Delhi के Safdarjung Hospital का मामला, वीडियो हुआ VIRAL!

Safdarjung Hospital

Delhi के Safdarjung Hospital से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुन कर आप लोग भी हैरान हो जाएंगे।

आपको बता दें की हाल ही में एक IPS अधिकारी एक रेजिडेंट डॉक्टर से गाली-गलौच करता नज़र आया।

जिसकी CCTV फुटेज भी सामने आई है। चलिए बताते है कि क्या है पूरा मामला –

बृजेंद्र कुमार यादव की पत्नी : Safdarjung Hospital  में भर्ती कराया

IPS अधिकारी बृजेंद्र कुमार यादव की पत्नी, IPS अधिकारी Anita Roy को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

जिसके बाद उनका पोस्ट-सर्जिकल समस्याओं के कारण इलाज चल रहा था

लेकिन 24 नवंबर को की रात को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में अस्थायी रूप से कामकाजी रुकावट आ गई।

जिसके कारण IPS अधिकारी बृजेंद्र कुमार यादव का गुस्सा काबू में नहीं रहा और उन्होंने डॉक्टर के साथ गाली-गलौच करना शुरू कर दिया।

जिसके बाद से उनका ये CCTV फुटेज सोशल मीडिया पर काफी तेज़ी से वायरल हो गया।

इतना ही नहीं बल्कि यादव ने डॉक्टर को उनके करियर के बारे में धमकी भी दी।

वायरल हुई इस फुटेज में हम देख सकते है कि यादव को डॉ. लक्ष्या (जो अस्पताल के सर्जरी विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर हैं) के पास aggressively जा रहे है।

वे अपने साथ कुछ पुलिसकर्मियों को भी लेकर आए थे।

वीडियो में वह डॉक्टर की ओर अंगुली उठाकर कहते हैं,

“जितना पढ़के आया है ना, उससे दोगुना मैं पढ़ चुका हूं, तो यह मत समझो कि तुम अनिवार्य हो।”

डॉ. लक्ष्या ने उनसे शांति से बात करने की विनती की

यह सब सुनने के बाद जब डॉ. लक्ष्या ने उनसे शांति से बात करने की विनती की,

तो यादव ने कहा, “मैं शांति से ही बात कर रहा हूं।

” साथ ही बता दें कि रेजिडेंट डॉक्टर को गाली दी गई और उनके करियर को लेकर धमकी दी गई

जब वह मरीज का इलाज कर रहे थे।

उनके सहकर्मी और सीनियर डॉक्टरों ने इस पर गुस्से में आकर अस्पताल के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की,

लेकिन अफसोस की बात है कि उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

इसके बाद उन्हें इमरजेंसी वार्ड में अपनी ड्यूटी रोकनी पड़ी, जब तक यह मामला सही तरीके से सुलझ नहीं गया।

सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने IPS अधिकारी के व्यवहार की निंदा की और उनसे माफी की मांग की।

लोगो का कहना है कि IPS बृजेंद्र कुमार यादव ने एक ऐसा व्यवहार किया जो ना केवल शर्मनाक था,

बल्कि अस्वीकार्य भी था। इस तरह का व्यवहार, खासकर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी से, बहुत निंदा के योग्य है

और साथ ही यह स्वास्थ्यकर्मियों की गरिमा का उल्लंघन करता है, जो दिन-रात मरीजों की सेवा करते हैं।