पंजाब में पूर्व सैनिकों के लिए नया सुनहरा दौर!

पंजाब के रक्षा सेवाएं कल्याण, स्वतंत्रता सेनानी और बागवानी विभाग के Minister Mohinder Bhagat ने हाल ही में मोहाली के फेज 10 स्थित सैनिक सदन में पूर्व सैनिकों की भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की।

उन्होंने बताया कि भगवंत मान की सरकार राज्यभर में जिला रक्षा सेवाएं कल्याण कार्यालयों को मजबूत करने का प्रयास कर रही है,

ताकि पूर्व सैनिकों को अधिक सुविधाएं मिल सकें।

Minister Mohinder Bhagat मीडिया और पूर्व सैनिकों के साथ बातचीत

मंत्री ने अपने पहले दौरे के दौरान मीडिया और पूर्व सैनिकों के साथ बातचीत की,

जिसमें उन्होंने मौजूदा सेवाओं का निरीक्षण किया और कुछ कमियों को दूर करने का वादा किया।

उन्होंने बताया कि ये कार्यालय पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की आवश्यकताओं का ध्यान रखते हैं

और उनकी मांगों को राज्य सरकार के सामने उठाते हैं।

इस मौके पर मंत्री ने 1965 के कारगिल नायक मेजर बलजीत सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम और शहीदों का सम्मान हर नागरिक के दिल में होना चाहिए,

और हमें उनके परिवारों का ख्याल रखना चाहिए।

मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि पंजाब सरकार, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में,

पूर्व सैनिकों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी और उन्हें हमेशा सम्मानित समझा जाएगा।

शहीदों के परिवारों के लिए एक करोड़ रुपये राशि

मंत्री ने शहीदों के परिवारों के लिए एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की,

जो कि उनकी याद में एक श्रद्धांजलि है।

उन्होंने आश्वासन दिया कि युद्ध विधवाओं के लिए एकमुश्त मानदेय और दिव्यांग पेंशन में असमानता को जल्द ही दूर किया जाएगा।

इसके साथ ही, मंत्री ने जिला रक्षा सेवा कल्याण कार्यालय मोहाली द्वारा संचालित सैनिक इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया।

उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में ऐसे कई संस्थान स्थापित किए गए हैं,

जहां भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा दी जाती है।

अब तक, 1107 छात्र इस संस्थान से उत्तीर्ण हो चुके हैं और वर्तमान में 120 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं।

इस अवसर पर, रक्षा सेवा कल्याण विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) भूपिंदर सिंह ढिल्लों ने मंत्री को विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी।

शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की पत्नी भी समारोह में मौजूद थीं,

जिन्होंने मंत्री से लंबित दायित्वों के निपटान का आश्वासन प्राप्त किया।

मंत्री ने जिला अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे परिवारों की मांगों पर त्वरित कार्रवाई करें

और उन्हें समय पर पूरा करें। इस कार्यक्रम में एडीसी (ज) विराज एस तिड़के और एसडीएम दमनदीप कौर भी उपस्थित थे।

पंजाब सरकार का यह कदम पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए एक नई आशा लेकर आया है,

जिससे उनकी समृद्धि और कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति संभव होगी।

पंजाब में सिख विरासत का संरक्षण: दीवान टोडर मल्ल की विरासत संजोने की मुहिम

Kultar Singh Sandhwan: दसवें सिख गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों के अंतिम संस्कार के लिए मुगलों के आदेशों की अवहेलना करने वाले दीवान टोडर मल्ल की विरासत अद्वितीय है।

खस्ता हाल दीवान टोडर मल्ल हवेली, जिसे जहाज हवेली के नाम से भी जाना जाता है,

को संरक्षित करने और उसे विरासती रूप देने के लिए सभी पक्षों का सहयोग अनिवार्य है।

Kultar Singh Sandhwan : हाल ही में हुई बैठक के दौरान

पंजाब विधानसभा सचिवालय में हाल ही में हुई बैठक के दौरान, पंजाब विधानसभा के स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां ने कहा,

“हमारा उद्देश्य सिख पंथ की इस महान विरासती इमारत को संरक्षित कर कौम को समर्पित करना है

ताकि आने वाली पीढ़ियां इससे परिचित हो सकें और अपने इतिहास पर गर्व कर सकें।

” उन्होंने दीवान टोडर मल्ल विरासती फाउंडेशन पंजाब द्वारा किए जा रहे

प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्य शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी

और पंजाब सरकार के पर्यटन एवं पुरातत्व विभाग के सहयोग से संपन्न होगा।

स्पीकर ने दीवान टोडर मल्ल की अद्वितीय बहादुरी को याद करते हुए कहा,

“जब छोटे साहिबजादों को इस्लाम न स्वीकारने के आरोप में जीवित दीवार में चिनवाया जा रहा था,

तब दीवान टोडर मल्ल ने मुगलों के आदेशों की परवाह न करते हुए सोने के सिक्के बिछाकर जमीन का एक टुकड़ा खरीदा था।

” उन्होंने साहिबजादों के पवित्र शरीर मिलने के बाद उनका अंतिम संस्कार भी किया, जो उनके साहस और श्रद्धा को दर्शाता है।

खविंदर सिंह काहने ने बताया

विरासती फाउंडेशन के अध्यक्ष स. लखविंदर सिंह काहने ने बताया

कि फाउंडेशन दीवान टोडर मल्ल हवेली के पुराने रूप को बहाल करने के लिए पूरी श्रद्धा से सेवा कर रही है।

इस दिशा में आगे बढ़ते हुए, ब्रिटिश लाइब्रेरी लंदन से 1911 की हवेली की तस्वीर प्राप्त की गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जहाज हवेली को 18वीं सदी का रूप दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, “हम एस.जी.पी.सी. और पंजाब सरकार के सहयोग से हवेली को उसके पुरातन रूप में तैयार करने में सफल होंगे।”

उन्होंने यह भी बताया कि इस मकसद के लिए डेढ़ एकड़ जमीन फाउंडेशन द्वारा खरीदी गई है।

इस अवसर पर दीवान टोडर मल्ल विरासती फाउंडेशन पंजाब द्वारा विरासती स्थलों

और इमारतों की देखभाल के विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम द्वारा अब तक की गई खोज पर एक प्रस्तुति भी दी गई।

इस टीम ने हवेली के पुरातन रूप को बहाल करने के संबंध में अपनी पूरी रूपरेखा साझा की।

बैठक में फतेहगढ़ साहिब के विधायक स. लखबीर सिंह राय,

पंजाब पर्यटन एवं पुरातत्व विभाग की निदेशक श्रीमती अमृत सिंह, एस.एस.पी. फतेहगढ़ साहिब डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल,

और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

सभी ने दीवान टोडर मल्ल की विरासत को संरक्षित करने के इस प्रयास की सराहना की।

दीवान टोडर मल्ल की अद्वितीय विरासत को संरक्षित करने का यह प्रयास न केवल सिख समुदाय के लिए,

बल्कि पूरे पंजाब के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

आने वाली पीढ़ियों को अपने इतिहास से परिचित कराना और गर्वित बनाना इस पहल का मुख्य उद्देश्य है।

Samsung ने दी Innovation को नई उड़ान, Echotech और Metal ने किया धमाल

सैमसंग इंडिया ने अपने प्रमुख नेशनल एजुकेशन और इनोवेशन कॉम्पीटिशन “Solve for Tomorrow 2024” के तीसरे संस्करण की विजेता टीमों की घोषणा की है।

इस बार की विजेता टीमों में इको टेक इनोवेटर को स्कूल ट्रैक में कम्युनिटी चैम्पियन का खिताब दिया गया, जबकि मेटल टीम ने यूथ ट्रैक में एनवायरनमेंट चैम्पियन का टाइटल अपने नाम किया।

इस प्रतियोगिता ने यह दिखाया है कि कैसे बड़े भारतीय शहरों के अलावा, दूरदराज के इलाकों से भी प्रतिभाएं सामने आ रही हैं।

इको टेक इनोवेटर ने गैर-संदूषित पीने के पानी की समान पहुंच के लिए एक अनोखा आइडिया विकसित किया है।

इस टीम को अपने प्रोटोटाइप को आगे बढ़ाने के लिए 25 लाख रुपये का सीड अनुदान दिया गया है।

वहीं, मेटल ने भूमिगत जल से आर्सेनिक को दूर करने की तकनीक विकसित की है,

जिसके लिए उसे आईआईटी दिल्ली में इनक्यूबेशन के लिए 50 लाख रुपये का अनुदान मिला है।

Solve for Tomorrow 2024 : कार्यक्रम का उद्देश्य देश के युवाओं

इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाली सभी 10 टीमों को 1 लाख रुपये और सभी सदस्यों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।

“सॉल्व फॉर टुमॉरो” कार्यक्रम का उद्देश्य देश के युवाओं को सशक्त बनाना है

ताकि वे असली जीवन की समस्याओं का समाधान कर सकें

और अपने इनोवेटिव आइडियाज के जरिए समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

 

सैमसंग साउथवेस्ट एशिया के प्रेसिडेंट और सीईओ जेबी पार्क ने कहा,

“हमें सॉल्व फॉर टुमॉरो के इस साल के संस्करण में सभी प्रतिभागियों द्वारा दिखाए गए नवाचार और रचनात्मकता पर गर्व है।

हमारी सीएसआर पहल के माध्यम से, हम बच्चों को उनके समुदायों

और पर्यावरण की बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक साधन, मार्गदर्शन और अवसर प्रदान करना चाहते हैं।”

अगली पीढ़ी के युवा तकनीक और नवाचार

इको टेक इनोवेटर और मेटल की उपलब्धियाँ यह साबित करती हैं

कि अगली पीढ़ी के युवा तकनीक और नवाचार के जरिए सार्थक बदलाव ला सकते हैं।

जेबी पार्क ने उम्मीद जताई कि इन युवा आविष्कारकों के आइडियाज हकीकत बनेंगे

और लंबे समय तक उनका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।

सॉल्व फॉर टुमॉरो कार्यक्रम की शुरुआत 2010 में अमेरिका में हुई थी,

और अब यह प्रतियोगिता 63 देशों में आयोजित की जा रही है।

इस प्रतियोगिता में अब तक 2.3 मिलियन से अधिक युवाओं ने भाग लिया है,

जो इस पहल की लोकप्रियता और प्रभाव को दर्शाता है।

सैमसंग का यह कार्यक्रम न केवल युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित कर रहा है,

बल्कि समाज के लिए भी नई संभावनाएँ पैदा कर रहा है।

इन नवाचारों से यह स्पष्ट होता है कि युवा पीढ़ी कैसे अपने विचारों से समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।

श्री हरिमंदिर साहिब में संगत के लिए नई राहत: नई तख्तियों का आगाज, सेवादारों की बढ़ी जिम्मेदारी!

Golden Temple : श्री हरिमंदिर साहिब में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शिरोमणि कमेटी ने एक नई पहल की है।

हाल ही में, श्रद्धालुओं की जागरूकता और सुविधा को ध्यान में रखते हुए लाल अक्षरों में लिखी नई तख्तियां लगाई गई हैं।

इस कदम का उद्देश्य संगत को अधिक स्पष्टता और आसानी से जानकारी उपलब्ध कराना है।

Golden Temple : पूर्व में लगाए गए तख्तियों की दिक्कतें

पिछले समय में, श्री हरिमंदिर साहिब के चारों दरवाजों, परिक्रमा और सरोवर के किनारों पर पीले और नीले रंग की तख्तियां लगाई गई थीं।

इनमें मोबाइल फोन का उपयोग न करने और सरोवर में प्रसाद व सूखे पत्ते न फेंकने जैसी हिदायतें लिखी हुई थीं।

लेकिन, श्रद्धालुओं को इन तख्तियों को पढ़ने में दिक्कतें आती थीं, खासकर धूप के कारण।

इसी को देखते हुए, मैनेजर नरिंदर सिंह मथरेवाल ने कहा

कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के दिशा-निर्देशों पर यह महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है।

Golden Temple : नई तख्तियों की विशेषताएं

नई तख्तियों पर अब लाल अक्षरों में महत्वपूर्ण जानकारी लिखी गई है, जिससे उन्हें पढ़ना आसान हो गया है।

मथरेवाल ने बताया कि धूप के कारण पहले की तख्तियों पर लिखा पढ़ना कठिन था,

इसलिए इन बदलावों से श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिलेगी।

सेवादारों की जिम्मेदारी

इसके अलावा, परिक्रमा के चारों ओर सेवादारों की ड्यूटियां भी सख्त कर दी गई हैं।

यह सेवादार श्रद्धालुओं को श्री हरिमंदिर साहिब की मर्यादा के प्रति जागरूक करते हैं और उनके सवालों का समाधान करते हैं।

आई कार्ड की अनिवार्यता

शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष ने यह भी निर्णय लिया है कि हर सेवादार और अधिकारी के लिए आई कार्ड बनवाना अनिवार्य होगा,

ताकि उनकी पहचान स्पष्ट हो सके। इससे श्रद्धालुओं को किसी भी समस्या के समय सही व्यक्ति से संपर्क करने में आसानी होगी।

शिकायत निवारण प्रणाली

गुरु घर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह सुनिश्चित किया गया है

कि यदि उन्हें सेवादारों से किसी प्रकार की परेशानी होती है,

तो वे संबंधित कमरा नंबर 56 में आकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

इन शिकायतों की गहनता से जांच की जाएगी और संबंधित सेवादारों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

इस नई पहल के माध्यम से, श्री हरिमंदिर साहिब में श्रद्धालुओं की सुविधा को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

यह कदम न केवल संगत के अनुभव को बेहतर बनाता है,

बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल भी प्रदान करता है।

शिरोमणि कमेटी की यह जिम्मेदारी यह दर्शाती है कि श्रद्धालुओं की भलाई हमेशा उनकी प्राथमिकता है।

Red Cross ने जरूरतमंदों के लिए बढ़ाया हाथ, समाज सेवा की नई मिसाल!

साहिबजादा अजीत सिंह नगर में ज़िला Red Cross सोसाइटी ने एक बार फिर सामाजिक जिम्मेदारी का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।

डिप्टी कमिश्नर श्रीमती आशिका जैन के नेतृत्व में, यह संस्था लगातार जरूरतमंदों की मदद के लिए काम कर रही है।

राशन, दवाइयां, कपड़े और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराकर ज़रूरतमंद परिवारों की सहायता की जा रही है।

Red Cross : सामुदायिक सहायता का कार्य

रेड क्रॉस सोसाइटी की यह पहल न केवल जरूरतमंदों के लिए सहारा बनी है,

बल्कि यह समाज में एकजुटता और सहयोग का संदेश भी फैलाती है।

संस्था ने फर्स्ट एड ट्रेनिंग, जन औषधि स्टोर योजना और रक्तदान शिविरों का आयोजन कर स्वास्थ्य सेवा को भी प्राथमिकता दी है

। यह कदम न केवल जरूरतमंदों की मदद कर रहा है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता को भी बढ़ा रहा है।

महादुर्गा अष्टमी उत्सव का आयोजन

इस कड़ी में, ज़िले के घग्गर कुष्ठ आश्रम, मुबारकपुर, डेराबस्सी में महादुर्गा अष्टमी उत्सव 9 अक्टूबर से 11 अक्टूबर 2024 तक मनाया जाएगा।

इस उत्सव में पंजाब के विभिन्न ज़िलों से कुष्ठ प्रभावित लोग शामिल होंगे।

रेड क्रॉस शाखा ने इस आयोजन के लिए राशन उपलब्ध कराया है, जिससे इन लोगों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।

अधिकारियों की उपस्थिति

इस अवसर पर श्री विराज श्यामकरण तिड़के, आईएएस, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर-कम-सीनियर उपाध्यक्ष ने कहा

कि रेड क्रॉस सोसाइटी हमेशा जरूरतमंदों की मदद के लिए तत्पर रहती है।

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यह सेवाएं भविष्य में भी जारी रहेंगी।

कार्यक्रम में श्री हरबंस सिंह, सचिव, ज़िला रेड क्रॉस शाखा भी उपस्थित थे, जिन्होंने इस पहल की सराहना की।

Red Cross : समाज सेवा का संदेश

रेड क्रॉस की यह पहल यह साफ करती है कि समाज की सेवा में हर कदम पर रेड क्रॉस का हाथ हमेशा मददगार है।

यह संस्था केवल आपातकालीन सहायता देने तक सीमित नहीं है,

बल्कि यह समाज के विभिन्न वर्गों की जरूरतों को समझते हुए निरंतर प्रयास करती है।

साहिबजादा अजीत सिंह नगर में रेड क्रॉस सोसाइटी की गतिविधियों ने न केवल जरूरतमंदों को सहारा दिया है,

बल्कि समाज में मानवता और सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।

ऐसे समय में जब समाज में एकजुटता की आवश्यकता है, रेड क्रॉस जैसी संस्थाएं निस्संदेह एक प्रेरणा का स्रोत हैं।

आने वाले समय में, इनकी सेवाओं का विस्तार और अधिक लोगों की मदद के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।

Sharad Navratri 2024 – 9 अक्टूबर Maa Kalratri की पूजा

Sharad Navratri 2024 : 9 अक्टूबर 2024, नवरात्रि का सातवां दिन है, जो देवी दुर्गा के उग्र और विनाशकारी रूप Maa Kalratri को समर्पित है।

सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कालरात्रि अपने भक्तों के जीवन से सभी नकारात्मक शक्तियों और भय को समाप्त करती हैं,

और उन्हें साहस, शक्ति, और शांति का वरदान देती हैं।

Sharad Navratri 2024 : Maa Kalratri का स्वरूप और महत्त्व

मां कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत उग्र और शक्तिशाली है। उनका रंग काला है और वे अपने विकराल रूप में विनाशकारी शक्तियों का नाश करती हैं।

उनके चार हाथ हैं—दोनों ऊपरी हाथों में अस्त्र-शस्त्र धारण करती हैं,

जबकि अन्य दो हाथ अभय और वरद मुद्रा में होते हैं।

उनके इस स्वरूप में उनका वाहन गधा होता है,

और उनका यह रूप नकारात्मक शक्तियों को समाप्त करने के लिए जाना जाता है।

मां कालरात्रि के आशीर्वाद से भक्तों को भय और कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है,

साथ ही उन्हें साहस और आत्मविश्वास प्राप्त होता है।

यह दिन उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो अपने जीवन की बाधाओं और कष्टों से बाहर आना चाहते हैं,

क्योंकि मां कालरात्रि उन्हें शक्ति और सुरक्षा प्रदान करती हैं।

नवरात्रि सप्तमी का रंग – शाही नीला

नवरात्रि के सातवें दिन भक्त पारंपरिक रूप से शाही नीले रंग के वस्त्र पहनते हैं।

यह रंग सम्पन्नता, शांति, और गहराई का प्रतीक है।

शाही नीला रंग मां कालरात्रि के शक्तिशाली, फिर भी शांत और स्थिर रूप का प्रतिनिधित्व करता है।

यह रंग दर्शाता है कि मां कालरात्रि, अपनी विनाशकारी शक्तियों के बावजूद, अपने भक्तों के जीवन में शांति और स्थिरता लाती हैं।

इस दिन भक्तों को मां कालरात्रि के आगे नतमस्तक होकर पूजा करनी चाहिए

और उनसे अपने जीवन की सभी नकारात्मकताओं और भय को समाप्त करने की प्रार्थना करनी चाहिए।

भक्त मां को नारियल, गुड़, और ताजे फूलों का भोग अर्पित करते हैं और उनसे साहस, शक्ति और आशीर्वाद की कामना करते हैं।

कोलकाता में श्रीभूमि क्लब का भव्य पंडाल, हो गईं दुर्गा पूजा की शुरुआत !

Sreebhumi Durga Puja Pandal : कोलकाता के लेक टाउन इलाके में, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब के भव्य पंडाल का उद्घाटन किया।

आपको बता दे कि महालया के दिन को दुर्गा पूजा के आधिकारिक शुरुआत के रूप में मनाया जाता है,

माना जाता है कि तब देवी दुर्गा राक्षस महिषासुर का वध करने के बाद पृथ्वी पर आती हैं।

Sreebhumi Durga Puja Pandal : पंडाल की सजावट में भव्यता का विशेष ध्यान

श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब, जो राज्य के मंत्री सुजीत बोस के संरक्षण में आयोजित होता है,

इस साल तिरुपति के प्रसिद्ध भगवान विष्णु मंदिर की शानदार प्रतिकृति बनाई है।

पंडाल की सजावट में भव्यता का विशेष ध्यान रखा गया है, जहां भगवान विष्णु की एक विशाल प्रतिमा भी स्थापित की गई है।

पंडाल का ये शानदार डिजाइन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और दर्शकों को आकर्षित कर रहा है।

हर साल दुर्गा पूजा के दौरान, कोलकाता सहित पूरे पश्चिम बंगाल में विभिन्न पंडालों को खास थीम्स पर सजाया जाता है,

जो पूजा की जीवंतता और उत्सव के माहौल को अनूठे तरीके से प्रदर्शित करते हैं।

इस बार भी, राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई पंडालों को खासतौर से आकर्षक डिजाइन और थीम पर आधारित बनाया गया है,

जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन रहे हैं।

इन थीम्स का मुख्य उद्देश्य पंडालों की भव्यता और रचनात्मकता से लोगों का ध्यान खींचना होता है,

जिससे इस त्यौहार की धूमधाम और बढ़ जाती है।

इसी दौरान, ममता बनर्जी ने घोषणा की कि दुर्गा पूजा का उत्सव अब आधिकारिक तौर पर शुरू हो चुका है।

उन्होंने यह भी कहा कि महालया के बाद वे कई और पंडालों का उद्घाटन करने वाली हैं।

इसके साथ ही, मुख्यमंत्री कुछ पंडालों और देवी दुर्गा की मूर्तियों का वर्चुअल उद्घाटन भी करेंगी,

ताकि वह उन जिलों के लोगों से भी जुड़ सकें, जहां वे स्वयं उपस्थित नहीं हो सकतीं।

इस साल दुर्गा पूजा की शुरुआत 9 अक्टूबर से होगी

और देवी दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के साथ यह भव्य पर्व 13 अक्टूबर को समाप्त होगा।

जैसे-जैसे दुर्गा पूजा के दिन करीब आ रहे हैं, राज्यभर में उत्साह और उल्लास का माहौल छा गया है,

और पंडालों की सजावट से लेकर पूजा की तैयारियों तक, चारों ओर भक्ति और उमंग का वातावरण देखने को मिल रहा है।

Navratri 2024 – 9 रंगों के साथ देवी के नौ रूपों की पूजा

Navratri 2024 : नवरात्रि, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और पूजनीय त्योहार है, जो देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर नामक राक्षस पर विजय प्राप्त करने की खुशी में मनाया जाता है।

यह नौ दिवसीय उत्सव देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा को समर्पित होता है, जहाँ हर दिन एक विशेष देवी और उसके गुणों को समर्पित होता है।

हर दिन एक विशिष्ट रंग से जुड़ा होता है, जिसे पहनकर भक्त देवी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

Navratri 2024 : दिनवार रंग, देवी के नाम और हर दिन का महत्व

पहला दिन: 3 अक्टूबर 2024

रंग: पीला
देवी: देवी शैलपुत्री
महत्त्व: पीला रंग खुशी, प्रकाश, और ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिन देवी शैलपुत्री की पूजा होती है, जो पर्वतराज की पुत्री हैं और स्थिरता, शांति और शक्ति का प्रतीक हैं।

पीला रंग धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह का संचार होता है।

Navratri 2024 :  दूसरा दिन: 4 अक्टूबर 2024

रंग: हरा
देवी: देवी ब्रह्मचारिणी
महत्त्व: हरा रंग विकास, शांति और नए आरंभ का प्रतीक है। इस दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है, जो तपस्या और भक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं।

हरा रंग धारण करने से शांति और समृद्धि आती है, जो एक नए और बेहतर जीवन की शुरुआत का प्रतीक है।

तीसरा दिन: 5 अक्टूबर 2024

रंग: ग्रे (धूसर)
देवी: देवी चंद्रघंटा
महत्त्व: ग्रे रंग स्थिरता और शक्ति का प्रतीक है। इस दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा होती है, जो शौर्य और साहस का प्रतिनिधित्व करती हैं।

यह रंग जीवन की स्थिरता और आंतरिक शक्ति को बढ़ाने का संकेत देता है।

Navratri 2024 : चौथा दिन: 6 अक्टूबर 2024

रंग: नारंगी
देवी: देवी कुशमंडा
महत्त्व – नारंगी रंग उत्साह, गर्मी और ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिन देवी कुशमंडा की पूजा की जाती है, जो सृष्टि की रचनाकार हैं।

मान्यता है कि देवी कुशमंडा दुनिया में गर्मी और जीवन का संचार करती हैं।

नारंगी रंग पहनने से रचनात्मकता और खुशी में वृद्धि होती है।

यह रंग ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक होता है, जो हमारे जीवन में उत्साह और उत्सव की भावना को बढ़ाता है।

पांचवां दिन: 7 अक्टूबर 2024

रंग: सफेद
देवी: देवी स्कंदमाता
महत्त्व: सफेद रंग शांति और पवित्रता का प्रतीक है। इस दिन देवी स्कंदमाता की पूजा होती है, जो भगवान कार्तिक की मां हैं।

देवी स्कंदमाता मातृत्व, पोषण और शांति की प्रतीक हैं। यह रंग आपके अंदर की शांति और संतुलन को उजागर करता है।

देवी स्कंदमाता का आशीर्वाद हमें मातृत्व की ममता और बच्चों के प्रति स्नेह भाव से भर देता है।

इस दिन सफेद रंग पहनने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।

छठा दिन: 8 अक्टूबर 2024

रंग: लाल
देवी: देवी कात्यायनी
महत्त्व: लाल रंग शक्ति और जुनून का प्रतीक है। इस दिन देवी कात्यायनी की पूजा होती है, जो दुर्गा के उग्र और शक्तिशाली रूप का प्रतिनिधित्व करती हैं।

लाल रंग धारण करने से साहस, शक्ति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

सातवां दिन: 9 अक्टूबर 2024

रंग: शाही नीला
देवी: देवी कालरात्रि
महत्त्व: शाही नीला रंग राजसी, शांति, और समृद्धि का प्रतीक है।

देवी कालरात्रि, जो अज्ञानता और अंधकार का नाश करने वाली हैं, की पूजा इस दिन होती है।

यह रंग आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति को बढ़ाता है और हमें सुरक्षा प्रदान करता है।

आठवां दिन: 10 अक्टूबर 2024

रंग: गुलाबी
देवी: देवी महागौरी
महत्त्व: गुलाबी रंग करुणा, प्रेम, और सौंदर्य का प्रतीक है। इस दिन देवी महागौरी की पूजा की जाती है,

जो शुद्धता और सुंदरता का प्रतिनिधित्व करती हैं।

गुलाबी रंग धारण करने से सौम्यता और कृपा का अनुभव होता है, जो देवी के दयालु और पोषक स्वभाव का प्रतीक है।

नौवां दिन: 11 अक्टूबर 2024

रंग: बैंगनी
देवी: देवी सिद्धिदात्री
महत्त्व: बैंगनी रंग आध्यात्मिकता, समृद्धि, और महत्वाकांक्षा का प्रतीक है।

नवरात्रि के अंतिम दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, जो सिद्धियों और ज्ञान की दात्री मानी जाती हैं।

बैंगनी रंग धारण करने से महत्वाकांक्षा, धन और आध्यात्मिक प्रगति का आशीर्वाद मिलता है।

Navratri 2024 – मां कात्यायनी का स्वरूप और महत्त्व

Navratri 2024 : शारदीय नवरात्रि, जिसे महा नवरात्रि भी कहा जाता है, भारत भर में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है,

जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार सितंबर और अक्टूबर के बीच आता है।

यह पर्व हिंदू चंद्र माह अश्विन के दौरान मनाया जाता है और देवी दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित होता है।

यह नौ दिवसीय उत्सव 3 अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ है और 12 अक्टूबर 2024 को दशहरा के साथ समाप्त होगा।

आज है नवरात्रि का छठा दिन चलिए आपको बताते है इसकी ख़ासियत –

आज, 8 अक्टूबर 2024, नवरात्रि का छठा दिन है, जो मां कात्यायनी की पूजा के लिए समर्पित है।

मां कात्यायनी देवी पार्वती के सबसे उग्र रूपों में से एक हैं,

जिनकी पूजा शक्ति और सुरक्षा के लिए की जाती है।

इस दिन भक्तों को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और ताजे कपड़े पहनने चाहिए।

पूजा के स्थान को स्वच्छ करें और मां कात्यायनी की मूर्ति पर ताजे फूल चढ़ाएं।

मंत्र जाप और पूजा करते समय, अपने हाथों में कमल के फूल रखें।

देवी को प्रसाद के रूप में शहद अर्पित करें

और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।

Navratri 2024 : मां कात्यायनी का महत्व

मां कात्यायनी को देवी पार्वती के योद्धा रूप के रूप में जाना जाता है,

जो महिषासुर नामक दानव को पराजित करने के लिए प्रकट हुई थीं।

उनका रूप अत्यंत उग्र और शक्तिशाली माना जाता है।

भक्त मां कात्यायनी की पूजा करते हैं ताकि उन्हें साहस, बल और जीवन की बाधाओं से निपटने की शक्ति प्राप्त हो।

नवरात्रि का छठा दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपने जीवन की चुनौतियों और कठिनाइयों को दूर करना चाहते हैं,

क्योंकि मां कात्यायनी को अपने भक्तों को आंतरिक शक्ति और सफलता प्रदान करने वाली देवी माना जाता है।

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, देवी पार्वती का जन्म ऋषि कट्य के घर हुआ था,

जिसके कारण इस रूप को मां कात्यायनी कहा जाता है। यह देवी दुर्गा का छठा रूप है,

जिसे विशेष रूप से शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है।

Navratri 2024 :  मां कात्यायनी का स्वरूप

मां कात्यायनी एक शानदार शेर की सवारी करती हैं। उनका स्वरूप चार भुजाओं वाला है।

उनके बाएँ हाथ में एक कमल का फूल और एक तलवार होती है, जबकि उनके दाएँ हाथ अभय मुद्रा और वरदा मुद्रा में होते हैं।

अभय मुद्रा में उनका हाथ भक्तों को निर्भयता और सुरक्षा का आशीर्वाद देता है,

और वरदा मुद्रा से वह भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने वाली मानी जाती हैं।

नवरात्र मेले में कानूनी जागरूकता शिविर, श्रद्धालुओं को दी गयी उनके अधिकारों की जानकारी

Mata Mansa Devi Temple में नवरात्र मेले के अवसर पर कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अजय कुमार घनघस ने बताया

कि प्राधिकरण के निर्देशानुसार ये शिविर नियमित रूप से आयोजित किए जा रहे हैं।

Mata Mansa Devi Temple : कानूनी अधिकारों की जानकारी

इन शिविरों में पैनल अधिवक्ता और एडवोकेट छात्र श्रद्धालुओं को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

सदस्य सचिव राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण एस.पी. सिंह और जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष वीपी सिरोही के मार्गदर्शन में यह जागरूकता शिविर आयोजित किया जा रहा है।

शिविर का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना है ताकि किसी भी प्रकार के अधिकारों का हनन न हो सके।

इस शिविर में घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा कानून, दहेज और कानून, सूचना का अधिकार, मौलिक अधिकार और कर्तव्य, और प्रथम सूचना रिपोर्ट जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई।

Mata Mansa Devi Temple : महिलाओं की भागीदारी

शिविर में महिलाओं सहित अन्य लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और कानूनी जानकारी का लाभ उठाया।

अजय कुमार घनघस ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में कानूनी जागरूकता फैलाना है,

जिससे महिलाएं और अन्य लोग अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें।

विधिक सहायता परामर्शदाता

शिविर में विधिक सहायता परामर्शदाता श्री प्रदीप गुप्ता, सुश्री सरला चहल, सुश्री सोनिया सैनी

और श्री विनोद कुमार शर्मा ने स्टॉल पर उपस्थित होकर लोगों की मदद की।

इसके अलावा, स्वामी देवी दयाल लॉ कॉलेज, बरवाला और सरकारी कॉलेज सेक्टर 1,

पंचकुला के कानून के छात्रों ने भी इस शिविर में भाग लिया,

जिससे युवा विद्यार्थियों को भी इस कानूनी जागरूकता अभियान में शामिल होने का अवसर मिला।

राष्ट्रीय लोक अदालत

इस शिविर में लोगों को प्राधिकरण की कानूनी सहायता योजनाओं के बारे में भी जागरूक किया गया।

विशेष रूप से, 14 दिसंबर 2024 को जिला न्यायालय, पंचकुला और उप-मंडल,

कालका में आयोजित होने वाली आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी जानकारी दी गई।

यह अदालत लोगों के लिए कानूनी समस्याओं का समाधान करने का एक अच्छा अवसर है, जिससे वे अधिक से अधिक लाभ उठा सकें।

इस तरह के जागरूकता शिविर समाज में कानून के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

लोगों को उनके अधिकारों की जानकारी मिलती है, जिससे वे अपने कानूनी मामलों में सक्षम बनते हैं।

नवरात्र मेले के दौरान इस प्रकार के शिविर का आयोजन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है,

क्योंकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं, और यह अवसर उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जानने का मौका देता है।

इस तरह के आयोजन से न केवल लोगों को जानकारी मिलती है, बल्कि समाज में जागरूकता का स्तर भी बढ़ता है।

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