हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है।

आमतौर पर, यह घोषणा दीपावली के समय के आस-पास होती है।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार अक्टूबर में 3-4 प्रतिशत DA बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती है।

Dearness Allowance (DA) क्या है?

Dearness Allowance (DA) वह रकम है जो कर्मचारियों को महंगाई के असर को कम करने के लिए उनकी बेसिक सैलरी का एक प्रतिशत दिया जाता है।

यह हर छह महीने में एक बार बढ़ाया जाता है, ताकि जीवन के खर्चों में बढ़ोतरी को ध्यान में रखा जा सके।

DA बढ़ोतरी का उदाहरण:

DA बढ़ोतरी का मतलब है कर्मचारियों को मिलने वाली महंगाई भत्ता में वृद्धि।

सरकार आमतौर पर इसे समय-समय पर घोषित करती है।

एक न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार, अगर किसी कर्मचारी की सैलरी ₹30,000 है और उनकी बेसिक सैलरी ₹18,000 है,

तो वर्तमान में उन्हें ₹9,000 का DA मिल रहा है, जो कि उनकी बेसिक सैलरी का 50% है।

वर्तमान स्थिति:

बेसिक सैलरी: ₹18,000
वर्तमान DA: ₹9,000
अगर DA में 3% बढ़ोतरी होती है:

नया DA = ₹9,000 + ₹540 (जो कि ₹18,000 का 3% है)

संशोधित DA: ₹9,540
अगर DA में 4% बढ़ोतरी होती है:

नया DA = ₹9,000 + ₹720 (जो कि ₹18,000 का 4% है)

इतिहास में, सरकार ने ये घोषणाएं दीपावली के आसपास की हैं,

जबकि जनवरी की DA बढ़ोतरी की घोषणा होली के आस-पास मार्च में की जाती है।

केंद्र सरकार आमतौर पर कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए हर साल दो बार DA और Dearness Relief बढ़ाती है,

जनवरी और जुलाई में, और इसकी घोषणा मार्च और अक्टूबर के शुरुआती हफ्तों में होती है।

Ayushman Bharat Scheme पर पंजाब सरकार की स्पष्टता

पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में Ayushman Bharat Scheme मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना(AB-MMSBY) को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की।

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के फंड का कोई दुरुपयोग नहीं हुआ है

और पंजाब को अभी भी 249 करोड़ रुपये का बकाया मिलना बाकी है।

डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि यह योजना 20 अगस्त, 2019 को शुरू की गई थी,

जिसका उद्देश्य हर परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का नकद रहित स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करना है।

पंजाब में इस योजना के तहत 44.99 लाख परिवारों को कवर किया गया है और 772 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है,

जिनमें 210 सरकारी और 556 निजी अस्पताल शामिल हैं।

Ayushman Bharat Scheme: 28 लाख परिवारों का बोझ राज्य सरकार उठाती

इस योजना का बजट केंद्र और राज्य सरकार के बीच 60:40 के अनुपात में है,

जिसमें 16.65 लाख सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एस.ई.सी.सी.) परिवारों के लिए केंद्र सरकार का योगदान होता है।

बाकी 28 लाख परिवारों का बोझ राज्य सरकार उठाती है।

मंत्री ने कहा कि पिछले शासन में इस योजना को बीमा मोड में चलाया जा रहा था,

जिसमें प्रीमियम का भुगतान किया जाता था।

लेकिन 29 दिसंबर 2021 को बीमा कंपनी के साथ हुए अनुबंध को अचानक रद्द कर दिया गया, जिससे प्रणाली में विघटन आया।

डॉ. बलबीर ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने इस टूटी-फूटी प्रणाली को पुनर्स्थापित करने का कठिन कार्य किया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि 16.65 लाख एस.ई.सी.सी. परिवारों के लिए 585 करोड़ रुपये के क्लेम बनते थे,

जिसमें से केंद्र को लगभग 350.74 करोड़ रुपये का भुगतान करना था।

लेकिन अब तक सिर्फ 169.34 करोड़ रुपये ही पंजाब की स्वास्थ्य एजेंसी को प्राप्त हुए हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास अभी भी 249.81 करोड़ रुपये की राशि बकाया है,

जिसमें 51.34 करोड़ रुपये प्रशासनिक खर्च और 17.07 करोड़ रुपये पुराने बकाए शामिल हैं।

डॉ. बलबीर: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से मुलाकात

डॉ. बलबीर ने कहा कि राज्य स्वास्थ्य एजेंसी की एक टीम ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से मुलाकात कर बकाया भुगतान की मांग की,

लेकिन अब तक इन प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार के फंडों का दुरुपयोग नहीं हुआ है

और सभी फंड का उपयोग सिर्फ जनहित के लिए किया जा रहा है।

मंत्री ने अस्पतालों को भुगतान में देरी के कारणों की जानकारी देते हुए बताया

कि फरवरी 2024 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी (एन.एच.ए.) द्वारा जारी किए गए नए सॉफ्टवेयर में तकनीकी समस्याएं आई हैं।

हालांकि, स्वास्थ्य एजेंसी ने इस समस्या का समाधान करने के लिए तात्कालिक कदम उठाए हैं।

डॉ. बलबीर ने बताया कि पंजाब सरकार सेवा प्रदान करने के इच्छुक निजी अस्पतालों को इस योजना के तहत इलाज करने के लिए अधिकृत करेगी।

यदि कोई निजी अस्पताल इस योजना के तहत इलाज करने में असमर्थ है,

तो उसे योजना से बाहर रहने का विकल्प दिया जाएगा।

उन्होंने अंत में कहा कि पंजाब सरकार हर पहलू, जैसे सुरक्षा और फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट की वैधता बढ़ाने में निजी अस्पतालों के साथ सहयोग कर रही है।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए डॉ. बलबीर सिंह ने योजना की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने और लोगों को सही जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है।

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