PM Justin Trudeau – कनाडा के 23वें प्रधानमंत्री और पिछले एक दशक से लिबरल पार्टी के नेता जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लिया।
जी हाँ, बता दें कि उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा कर सभी को चौंका दिया।
करीब नौ साल तक सत्ता में रहने वाले 53 वर्षीय नेता ने ओटावा में एक भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने सफर, चुनौतियों और एक ऐसी गलती पर बात की, जो उन्हें आज भी परेशान करती है।
उन्होंने कहा, “अगर मुझे किसी एक बात का पछतावा है, खासकर इस चुनाव के करीब आते हुए,
तो वह यह है कि हम अपने देश में सरकारें चुनने का तरीका बदल नहीं पाए।
मैं चाहता था कि लोग अपने बैलट पर दूसरी या तीसरी पसंद भी चुन सकें।”
PM Justin Trudeau – ट्रूडो का इस्तीफा
ख़ास बात ये है कि ट्रूडो का इस्तीफा ऐसे समय में आया है
जब लिबरल पार्टी की लोकप्रियता में गिरावट, अंदरूनी विवाद, और विपक्षी कंज़र्वेटिव पार्टी के बढ़ते प्रभाव से जूझ रही है।
ट्रूडो ने स्वीकार किया कि इन चुनौतियों का सामना करना उनके लिए अब असंभव हो गया है।
उन्होंने कहा, “इस देश को अगले चुनाव में एक सही विकल्प चाहिए,
और यह साफ हो गया है कि अगर मुझे अंदरूनी लड़ाई लड़नी पड़े, तो मैं चुनाव में सबसे अच्छा विकल्प नहीं बन सकता।”
2015 में पहली बार जब ट्रूडो ने लिबरल पार्टी को जीत दिलाई थी, तो उन्हें एक सुधारवादी नेता के रूप में देखा गया था।
उन्होंने देश के कई मुद्दों को समर्थन देकर और अपने व्यक्तित्व से ग्लोबल स्टार का रूप ले लिया था।
लेकिन हाल के वर्षों में महंगाई, पार्टी के अंदरूनी विवाद और काफी असफलताओं को लेकर उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
नेता पियरे पोइलिवरे का प्रभाव
जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद अब कनाडा में कंज़र्वेटिव पार्टी और उनके नेता पियरे पोइलिवरे का प्रभाव बढ़ता दिखाई दे रहा है।
पोइलिवरे ने ट्रूडो की नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “हम खर्च पर लगाम लगाएंगे,
टैक्स घटाएंगे, अपराध रोकेंगे, घर बनाएंगे और कनाडा को पहले स्थान पर रखेंगे।
” ट्रूडो के इस्तीफे के बाद लिबरल पार्टी के नेतृत्व के लिए दौड़ तेज हो गई है।
संभावित उम्मीदवारों में मार्क कार्नी , विदेश मंत्री मेलानी जोली, और खुद क्रिस्टिया फ्रीलैंड का नाम शामिल है।
जिसके बाद अब संसद की कार्यवाही भी 24 मार्च तक स्थगित कर दी गई है,
जिससे पार्टी को खुद को फेरबदल करने का समय मिल सके।
अब देखना ये होगा कि क्या ट्रूडो के इस्तीफे के बाद कनाडा की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव आएगा? ये तो आने वाला समय ही बताएगा!